कुर्ता फाड़ हंगामे के बाद अनुच्छेद 370,35 ए खत्म –
अनुच्छेद 370 को खत्म होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर बड़ा मुद्दा भी खत्म।
गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के लिए सोमवार को ऐतिहासिक बदलाव की पेशकश की। उन्होंने यहां से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश की।इसके अनुसार, जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। लद्दाख भी अलग केंद्र शासित प्रदेश बनेगा। गृहमंत्री ने कहा, ‘ संविधान के अनुच्छेद 370(3) के अंतर्गत जिस दिन से राष्ट्रपति द्वारा इस सरकारी गैजेट को स्वीकार किया जाएगा, उस दिन से अनुच्छेद 370 (1) के अलावा अनुच्छेद 370 के कोई भी खंड लागू नहीं होंगे। इसमें सिर्फ एक खंड रहेगा।’ इस बदलाव को राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी दे दी गई है। गृहमंत्री ने कहा, ‘देश के राष्ट्रपति को अनुच्छेद 370(3) के तहत पब्लिक नोटिफिकेशन से धारा 370 को सीज करने के अधिकार हैं। जम्मू कश्मीर में अभी राष्ट्रपति शासन है, इसलिए जम्मू-कश्मीर असेंबली के सारे अधिकार संसद में निहित हैं। राष्ट्रपति जी के आदेश को हम बहुमत से पारित कर सकते हैं।’
गृहमंत्री का बयान-
गृहमंत्री ने कहा, ‘यह पहली बार नहीं, कांग्रेस ने भी 1952 और 1962 में इसी तरह अनुच्छेद 370 को संशोधित किया था इसलिए विरोध के बजाए कृप्या मुझे बोलने दें और चर्चा करें, मैं आपके सभी शंकाओं को दूर करूंगा और सभी तरह के सवालों के जवाब दूंगा।’ उन्होंने कहा,’ अनुच्छेद 370 पर ये विधेयक ऐतिहासिक है। इसकी वजह से जम्मू कश्मीर का भारत से जुड़ाव नहीं रहा। विपक्ष चाहे तो अनुच्छेद 370 को साधारण बहुमत से पारित करा सकते हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘ अनुच्छेद 370 के तहत तीन परिवारों ने सालों जम्मू कश्मीर को लूटा। इसे हटाने में एक सेकेंड की भी देरी नहीं करनी चाहिए। हमें वोट बैंक नहीं बनाना है। भाजपा के पास राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी नहीं, विपक्ष के लोग बेखौफ होकर चर्चा करें।’
संविधान फाड़ने की कोशिश –
राज्य सभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने पीडीपी के मिर फयाज और नजीर अहमद को सदन से बाहर जाने को कहा। दोनों ने संविधान फाड़ने की कोशिश की थी।
गृह मंत्री द्वारा जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन का विधेयक पेश किए जाने के बाद राज्य सभा में जोरदार हंगामा शुरू हो गया। गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है।’
कुर्ता फाड़ हंगामा के बीच बीजेपी विरोधी नारे लगे-
राज्यसभा में ‘लोकतंत्र की हत्या नहीं चलेगी’ के नारे लगाए गए। एआइएडीएमके सांसद नवानीथाकृष्णन ने कहा,’ अम्मा संप्रभुता व अखंडता के लिए जानी जाती हैं। इसलिए AIADMK पार्टी पुनर्गठन व आरक्षण विधेयकों का समर्थन करती है। बीजद सांसद प्रसन्न आर्चा ने कहा, ‘हकीकत में आज जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा बना है। मेरी पार्टी इसका समर्थन करती है। हम क्षेत्रीय दल हैं लेकिन हमारे लिए पहले राष्ट्र है।‘ बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, ‘हमारी पार्टी की ओर से पूरा समर्थन है। हम चाहते हैं कि यह विधेयक पारित हो जाए। हमारी पार्टी किसी तरह का विरोध नहीं दर्ज करा रही है।’ लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने अपना समर्थन देते हुए कहा, ‘मैं लद्दाख के नागरिकों की ओर से विधेयक का समर्थन करता हूं। जनता इसे केंद्र शासित क्षेत्र बनाना चाहती है। जो आज हो रहा है।’ एआइएडीएमके व शिवसेना की ओर से इसपर अपना समर्थन दिया है।
एमडीएमके नेता वाइको ने राज्य सभा में कहा,’मैं अनुच्छेद 370 का विरोध करता हूं। यह शर्मिंदा होने का दिन है… यह लोकतंत्र की हत्या का दिन है। जेडीयू के केसी त्यागी ने कहा, ‘हमारे प्रमुख नीतिश कुमार जेपी नारायण, राम मनोहर लोहिया व जार्ज फर्नांडीस की परंपरा को आगे ले जा रहे हैं। इसलिए पार्टी विधेयक का समर्थन नहीं करती है। हमारी सोच अलग है। हम नहीं चाहते हैं कि अनुच्छेद 370 हटाया जाए।’ इसपर नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने विरोध जताते हुए कहा कि इसके खतरनाक और गंभीर परिणाम होंगे। जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ धोखा हुआ। शिवसेना के संजय राउत ने कहा,’आज जम्मू कश्मीर लिया है। कल बलूचिस्तान, पीओके लेंगे। मुझे विश्वास है देश में प्रधानमंत्री अखंड हिंदुस्तान का सपना पूरा करेंगे।’
