बाबा कीनाराम शिव अवतार : बाबा सिद्धार्थ गौतम राम
चन्दौली से जितेंद्र मिश्रा की रिपोर्ट –
बाबा कीनाराम की जन्मस्थली, तपस्थली, व कर्मस्थली पर चल रहे तीन द्विवसीय जन्मोत्सव समारोह के तीसरे व अंतिम दिन गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए क्रीं-कुण्ड के पीठाधीश्वर बाबा सिद्धार्थ गौतम रामजी ने भक्तां को आर्शीवचन देते हुए कहा कि अघोंरेश्वर बाबा कीनाराम भगवान शिव के शिवअवतार थे।
कीनाराम की अद्भूद शक्तियां पूरे विश्व में अघोर पंथ का पताका फहराया। बाबा कीनाराम शदियों पूर्व समाज व देश मे फैली जातिपात, छुआछूत,भेदभाव आदि कुरितियों के खिलाफ अलख जगाकर बाबा कीनाराम ने लोगों को जगृत किया। उन्होने मानव जीवन का उद्देश्य समझाया लोगां का भक्ति का मार्ग दिखाया। बाबा कीनाराम के वचनों, आदर्शो चरित्रों व उनके नाम का स्मरण करने से एक आत्मभूति उत्पन्न होती है। जो स्वंय एक उदाहरण है। इस दौरान दूर दराज से आये वक्ताओं ने बाबा कीनाराम के चरित्रों का विस्तृत वर्णन किया। महात्मा गाधा काशी विद्यापीठ के कुलपति टीएन सिंह ने बाबा की कृतियों पर वर्णन करते हुए कहा कि बाबा अघोराचार्य की महिमा अपार थी। वर्तमान समय के लगभग 400वर्ष पूर्व मुगल शासक में उत्पीड़न, समाज में व्याप्त कुरूतियों, अस्पृश्यता, भेदभाव को मिटाकर समता मूलक समाज कीस्थापना की। बाबा ने समाज को एक नई दिशा व दशा देने का कार्य करते हुए उसे पोषित किया। दुसरे वक्ता के रूप मे शिक्षक विधायक चेतनारायण सिंह ने बाबा कीनाराम के जीवन बृत्त पर प्रकाश डालते हुए लोगों को बताया कि बाबा के जन्मोत्सव के दौरान आये समस्त श्रद्धालू भक्तगण अगर हम बाबा कीनाराम के एक भी आर्दश का सच्चे मन पालन करते तो वही हमारी निष्ठा व भक्ति होगी।
इस अवसर डॉ0जय प्रकाश पाण्डेय, रमेश सिंह,डा.हरिशचन्द्र सिंह, डा0 गया सिंह, राजेन्द्र पाण्डेय, सूर्यनाथ सिंह, प्रभुनारायण सिंह लल्ला अमृत प्रकाश सिंह, आशुतोष सिंह, उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र पाण्डेय व धनन्जय सिंह ने किया तथा आये हुए अतिथियों का स्वागत व अंगवस्त्र व तैलचित्र देकर कार्यक्रम अजित सिंह ने सम्मानित किया।
जन्मोत्सव के तीसरे दिन भक्तां का उमड़ा रेला रामगढ़ स्थित अधोर पीठ में आयोजित 420वां जन्मोत्सव समारेह के तीसरे दिन श्रद्धालुओं का हुजुम उमड़ पड़ा आश्रम के मुख्य द्वार पर ही महिलाएं व पुरूष कतार बद्ध होकर बाबा के दर्शन पुजन किए। मेले में बाबा कीनाराम इण्टर कालेज के प्रागण में लगे झूले, चरखी इत्यादि का बच्चों ने जमकर लुफ्त उठाया। आश्रम में बज रहे घंट घड़ियाल से पूरा बातावरण कीनाराम मय हो गया। इस दौरान दूर दराज से आये कलाओं ने अपनी प्रस्तुति पेश कर लोगो से जमकर बाहबाही लूटी।
बाबा जन्मोत्सव के अंतिम दिन लाखां लोगो ने जाकर बाबा के दर्शन पूजन किया। विशालकाय बने पंण्डाल मे कतारबद्ध होकर खिचड़ी व हलवे का प्रसाद ग्रहण कर धन्य हुए। पास में स्थित चार घाट वाले कुए के जल ग्रहण करने के लिए भारी भीड़ जुटी रही। कुए का जल पीकर श्रद्धालुओं अपने-अपने रोगों से छुकारा पाने में लगे। मेले में चाक चौबन्द व्यवस्था रही। लेकिन दर्जनों महलाओं के सिकड़ी गायब करने वाला गिरोह मोबाइल व पर्श उड़ाते रहे। दर्शनार्थी व क्षेत्रीय जनता विजली विभाग के प्रति काफी आक्रोशित रही।