बहीखाता :Union Budget 2019 : 3,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा भारत -वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

मोदी सरकार -2 का पहला बजट पेश करने से पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतरमण ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की।प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आई सरकार के सामने रोजगार, निवेश, कृषि सेक्टर में कई चुनौतियां हैं।इसके साथ ही बजट से पहले एक नई बात ने सुर्खियां बटोरी हैं।इस बार ब्रीफकेस में बजट नहीं आया है। इस पर चीफ इकॉनोमिक एडवाइज़र के. सुब्रमण्यम ने बताया कि ये भारतीय परंपरा है।हम पश्चिमी सभ्यता से अलग दिखना चाहते हैं क्योंकि ये बजट नहीं है, ये एक बहीखाता है।
3,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा भारत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट में कई बड़ी घोषणाएं की हैं। इन घोषणाओं में रेलवे में निजी भागीदारी बढ़ाने से लेकर देश में जल्द आदर्श किराया कानून लागू करने तक शामिल हैं। ”हर घर जल, हर घर नल” के तहत 2024 तक हर घर में नल से होगी जल की आपूर्ति। ग्रामीण बाजार से गांवों को जोड़ने के लिए सड़कों को अपग्रेड किया जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में 1,25,000 किलोमीटर लंबी सड़क को अगले पांच सालों में अपग्रेड किया जाएगा।
निर्मला सीतारमण ने कहा – पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले सेंस में कमी लेकिन इस पर एक रुपये की एक्साइज ड्यूटी लगाया गया। आयात की जाने वाली किताबें होंगी महंगी।बहुत सी योजनाओं पर मैंने ज्यादा नहीं कहा है. आम नागरिकों ने बहुत सारे प्रस्ताव हमारे सामने रखे जिसके आधार पर यह बजट तैयार किया गया।
सरकार ने 114 दिनों में जरूरतमंदों को घर बनाकर देने का लक्ष्य रखा है। इस योजना के तहत 1.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। खास बात यह है कि PSU कंपनियों की जमीनों पर भी मकान बनाएगी सरकार। इसी तरह विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए मीडिया में बढ़ेगी विदेश निवेश (FDI) की सीमा। बीमा में 100 फीसदी होगा निवेश। सिंगल ब्रांड रिटेल में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाएगी सरकार।
वित्तमंत्री यह बजट ऐसे वक्त में पेश कर रही हैं, जब देश की अर्थव्यवस्था में कमजोरी आई है। खराब मानसून की आशंका, वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती और व्यापारिक युद्ध की चुनौतियां पहले से ही सामने हैं।बढ़ते व्यापारिक तनाव की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति डांंवाडोल हो रही है। 2019 के पहले तीन महीनों में जीडीपी कम होकर 5.8 फीसदी हो चुकी है, जो पांच सालों का न्यूनतम स्तर है। भारत की आर्थिक वृद्धि दर चीन से भी नीचे जा चुकी है, जो 6.4 फीसदी रहा है।
एक साल में एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर लगेगा 2 फीसदी टीडीएस।-सीतारमण।
सस्ता घर खरीदने वालों को राहत, ब्याज पर 3.5 लाख रुपये की मिलेगी छूट।
इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की खरीद पर लिए गए लोन पर सरकार 1.5 लाख रुपये की कर छूट देगी।
2013-14 के 6.37 लाख करोड़ रुपये से 2018-19 में टैक्स कलेक्शन बढ़कर 11.37 लाख करोड़ रुपये हुआ- वित्त मंत्री।
गैर वित्तीय सरकारी कंपनी में विनिवेश के बाद भी सरकार की हिस्सेदारी 51 फीसदी से कम नहीं होगी। -वित्त मंत्री
ईमानदारी से टैक्स देने वाले करदाताओं का वित्त मंत्री ने आभार जताया।-निर्मला सीतारमण
5 सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर में 100 लाख करोड़ रुपये का होगा निवेश।-वित्त मंत्री
एक, दो, पांच, दस और 20 रुपये का नया सिक्का आएगा।-वित्त मंत्री
हाउसिंग फाइनैंस कंपनियां अब RBI की निगरानी में।-वित्त मंत्री
2019-20 के लिए सरकार ने एक लाख पांच हजार करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा। सरकारी कंपनियों को बेचकर जुटाई जाएगी रकम।-सीतारमण
