GST Return दाखिल न करने पर बैंक अकाउंट हो सकता है फ्रीज, रजिस्ट्रेशन भी हो सकता है कैंसिल
जीएसटीReturn (वस्तु एवं सेवा कर रिटर्न) दाखिल न करना अब कारोबारियों पर भारी पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जीएसटी रिटर्न दाखिल न करने वालों का बैंक अकाउंट फ्रीज हो सकता है या फिर उनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो सकता है। जीएसटी रिटर्न दाखिल न करने के मामले में वित्त मंत्रालय ने इसे स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का एक हिस्सा बना दिया है।
करदाताओं को या तो मासिक रूप से (सामान्य सप्लायर के मामले में) या तिमाही (कंपोजीशन स्कीम चुनने वाले सप्लायर के मामले में) जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की जरूरत होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि लगभग 20 फीसद जीएसटी एसेसी रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं। इस कारण सरकार का राजस्व प्रभावित होता है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम (CBIC) ने जीएसटी भुगतान में डिफॉल्ट करने वालों से निपटने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार किया है।
अगर नियत तारीख को जीएसटी का भुगतान नहीं किया गया तो डिफॉल्टर्स के पास सिस्टम जेनरेटेड नोटिस भेजा जाएगा। अगर जीएसटी की बकाया राशि का भुगतान पांच दिन के भीतर क्लियर नहीं किया गया तो फॉर्म 3-ए के तहत एक नोटिस भेजा जाएगा। इस नोटिस के बाद 15 दिनों के भीतर भुगतान करना अनिवार्य होगा।
अगर 15 दिनों के भीतर भी जीएसटी का भुगतान नहीं किया जाता है तो संबंधित व्यक्ति की कर देनदारी की गणना एक अधिकारी करेगा। फिर वह अधिकारी फॉर्म GST ASMT-13 जारी करने के बाद रिटर्न की रिकवरी की मांग कर सकता है।
सीजीएसटी एक्ट के सेक्शन 29 के तहत दी गई समयसीमा के भीतर भी अगर भुगतान नहीं किया जाता है तो फिर वह अधिकारी रजिस्ट्रेशन को कैंसिल करने की कार्रवाई कर सकता है। सीजीएसटी एक्ट के सेक्शन 83 के तहत कमिश्नर अस्थाई तौर पर जब्ती कर सकता है ताकि राजस्व का नुकसान न हो।
इस एक्ट में स्पष्ट किया गया है कि जीएसटी करदाता को सुनने का अवसर दिए बिना रजिस्ट्रेशन को कैंसिल नहीं किया जा सकता।