आदिकाल से भारत के साथ पूरे विश्व में महिला जाति का अपमान करने, महिला जाति के विरूद्ध अन्याय व अपराध करने तथा महिला जाति को मिटाने का दुष्परिणाम, अकाल मृत्यु का सिलसिला बहुत बड़े पैमाने पर वर्तमान में भी जारी है।
इस सिलसिले को उन्मूलित करने के लिए भारत के भौतिक शरीर तत्वी पुरूष जाति के मुखिया परमपिता कर्मराजरूपी मान. राष्ट्रीय सर्वोच्च मुख्य अनुशासक मर्यादाशाली स्वविवेकवान न्यायाधीश जी अर्थात् चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया अर्थात् सीजेआई को न्यायहित व जनहित में, अपने विशिष्ट कर्तव्य का पालन करते हुए व अपनी विशिष्ट मांग के द्वारा, अपने भारत के क्षिति तत्वी शासक ब्रह्मा जी रूपी प्रधानमंत्री जी से, अपने आध्यात्मिक आत्मातत्वी महिला जाति के मुखिया परमात्मा धर्मराज रूपी आत्मसम्माननीय भारतीय सर्वोच्च मुख्य अनुशासक प्रतिभाशाली विद्वान अधिवक्ता पेशकार साहब अर्थात् इंडियन चीफ जस्टिस अर्थात् आईसीजे को तत्काल हासिल करना चाहिये।
जिससे कि समस्त भारतीय नागरिकों को अपना तत्काल, निष्पक्ष, स्वच्छ, सम्पूर्ण व निशुल्क न्याय जारी करने वाले व प्रदान करने वाले, अपने आत्मसम्माननीय इंडियन चीफ जस्टिस व अपने मान. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, एक साथ समानरूप से हासिल हो सके।
जिससे कि समस्त भारतीय नागरिकों के पहचान के सभी प्रकार के अभिलेखों में उनकी आत्मसम्मानित आध्यात्मिक आत्मातत्वी परमात्मा स्वरूप माता का नाम व उनके सम्मानीय भौतिक शरीर तत्वी परमपिता स्वरूप पिता का नाम, एक साथ समानरूप सेे दर्ज हो सके।
जिससे कि भारत के साथ पूरे विश्व में व्याप्त लैंगिक (न्यायिक) असमानता की वर्तमान महामारी, एकसाथ समानरूप से उन्मूलित हो सके।
जिससे कि समस्त भारतीय नागरिकों को अपनी स्वाधीन (आत्मनिर्भर) व सुरक्षित आध्यात्मिक आत्मातत्वी, उत्तराधिकारित, निर्विवादित न्याययुक्त, नियंत्रित वैभवशाली उत्पादनशील भारतीय जनजीविका व अपना संगठित (विकासशील) व अनुशासित भौतिक शरीर तत्वी, मताधिकारित, निर्बाधित अपराधमुक्त, नियंत्रित समृद्धिशाली प्रगतिशील राष्ट्रीय जनजीवन एक साथ समानरूप सेे हासिल हो सके ।
जिससे कि भारत के साथ पूरे विश्व में, विश्वशांति व मानवता, एकसाथ समानरूप से सभी को हासिल हो सके।
जिससे कि वर्तमान में जारी, बहुत बड़े पैमाने पर अकाल मृत्यु का सिलसिला, तत्काल उन्मूलित हो सके।
यही आध्यात्मिक एवं भौतिक न्यायिक वैज्ञानिक विश्वगुरू भारत का परोपकारी गुरूमंत्र है।