बैंकिंग सुधार के बेहतर नतीजे, 4 साल में बैंकों ने वसूले 4 लाख करोड़ रुपये। NPA में एक लाख करोड़ रुपये की कमी आई। विलय के बाद देश में अब मात्र 8 सरकारी बैंक रह गए हैं और इनकी साख बढ़ाने के लिए सरकार उन्हें 70 हजार करोड़ रुपये देगी।-वित्त मंत्री
NRI को भारत आने पर मिलेगा आधार कार्ड, अब 180 दिनों के लिए नहीं करना होगा इंतजार।
देश के लिए नई शिक्षा नीति की शुरुआत। एक करोड़ छात्रों के लिए स्कॉलरशिप योजना। स्टडी इन इंडिया योजना की होगी शुरुआत।-निर्मला सीतारमण।
2 अक्टूबर 2019 तक भारत खुले में शौच से मुक्त वाला देश बन जाएगा। यही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी सपना है।
NRI (प्रवासी भारतीय) के लिए निवेश के रास्तों को आसान किया जाएगा। फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट को फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट से मिला दिया जाएगा ताकि उन्हें भारतीय शेयरों में निवेश करने में कोई परेशानी नहीं हो।-वित्त मंत्री
2 अक्टूबर 2014 के बाद से देश में 9.6 करोड़ टॉयलेट बनाए गए। 5.6 गांव खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं।-निर्मला सीतारमण
रेलवे में निजी भागीदारी बढ़ाई जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि देश को सालाना 20 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है। देश में जल्द ही आदर्श किराया कानून लागू होगा।-सीतारमण
जल स्तर में गिरावट वाले जिलों की पहचान। 256 जिलों में सरकार चलाएगी जल शक्ति अभियान।-सीतारमण
”हर घर जल, हर घर नल” का लक्ष्य। 2024 तक हर घर में नल से होगी जल की आपूर्ति।-सीतारमण
ग्रामीण बाजार से गांवों को जोड़ने के लिए सड़कों को अपग्रेड करना जरूरी है। इसके लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में 1,25,000 किलोमीटर लंबी सड़क को अगले पांच सालों में अपग्रेड किया जाना है।-सीतारमण
114 दिनों में सरकार बना कर दे रही घर। 1.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य। PSU कंपनियों की जमीनों पर मकान बनाएगी सरकार।-सीतारमण
लिस्टेड कंपनियों में न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी बढ़ाने पर जोर। सरकार ने सेबी को कहा, 25 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी हिस्सेदारी करने पर हो विचार। -सीतारमण
जीएसटी रजिस्टर्ड एमएसएमई को ब्याज में मिलेगी 2 फीसद की छूट। सरकार ने आवंटित किए 350 करोड़ रुपये। 1.5 करोड़ रुपये से कम के टर्नओवर वाले दुकानदारों को ”प्रधानमंत्री कर्म योगी मान धन” स्कीम के तहत मिलेगी पेंशन।-सीतारमण
विदेशी निवेश बढ़ाने पर होगा जोर। मीडिया में बढ़ेगी विदेश निवेश (FDI) की सीमा। बीमा में 100 फीसदी होगा निवेश। सिंगल ब्रांड रिटेल में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाएगी सरकार।
नैशनल हाईवे ग्रिड पर काम कर रही है सरकार। -सीतारमण
सबको घर देने की योजना पर गंभीरता से काम कर रही सरकार।-सीतारमण
छोटे और मझोले उद्योगों के लिए 59 मिनट में लोन को मंजूरी दी जाएगी। खुदरा दुकानदारों के लिए पेंशन की व्यवस्था की गई है।-सीतारमण
300 किलोमीटर नई मेट्रो लाइन को मंजूरी दी गई है और इलेक्ट्रिक वाहनों में विशेष छूट भी दी गई है।-सीतारमण
नीतिगत पंगुता और लाइसेंस कोटा कंट्रोल के दिन अब लद गए। भारतीय कंपनियां नौकरियां पैदा कर रही हैं और देश की संपदा को बढ़ा रही हैं। साथ मिलकर हम जबरदस्त आर्थिक तरक्की की राह पर बढ़ सकते हैं।-सीतारमण
भारतमाला, सागरमाला और उडान जैसी योजनाओं से शहरी और ग्रामीण विभाजन कम हुआ है, और इससे ट्रांसपोर्ट इंफ्रा में इजाफा हुआ है।-सीतारमण
वित्त मंत्री ने कहा 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने में हमें 55 साल लगा, और पांच सालों में हम इसमें एक ट्रिलियन डॉलर और जोड़ने में सफल रहे। -सीतारमण
इस साल भारत की अर्थव्यवस्था 3 ट्रिलियन डॉलर की होगी। भारत दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था है। 5 साल पहले यह 11वीं बड़ी अर्थव्यवस्था थी।-,निर्मला सीतारमण
