पण्डित हरिशंकर तिवारी जी के निधन पर हो रही छीटांकसी पर बोले कन्हैया त्रिपाठी

0

पण्डित हरिशंकर तिवारी जी के निधन पर हो रही छीटांकसी पर बोले पूर्व राष्ट्रपति जी के पूर्व ओएसडी प्रो. कन्हैया त्रिपाठी जी मुखर होकर बोले और सच की दस्तक को बताया कि आखिर! पं. हरिशंकर तिवारी से उनके कैसे सम्बंध रहे। उन्होंने कहा कि हमारे ही परिवार के यशश्वी पुरुष पण्डित हरिशंकर तिवारी जी का निधन हो गया। यह परिवार के लिए और भारतीय सांस्कृतिक सभ्यता के लिए एक अपूरणीय क्षति हुई है।

चाचा जी ने मुझे राष्ट्रपति जी के ओएसडी बनने पर मुझे जब यह कहा था कि आपने कुल का नाम रैशन किया है। पूर्वजों का मान बढ़ाया है, तो मुझे जो उस समय महसूस हुआ वह मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता।वह हमारे पूरे खानदान के लिए गौरव थे। ब्राह्मण सभ्यता के संरक्षक थे। पांच बार कैबिनेट मंत्री बने। उप मुख्यमंत्री की भी शपथ जगदंबिका पाल वाली सरकार में उन्होंने ली।वह सभ्यतागत बदलाव के हिमायती थे। अजातशत्रु थे। हमारा पूरा परिवार उनके निधन से मर्माहत है।

उन्होंने मुझे बुलाया था पर मैं लंबे अरसे से उन तक जाने का विचार बनाता रह गया। अब वे कभी नहीं मिलेंगे।

चाचा जी आपको बस मेरी विनम्र श्रद्धांजलि ही अब दे सकता हूँ। आदरणीय कुशल भैया, विनय भैया इस दुःख की घड़ी में हम सब साथ हैं ।

मेरी घोर आपत्ति है उन मीडिया वालों से जो यह लिख रहे हैं कि ‘इस प्रकार एक काला अध्याय समाप्त हो गया’। अपने वजूद के लिए अपने आत्म गौरव के लिए उन्होंने संघर्ष किया और सभी जातियों द्वारा गाली की पात्र रही ब्राह्मण जाति के लोगों को उन्होंने सम्मान दिलाया, यह काला अध्याय कैसे है?दुनिया की सभ्यताएं उन्हीं लोगों द्वारा बचीं जब उनके किसी नायक द्वारा संघर्ष किया गया। यदि हरिशंकर चाचा ने अपने आत्मसम्मान के लिए काम किया तो उसे आज़ उनके निधन पर आप काला अध्याय बताएंगे, यह कौन सी बात हुई।

कृपया यह सब बंद करें।

Sach ki Dastak

5 1 vote
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x