पूर्वी लद्दाख विवाद : भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की बातचीत शुरू

भारत और चीन के बीच चल रही कमांडर स्तर की बातचीत शुरू हो गयी है. इसमें भारत उन सभी बातों को रखेगा जिससे उसकी अखंडता और संप्रभुता पर संकट उत्पन्न होता है.
- इससे पहले शुक्रवार शाम दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के अफसरों के बीच चर्चा हुई थी
- भारत की ओर से 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह बैठक में शामिल होंगे
नई दिल्ली।
लद्दाख में भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद पर जल्द ही बड़ा अपडेट आने जा रहा है. दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की बातचीत शुरू हो गयी है.
बता दें कि कमांडर स्तर की बातचीत शनिवार सुबह लगभग 9 बजे लद्दाख में चुशूल के पास चीन की सीमा में मोल्दो में शुरू हो गई. भारतीय सैनिक दल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह कर रहेे हैं.
लंबे समय से चल विवाद के खत्म होने का समय
आपको बता दें कि एक महीने से लद्दाख में भारत और चीन के सैनिक एक-दूसरे के सामने डटे हुए हैं. इस तनाव को दोनों देशों के बीच 2017 में डोकलाम की घटना के बाद सबसे बड़ा सैनिक तनाव माना जा रहा है.
गलवान घाटी में चीनी सैनिक एलएसी से आगे आ गए और साथ ही आसपास की पहाड़ियों पर भी उन्होंने अधिकार कर लिया. यहां भारत की तरफ से अपने इलाके में बनाई जा रही सड़क और पुल को चीनियों ने अपने आक्रामक रवैए का बहाना बना लिया.
फिंगर 4 से पीछे हटे चीन
गौरतलब है कि चीन ने कारगिल संघर्ष के दौरान पूर्वी लद्दाख में फिंगर 5 तक सड़क बना ली जबकि भारत की सड़क फिंगर 3 तक जाती है. चीन फिंगर 2 तक अपना दावा करता है. इस समय भारतीय औऱ चीनी सैनिक फिंगर 4 के पास एक-दूसरे के सामने बैठे हैं.
बातचीत के दौरान भारत चीन से हर हालत में फिंगर 4 से पीछे जाने के लिए कहेगा. साथ ही भारत उन बख्तरबंद गाड़ियों और तोपों को भी पीछे ले जाने के लिए कहेगा जिन्हें चीन अप्रैल और मई में आगे लेकर आया है.
आपको बता दें कि मोदी सरकार चीन को उसी की भाषा में जवाब देना जानती है. पहले भी चीन ने जब दुस्साहस किया है तब तब मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत के बहादुर सैनिकों ने चीनी सैनिकों के होश ठिकाने लगाए हैं. डोकलाम विवाद के समय भी चीन को ही पीछे हटना पड़ा था.
भारत के शानदार कूटनीतिक जाल के आगे चीन के सैनिकों ने अपनी तैनाती में आक्रामकता कम की है. गलवान घाटी में चीनी सैनिक थोड़ा पीछे हट गए हैं. उन्होंने अपने कैंप भी कम कर लिए हैं. पेंगांग झील में अभी भी फिंगर फोर पर दोनों देश के सैनिक आमने-सामने हैं।
इस महीने झड़पें कहां, कब और कैसे हुई?
(1) तारीख- 5 मई, जगह- पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील
उस दिन शाम के वक्त इस झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-5 इलाके में भारत-चीन के करीब 200 सैनिक आमने-सामने हो गए। भारत ने चीन के सैनिकों की मौजूदगी पर ऐतराज जताया। पूरी रात टकराव के हालात बने रहे। अगले दिन तड़के दोनों तरफ के सैनिकों के बीच झड़प हो गई। बाद में दोनों तरफ के आला अफसरों के बीच बातचीत के बाद मामला शांत हुआ।
(2) तारीख- संभवत: 9 मई, जगह-
उत्तरी सिक्किम में 16 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद नाकू ला सेक्टर
यहां भारत-चीन के 150 सैनिक आमने-सामने हो गए थे। आधिकारिक तौर पर इसकी तारीख सामने नहीं आई। हालांकि, द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां झड़प 9 मई को ही हुई। गश्त के दौरान आमने-सामने हुए सैनिकों ने एक-दूसरे पर मुक्कों से वार किए। इस झड़प में 10 सैनिक घायल हुए। यहां भी बाद में अफसरों ने दखल दिया। फिर झड़प रुकी।
(3) तारीख- संभवत: 9 मई, जगह- लद्दाख
जिस दिन उत्तरी सिक्किम में भारत-चीन के सैनिकों में झड़प हो रही थी, उसी दिन चीन ने लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अपने हेलिकॉप्टर भेजे थे। चीन के हेलिकॉप्टरों ने सीमा तो पार नहीं की, लेकिन जवाब में भारत ने लेह एयरबेस से अपने सुखोई 30 एमकेआई फाइटर प्लेन का बेड़ा और बाकी लड़ाकू विमान रवाना कर दिए। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हाल के बरसों में ऐसा पहली बार हुआ जब चीन की ऐसी हरकत के जवाब में भारत ने अपने लड़ाकू विमान सीमा के पास भेजे।