खारिज : सपा प्रत्याशी तेज बहादुर यादव का नामांकन-
बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द हो गया है। बुधवार को खुद तेज बहादुर यादव ने बताया कि निर्वाचन आयोग उनका नामांकन निरस्त कर दिया है। घंटों चले ड्रामा के बाद नामांकन को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गयी है। लोकसभा चुनाव 2019 में वाराणसी संसदीय सीट पर नामांकन करने से लेकर पर्चा निरस्त होने तक संस्पेंस ही रहा था। ऐन समय पर तेज बहादुर यादव ने अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन के तहत नामांकन किया था और काफी मंथन के बाद ही उनका नामांकन निरस्त किया गया है।कलेक्ट्रेट परिसर से बाहर आये तेज बहादुर यादव ने मीडिया को खुद बताया कि उनका नामांकन निरस्त हो गया है और निर्वाचन अधिकारी से लिखित रुप में इसकी जानकारी मिल गयी है। तेज बहादुर यादव ने कहा कि चुनाव आयोग ने जिन दस्तावेजों के लिए नोटिस दी थी वह मंगा लिए गये थे इसके बाद भी उनका नामांकन निरस्त किया गया है। निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि दस्तावेज देने के लिए आपको सुबह ११ बजे का समय दिया गया था निर्धारित समय तक दस्तावेज नहीं मिलने के चलते ही नामांकन खारिज किया गया है।
पहला नामांकन खारिज हो गया था जबकि गठबंधन के तहत पर्चा भी खारिज होने की जबरदस्त चर्चा है। इसी बीच निर्वाचन अधिकारी ने तेज बहादुर यादव को जो नोटिस दिया था उसमे 2019 की जगह 2109 छपने की बात सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी। सोशल मीडिया पर जवाब देने के वर्ष को लेकर लोगों ने कमेंट करने शुरू कर दिये। कुछ ने कहा कि तेज बहादुर यादव को जवाब देने के लिए सौ साल का समय है इसलिए बिना जवाब दिये चुनाव लड़ सकते हैं।
कुछ लोगोंं ने नोटिस को लेकर निर्वाचन कार्यालय पर सवाल भी खड़े किये हैं लोगों का कहना था कि नोटिस देने मे इतनी जल्दीबाजी थी कि वर्ष तक सही से नहीं लिख पाये हैं। फिलहाल नोटिस को लेकर जमकर चर्चा होती रही। जिलाधिकारी के संज्ञान में जब यह बात आयी तो उन्होंने तुरंत ही गलती को सुधार लिया।
तेज बहादुर यादव ने कहा कि यहां के जिलाधिकारी पर उपर का दबाव बहुत था इसलिए नामांकन निरस्त किया गया है। तेज बहादुर यादव ने कहा कि वह अब कोर्ट जा सकते हैं। फिलहाल पार्टी जैसा कहती है उसी अनुसार आगे की कार्रवाई की जायेगी।
सपा व बसपा गठबंधन से अब शालिनी यादव लड़ेंगी चुनाव – पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ तेज बहादुर यादव का पर्चा निरस्त हो जाने के बाद शालिनी यादव ही गठबंधन की प्रत्याशी हो सकती है। एक संभावना यह भी है कि तेज बहादुर यादव कोर्ट जाते हैं और चुनाव को लेकर उन्हें कुछ राहत मिलती है तभी समीरण बदल सकते हैं।
तेज बहादुर यादव का पर्चा निरस्त होने की अटकलो से ही सपा व बसपा को झटका लग गया है। महागठबंधन ने डमी प्रत्याशी के रुप में शालिनी यादव को भी नामांकन कराया था। पर्चा निरस्त होने की स्थिति मे ंशालिनी यादव ही महागठबंधन की प्रत्याशी हो सकती है। तेज बहादुर यादव व शालिनी यादव को लेकर सपा में पहले ही दो फाड़ हो गया था ऐसे में एक प्रत्याशी का पर्चा निरस्त होने से सपा में नेताओं की गुटबाजी बढ़ना तय है।