चंदौली में सीओ की दरियादिली क्षेत्र में बना चर्चा

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चंदौली से जितेंद्र मिश्रा की रिपोर्ट

भारतीय संस्कृति व मानवता से ओतप्रोत चन्दौली के सकलडीहा  के क्षेत्राधिकारी त्रिपुरारी पाण्डेय की क्षेत्र में खास गरीब तबके के लोगों में भगवान का स्वरूप लेता जा रहा हैं, जहॉ कमजोर तबके लोग भूरी-भूरी प्रशंसा करते नही थक रहे है। पुलिस विभाग में ईमानदारी का परचम लहराने वाले सीओ जमीनी हकीकत को आत्मसात कर गरीब तबके के लोगों का निःस्वार्थ सहयोग करना आम बात बन गया है। बिगत दो माह पूर्व नरैना गांव राजेन्द्र राम और जयराम राम की पुत्रीयां शौच के दौरान मार्ग पर दुर्घटना होने पर जिला चिकित्सालय द्वारा जबाब मिल जाने के बाद परिजन मायूस हो गये तो सीओ ने अपने वाहन से वाराणसी इलाज हेतु निजी चिकित्सालय में ले जहां डाक्टरों ने तत्काल आपरेशन की बात कही परिजन गरीबी की मार झेल रहे थे इलाज कराना सम्भव नही हो पा रहा था। जिनकी मजबूरी को भापते हुए त्रिपुरारी पाण्डेय ने अपना एटीएम कार्ड निकाल कर दे दिया और साथ में एक सिपाही की ड्यूटी भी लगा दी इलाज में एक लाख तीस हजार रूपये व्यय हुए जब बच्चियां अपने घर आई तो वह सीओ कार्यालय अपने भगवान का आर्शिवाद लेने पहुच गयी। यह कोई आम बात नही हैं सीओ द्वारा आए दिन सड़क दुर्घटना में घायल लोगां का इलाज अपने निजी खर्च से कराना दिनचर्या बन गया है। दुसरी तरफ गरीब, असहाय, लाचार, मासूम को शिक्षित करने की उनकी मुहीम रंग लाने लगी। अब तक लगभग तीन दर्ज्ान से ज्यादा गरीब बच्चों का नामांकन क्षेत्रीय स्कूलों में कराकर उनको शिक्षित किया जा रहा है बल्कि समय-समय पर उनका हाल चाल लेना आम बात बन गयी। वैसे भी अगर गौर करे तो इस धरती पर अनेको लोगो ने इस तरह के कारनामे ंकर जनता का लोकप्रिय बने रहे। जबकि प्रशासनिक स्तर पर रहकर ईमानदारी पूर्वक अपने राजकीय व सामाजिक दायित्यों का निर्वहन करने वालो की श्रेणी में आते जा रहे है। इसके पूर्व जब चन्दौली वाराणसी जनपद मे था तो उस आईएस भूरेलाल का नाम अग्रणी रहा, उनके जाने के बाद लम्बा समय व्यतीत होने के उपरान्त विकास प्राधिकरण के बाबा हरदेव का नाम सामने आया। जब जनपद चन्दौली अलग हे गया तो सीअे सकलडीहा के रूप में त्रिपुरारी पाण्डेय का नाम आ गया है। वैसे भी गौर करे तो जिस प्रकार एक सर्किल अधिकारी द्वारा अपने दायित्यों को अमली जामा पहनाया जा रहा तो उनके अधिनस्थां व आलाधिकारियों को भी सोचना चाहिए। जिससे वे भी जनता में लोकप्रिय बनकर सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए इतिहास के पन्नो में अपना नाम दर्ज करा सके।

Sach ki Dastak

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