विजयदशमी पर भारत को मिला पहला राफेल-
- राजनाथ सिंह ने फ्रांस से प्राप्त किया पहला राफेल विमान
- दशहरे के मौके पर की राफेल विमान की शस्त्र पूजा
- राफेल एक फ्रेंच शब्द है, जिसका मतलब है ‘आंधी’
- थोड़ी देर में राफेल विमान में उड़ान भरेंगे राजनाथ सिंह
भारत में शस्त्र पूजा की परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है। महाराणा प्रताप की इस धरती पर राजपूत राजा दुश्मनों को रणभूमि में छक्के छुड़ाने से पहले अस्त्र-शस्त्र की पूजा करते रहे हैं। इसी परंपरा का पालन करते हुए भारतीय सेना में भी विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजा की जाती है. शायद इसी परंपरा को निभाने के लिए राफेल (Rafale) विमान का अधिग्रहण विजया दशमी के दिन हो रहा है।
विजयदशमी के मौके पर फ्रांस ने भारत को पहले राफेल लड़ाकू विमान सौंप दिया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह राफेल को लेने के लिए खुद फ्रांस पहुंचे हुए हैं। फ्रांस की रक्षामंत्री ने भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पहला राफेल लड़ाकू विमान सौंपा।
विमान मिलेने के बाद राजनाथ सिंह ने शस्त्र पूजा की और उसके बाद फ्रांस की कंपनी दसौ से खरीदे गए लड़ाकू विमान राफेल विमान में उड़ान भरी। दसौ के साथ हुए सौदे की पहली खेप के तहत भारत 4 राफेल विमान हासिल करेगा।
इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में आज दशहरा का त्योहार है जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। इसमें बुराई पर जीत का जश्न मनाते हैं। इसके साथ ही आज 87वां वायु सेना दिवस भी है, इसलिए यह दिन कई मायनों में खास बन गया है।
बता दें कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय दौरे पर पेरिस गए हैं। उनकी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों के बीच पैरिस में एक बैठक हुई। दोनों के बीच बैठक 35 मिनट तक चली। इस दौरान फ्रांस के रक्षा मंत्री भी मौजूद रहे। इस बैठक में भारत की ओर से आठ लोग शामिल हुए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पेरिस में एक फ्रांसीसी सैन्य विमान में सवार होकर राफेल लड़ाकू विमान को हासिल करने के लिए पेरिस से मेरिनयाक पहुंचे।
फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंचने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि फ्रांस पहुंचकर मैं खुश हूं। यह देश भारत का अहम साझेदार है। उन्होंने ने लिखा फ्रांस के साथ हमारा यह खास रिश्ता औपचारिक संबंधों से भी ज्यादा गहरा और लंबा है। फ्रांस की मेरी यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच के सामरिक साझेदारी का विस्तार करना है।
राजनाथ सिंह ने कहा, 36 राफेल एयरक्राफ्ट को लेकर 2016 में करार किया गया था। मुझे खुशी है कि राफेल विमानों की डिलीवरी तय समय पर हो रही है, मुझे विश्वास है कि इससे हमारी वायुसेना में और मजबूती आएगी।
उन्होंने कहा कि राफेल एक फ्रेंच शब्द है। जिसका मतलब है ‘आंधी’। मुझे उम्मीद है कि राफेल अपने नाम को चरितार्थ करेगा। हमारा फोकस वायुसेना की क्षमता बढ़ाने पर है। मैं फ्रांस का शुक्रगुजार हूं।
उन्होंने पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति जैकी शिराज को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, मैं भारत सरकार और देश जनता की तरफ पूर्व राष्ट्रपति जैकी सिराज को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने भारत-फ्रांस के बीच रणनीतिक संबंध स्थापित करने में हमारे पूर्व पीएम अटलजी के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
दसौ के संयंत्र में होगा कार्यक्रम-
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को राफेल सौंपने का कार्यक्रम पेरिस से करीब 590 किलोमीटर दूर विमान की निर्माता कंपनी दसौ एविएशन के संयंत्र में है। हालांकि 36 विमानों में से पहला विमान रक्षा मंत्री को मंगलवार को ही मिल जाएगा लेकिन चार विमानों की पहली खेप अगले वर्ष मई में भारत पहुंचेगी। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता भारत भूषण बाबू ने बताया कि रक्षा मंत्री मेरीगनैक में फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले के साथ राफेल सौंपने के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इसके बाद राजनाथ सालाना रक्षा वार्ता में हिस्सा लेंगे। इसमें रक्षा और सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।
सीईओ के साथ बैठक करेंगे राजनाथ-
बाबू ने कहा कि सिंह नौ अक्टूबर को फ्रांस की शीर्ष आयुध कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान उनसे मेक इन इंडिया में भाग लेने को कहा जाएगा। संभवत: सिंह उन लोगों को 5 से 8 फरवरी तक लखनऊ में आयोजित रक्षा एक्सपो में आने का न्योता देंगे।
इंडियन एयरफोर्स में 836 विमान हैं-
अभी भारतीय वायु सेना के पास 31 स्क्वाड्रन लड़ाकू विमान हैं. राफेल (Rafale) मौजूदा विमानों के लड़ाकू विमानों के मुकाबले लंबाई-चौड़ाई में कम और हल्के वजन वाला है. इसकी लंबाई 15.27 मीटर, ऊंचाई 5.34 मीटर और इसके विंगस्पैन 35.4 फीट हैं. टू सीटर राफेल (Rafale) के बिना हथियारों के वजन 10,300 (करीब 10 टन) है. वहीं हथियारों के साथ इसका वजन 14,016 किलोग्राम हैं और इसकी रेंज 1,000 नॉटिकल मील है. अभी इंडियन एयरफोर्स में 836 विमान हैं, जिनमें से 450 विमान ही युद्ध में भूमिका निभाने लायक हैं. इसके आने से भारतीय वायु सेना की मजबूती और मारक क्षमता में बढ़ोतरी होगी।