संविधान दिवस पर हिंदू देवी देवता पर अशोभनीय टिप्पणी
सच की दस्तक डेस्क चन्दौली
लॉर्ड बुुद्धा डॉक्टर अंबेडकर सेवा समिति के तत्वाधान में अग्रवाल सेवा संस्थान मुगलसराय में स्वतंत्र भारत में भारतीय संविधान की महत्ता की विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता अर्जुन प्रसाद आर्य ने की।इस कार्यक्रम में शिरकत कर रही डॉ शोभना ने उस मंच पर अमर्यादित शब्दों का सीमा लांघ कर हिंदू देवी, देवताओं पर न केवल अमर्यादित टिप्पणी की बल्कि हिंदू देवी की पूजा करने वाले पाखंडी होते हैं। देवी देवताओं में कोई भी शक्ति नहीं होती। केवल शोपीस की तरह रहते हैं और हिंदू उसकी पूजा करते हैं वह गलत करते हैं। उन्हें नहीं करना चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि कार्यक्रम संविधान को परिभाषित करने का था ।संविधान से क्या मिला ? उस पर चर्चा होनी थी लेकिन विषय से हटकर महिला वक्त्ता ने जिस अमर्यादित भाषा का प्रयोग हिंदी हिंदू देवी देवताओं के लिए किया वरना केवल शर्मनाक था बल्कि असहनीय । उक्त बातें कार्यक्रम में शिरकत कर रहे लोगों ने सच की दस्तक से वार्ता के दौरान कहा। पत्रकारिताा धैर्य और संयम को परिभाषित करता है लेकिन इस तरह की टिप्पणीी किसीी भी पत्रकार कोो शोभा नहीं देता । स्त्रियों द्वारा सोमवार को व्रत किए जाने को भी डॉ शोभना पाखंड बता दिया। सभा में अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया जाना चर्चा का विषय बना रहा ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार दद्दू प्रसाद ने कहा कि संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है जिसकी रक्षा करना हम सब भारतीय का कर्तव्य बनता है। कार्यक्रम को राजभाषा अधिकारी दिनेश चंद्रा ने भी सम्बोधित किया।