राज्यसभा में मार्शल बुलाने के आदेश
इस विधेयक पर विरोध दर्शाते हुए पीडीपी सांसदों ने अपने कपड़े फाड़ दिए। वहीं विरोधी दल के सांसद राज्यसभा में जमीन पर बैठ गए। राज्यसभा अध्यक्ष को सदन में मार्शल बुलाने पड़े।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने गृहमंत्री के बयान से पहले कश्मीर मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में युद्ध जैसे हालात हैं, पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद क्यों कर दिया गया है। इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘कश्मीर पर किसी भी सवाल का जवाब देने को तैयार हूं।‘ बता दें कि प्रधानमंत्री कई राज्यों के मुख्यमंत्री से बात करेंगे। 7 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करेंगे।
इसके साथ ही जम्मू कश्मीर में ये बदलाव होंगे-
जम्मू कश्मीर व लद्दाख अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश बन जाएगा। जम्मू कश्मीर का अलग झंडा नहीं होगा। कश्मीर में अन्य राज्यों से लोग भी जमीन ले सकेंगे साथ ही यहां की दोहरी नागरिकता खत्म हो जाएगी।
1. राष्ट्रपति के पास अधिकारः केंद्र सरकार के नए फैसले के मुताबिक अब जम्मू-कश्मीर पर सविंधान की धारा 356 लागू होगी। इसके मुताबिक राष्ट्रपति के पास प्रदेश की सरकार को बर्खास्त करने का अधिकार प्राप्त हो जाएगा।
2. भारतीय संसद के बढ़े अधिकारः अब तक घाटी में रक्षा, विदेश मामले, और संचार के अलावा भारतीय संसद को किसी भी कानून को बनाने के लिए अधिकार नहीं था।
भारतीय संसद को इसके लिए राज्य की सरकार से अनुमोदन कराना होता था। लेकिन अब भारतीय संसद के अधिकार बढ़ जाएंगे, अनुमोदन की जरूरत नहीं होगी।
3. पांच साल ही चलेगी सरकार: अब तक जम्मू कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 साल चलता था। लेकिन नए बदलाव के बाद ये कार्यकाल अन्य राज्यों की तरह 5 साल का होगा।
4. अल्पसंख्यकों को मिलेगा आरक्षणः आर्टिकल 370,35ए लागू होने के कारण वहां अल्पसंख्यकों को आरक्षण नहीं मिलते थे जो अब मिलेगें।
5. लागू होगा RTI: आर्टिकल 370 लागू होने की वजह से कश्मीर में आरटीआई कानून नहीं लागू होता, यानी वहां की जानकारी नहीं हासिल किया जा सकती थी लेकिन अब नए बदलाव के तहत यह भी संभव होगा।
6. नीति निदेशक होंगे लागूः आर्टिकल 370 के कारण जम्मू कश्मीर में राज्य के नीति निदेशक तत्व नहीं लागू होते थे। अब यह भी आसानी से लागू हो सकेगा।
7. खत्म होगी दोहरी नागरिकताः आर्टिकल 370 हटते ही जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को मिलने वाली दोहरी नागरिकता भी खत्म हो जाएगी।
8. ध्वज और प्रतीकों को अपमान अपराधः जम्मू-कश्मीर में देश के राष्ट्रीय ध्वज व प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं माना जाता है। लेकिन 370 हटने से देश के बाकी हिस्सों की तरह यहां भी ये गतिविधियां अपराध की श्रेणी में आएंगी।
9. एक झंडा – जम्मू-कश्मीर में अब तक अलग ध्वज था। लेकिन नए बदलाव के तहत अब घाटी में भी देश का ही झंडा लहराएगा।
10. भूमि कानून में बदलावः अनुच्छेध 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में भूमि कानून में भी बदलाव होगा।
कश्मीर मुद्दे पर सांसदों को नोटिस दिया गया –
डीएमके सांसद टीआर बालू ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। आरएसपी नेता एनके प्रेमचंद्रन और सीपीआइएम नेता एएम आरिफ ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। लोकसभा में कांग्रेस सांसदों ने बैठक की। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के राज्य सभा सांसद नजीर अहमद लावे ने कश्मीर मामले पर जीरो आवर नोटिस दिया। वहीं राष्ट्रीय जनता दल सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्यवाही निलंबित करने का नोटिस दिया। कश्मीर के हालात को लेकर विरोध दर्शाने के लिए पीडीपी के राज्यसभा सांसद नजीर अहमद लावे और मीर मोहम्मद फयाज हाथों पर काली पट्टी बांधकर संसद पहुंचे। सीपीआइ सांसद बिनोय विस्वम ने कश्मीर मुद्दे पर राज्य सभा में नियम 267 के तहत कार्यवाही निरस्त करने का नोटिस दिया है। एआइएमआइएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है। कश्मीर मुद्दे पर राज्यसभा में भी कांग्रेस सांसदों गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी और भुवनेश्वर कालिता ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, के सुरेश और मनीष तिवारी ने लोक सभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।