जल्द ही चॉकलेट और ड्राइफूड फ्लेवर में बाजार में मिलेगा मखाना

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भागलपुर के सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से भागलपुर में जल्द ही मखाना हेल्दी फूड के रूप में बाजार में मिलेगा। बियाडा में प्रोसेसिंग मशीन लगाई जा रही है। इसमें मखाना को प्रोसेस कर पैकेट फूड तैयार किया जाएगा। चॉकलेट और ड्राइफूड फ्लेवर में यह एक माह के अंदर बाजार में आएगा। इसे आसानी से गर्म दूध और पानी में घोलकर इस्तेमाल कर सकते हैं।

बीएयू के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ• आर• के• सोहाने ने कहा कि स्टार्टअप के लिए बीएयू न केवल तकनीकी प्रशिक्षण देता है, बल्कि वित्त परामर्श और अनुदान भी देता है। यह प्रयोग के तौर पर है। अगर इसमें सफलता मिलती है तो इस तरह के व्यवसाय से अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ा जाएगा। सबौर एग्री इन्क्यूबेटर्स (सबाग्री) बीएयू में स्टार्टअप के तहत ऐसे युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है।

निदेशक प्रसार शिक्षा ने बताया कि मखाना का उपयोग नाश्ते के रूप में आसानी से कर सकते हैं। यह डस्ट फॉर्म में रहेगा। इसे गर्म दूध या पानी में घोलकर आसानी से उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बीएयू के सहयोग से बाजार का सर्वे भी कराया। इसमें स्कूल, डॉक्टर, बैंक सहित अन्य संस्थानों के लोगों ने नाश्ते के रूप में इस तरह के फूड की जरूरत की बात कही है।

डॉ• सोहाने ने कहा कि पूर्णिया और कटिहार से मखाना मंगवाया जा रहा है। 15-20 क्विंटल मखाना शुरुआती दौर में मंगवाया जा रहा है। मांग बढ़ने पर अन्य जगहों से भी मंगवाया जाएगा। मखाना दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल व सीतामढ़ी में काफी होता है।

मखाने में 9.7 प्रतिशत प्रोटीन, 76 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 12.8 प्रतिशत नमी, 0.1 प्रतिशत वसा, 0.5 प्रतिशत खनिज लवण व 0.9 प्रतिशत फॉस्फोरस रहता है। मखाना में एंटी-ऑक्सीडेंट और कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, जो जोड़े के दर्द से आपको दूर रखता है।

विदित हो कि मखाना कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखता है। इससे दिल की बीमारी के खतरे कम होता है। सुपाच्य है। इससे अच्छी नींद आती है। तनाव कम होता है। मांसपेशियों में होने वाली अकड़न को भी कम करता है।

Sach ki Dastak

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