भारतीय वैज्ञानिक : 20 की उम्र में किए 30 अविष्कार,लंदन तक बजा डंका

0

श्योपुर। 

राजस्थान की मांगरौल तहसील के छोटे से गांव बमौरीकलां गांव का योगेश पुत्र रामबाबू नागर श्योपुर के श्रीराधे इंस्टीट्यूट में बीएससी सेकंड ईयर का छात्र है। मात्र 20 साल के योगेश नागर ने अब तक 30 अविष्कार लोगों के सामने पेश कर दिए हैं। सपनों की उड़ान अभी बाकी है। सबसे बड़ा अविष्कार बिना ड्राइवर का ट्रैक्टर है। जिसके चर्चे लंदन की मीडिया से लेकर डिस्कवरी व हिस्ट्री चैनलों पर हो चुके हैं। योगेश अब सेना के लिए मल्टी पर्पस वाहन बनाना चाहता है। इसकी तैयारियों में वह दिन-रात एक किए हुए है।

बिना ड्राइवर के मोबाइल से ऑपरेट होने वाले ट्रैक्टर का वीडियो योगेश के दोस्तोंं ने सोशल साइट पर डाला। इसके बाद लंदन के एक अखबार ने योगेश से संपर्क किया और योगेश के इस प्रयोग को लंदन की मीडिया ने खूब सराहा। छात्र अब तक होम सिक्योरिटी सिस्टम, बिजली सेवर उपकरण, टच स्क्रीन कूलर, ईको ऐसी आदि बना चुका है। उसने अपने कई आविष्कारों को पेटेंट कराने के लिए भी ऑनलाइन आवेदन दिया है।

ड्राइवर लैस टैक्सी की खबर अखबार में पढ़ी और ट्रैक्टर बना दिया-

कुवैत में ड्राइवर लैस टैक्सी चलने की खबर एक बार अखबार में पढ़ी उसके बाद योगेश को ड्राइवर लैस ट्रैक्टर बनाने की सूझी। ऐसा सिस्टम इजाद किया जिससे एंड्राइड मोबाइल या रिमोट से ट्रैक्टर को चलाया जा सकता है। मोबाइल से ऑपरेट ट्रैक्टर से योगेश खेत की जुताई करवा चुका है। अब इसे और विकसित करते हुए ऐसा बना रहा है जिससे ट्रैक्टर बिना ड्राइवर के घर से खेत या अन्य जगहों पर जा सके।

किसानी करने वाले पिताजी के पैर में आई तकलीफ अविष्कार की जननी बन गई। योगेश ने पिता के सामने अपना सपना रखा। उन्होंने पहली बार में दो हजार रुपए दिए। इस राशि से होनहार ने रिमोट से ट्रैक्टर को आगे-पीछे चलाकर दिखाया। खुश हुए पिता ने सपना पूरा करने 50 हजार रुपए दिए। फिर क्या था छह महीने की मशक्कत के बाद अविष्कारक ने दिमाग की नसों के साथ रिमोट वाला सिस्टम भी कस दिया और तैयार कर दिया ड्राइवर लैस ट्रैक्टर।

योगेश ने किए यह अविष्कार-

 खेतोंं में सिंचाई के लिए रखे जाने वाले डबल व्हील के डीजल इंजन को योगेश ने प्रयोग के तौर पर दो घंटे तक पानी से सफलतापूर्वक चलाया। उससे खेत मेंं सिंचाई भी की।

– मोबाइल से ऑपरेट होने वाला ऐसा सिक्योरिटी सिस्टम बनाया है जो सूने घर में किसी अज्ञात के घुसने पर सक्रिय हो जाता है। सबसे पहले वह मकान मालिक के मोबाइल पर स्वतः कॉल करता है और घर व अलमारी के दरवाजों को लॉक कर देता है।

– बिना बिजली का मोबाइल चार्जर बनाया है जो पॉवर बैंक से भी सस्ता है। इस चार्जर में 6 वोल्ट का डायनमो लगा है जो, गियर बॉक्स से चलता है। एक बार चाबी घुमाने पर आधा घंटे तक गियर बॉक्स व डायनमो घूमता है। बिना बिजली का यह चार्जर मात्र डेढ़ घंटे में 3500 एमएच की मोबाइल बैट्री को फुल चार्ज कर देता है।

इनका कहना है

मेरे सभी प्रयोग ऐसे हैं जो किसान और सेना के काम आएं। पानी से चलने वाले इंजन का सफल प्रयोग कर चुका हूं। जल्द ही कार के इंजन को भी पानी से चलाकर दिखाऊंगा। मेरा सपना सेना के लिए ऐसा वाहन बनाने का है जो सड़क के साथ पानी पर चलें और तेज रफ्तार में हथियार व सैनिकांे को ले जा सकें। 

योगेश नागर, वैज्ञानिक छात्र

 

 

Sach ki Dastak

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x