मुद्रा योजना से लोगों की जिंदगी बदली है और रोजगार के लिए हमें उद्योगों में और निवेश की जरूरत है।-सीतारमण
पिछले 5 सालों में हमने दिवालिया कानून जैसे सुधार देखे हैं। इसके अलावा आम लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए भी कई योजनाएं चलाई गईं।-सीतारमण
इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमें निवेश बढ़ाना होगा। -सीतारमण
हम देश में लालफीताशाही को और कम करेंगे। कारोबारी माहौल को और बेहतर करेंगे।-सीतारमण
5 सालों के भीतर भारत की अर्थव्यवस्था 2.7 ट्रिलियन डॉलर की हुई-वित्त मंत्री।-सीतारमण
न्यू इंडिया की ओर बढ़ रहा है भारत-निर्मला सीतारमण।-सीतारमण
बजट पेश किए जाने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, वित्तीय सचिव एस सी गर्ग, मुख्य आर्थिक सलाहकार के सुब्रमण्यम और अन्य अधिकारी। 11 बजे लोकसभा में पेश होगा बजट 2019। ब्रीफकेस की बजाए लाल कपड़े में लिपटा
”बही खाता”। पहले ब्रीफकेस में पेश होता था बजट।
9.45 am: परंपरा के मुताबिक बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति से मिलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।
10.31 am: कड़ी सुरक्षा के बीच संसद भवन में लाई गई बजट की प्रति।
चुनाव से पहले मोदी सरकार का अंतरिम बजट 2019, तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पेश किया था।
रिजर्व बैंक आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के लिए इस साल तीन बार ब्याज दरों में कटौती कर चुका है, ऐसे में सबकी नजरें अब सरकार पर टिकी हुई हैं। सरकार के सामने बड़ी चुनौती राजकोषीय संतुलन को बनाने की भी है। ग्रोथ में कमी आने की वजह से सरकार के लिए राजस्व लक्ष्य को पूरा करना मुश्किल होगा। ऐसे में सरकार को कर्ज का रास्ता लेना पड़ सकता है। इसके साथ ही सब्सिडी आवंटन में कटौती हो सकती है, जिसका असर सरकार के राजकोषीय गणना पर पड़ेगा।
आर्थिक सर्वेक्षण की अहम बातें-
आर्थिक सर्वेक्षण 2019 में देश में अधिक रोजगार के मौका पैदा करने के लिए श्रम कानूनों में ढील देने का सुझाव दिया है।
वित्त वर्ष 2025 तक भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए भारत की आर्थिक विकास दर सालाना 8 फीसद होने की जरूरत है।
वित्त वर्ष 2019 में सामान्य वित्तीय घाटा 5.8 फीसद रहा जो वित्त वर्ष 2018 में 6.4% था। 5 साल में औसत मुद्रास्फीति की दर पिछले 5 साल की तुलना में आधे से कम रही।
आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ रेट 7 फीसद रहने का अनुमान जताया गया है। वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी ग्रोथ रेट पांच साल के न्यूनतम स्तर पर रहा था।
वित्त वर्ष 2019 में राजकोषीय घाटा 5.8 फीसद रहने का अनुमान आर्थिक सर्वे में जताया गया है। इसमें कहा गया है पिछले साल में ग्रोथ रेट औसत 7.5 फीसदी जितनी अधिक रही।
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि आने वाले दिनों में तेल की कीमतों में गिरावट आ सकती है। सर्वे के अनुसार, तेल कीमतों में 2019-20 में गिरावट आएगी।
2019-20 के अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट देने की घोषणा की गई थी। इस बजट में भी आयकर के मोर्चे पर अहम घोषणा किए जाने की उम्मीद है। इसके साथ ही कॉरपोरेट दर में भी कटौती किए जाने की उम्मीद है। फिलहाल 250 करोड़ रुपये से ज्यादा के कारोबारियों को 30 प्रतिशत की दर से कॉरपोरेट टैक्स देना होता है।
कल पेश हुए आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था का ब्लूप्रिंट पेश किया था। सरकार ने 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा है। सरकार ने इसके लिए 8 फीसदी आर्थिक विकास की दर का लक्ष्य रखा है।
सर्वेक्षण में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए आर्थिक विकास दर का लक्ष्य 7 फीसद रखा गया है। हालांकि यह पिछले पांच सालों में सबसे कम रही विकास दर से ज्यादा है। वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी 6.8 फीसद रही है।