एक महीने में ही निकली पाक की अकड़, भारत से जीवनरक्षक दवाओं के आयात को हुआ मजबूर
- पुलवामा हमले के बाद से ही दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण
- जीवन रक्षक दवाओं की कमी के बहाल किया भारत के साथ आंशिक व्यापार
- 2017-18 में भारत-पाकिस्तान के बीच महज 2.4 अरब डॉलर का व्यापार
- कुल द्विपक्षीय व्यापार में करीब 80 फीसदी हिस्सा पाक में भारतीय निर्यात का
भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से बौखलाए पाकिस्तान ने कई फैसले ऐसे ले लिए थे, जिनका सीधा असर उसी पर पड़ने लगा था। कश्मीर मुद्दे को लेकर पिछले महीने पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को निलंबित कर दिया था। हालांकि, इसे ठीक से एक महीना भी नहीं हुआ है और पाक की अकड़ ढीली पड़ने लगी है।
मंगलवार को पाक ने जीवन रक्षक दवाओं की कमी के चलते भारत के साथ आंशिक व्यापार बहाल कर दिया है और भारत से दवाओं के आयात को मंजूरी दे दी है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय ने इसे लेकर एक वैधानिक आदेश जारी किया है, जिसमें भारत से दवाओं के आयात-निर्यात की मंजूरी प्रदान की गई है।
पुलवामा हमले के बाद से ही तनावपूर्ण हैं दोनों देशों के संबंध
बता दें कि पुलवामा हमले के बाद से ही दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान से आयात किए जाने वाले सामान पर 200 फीसदी का सीमाशुल्क लगा दिया था। पाक ने पिछले 16 महीनों में भारत से 3.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के रेबीज-रोधी और जहर-रोधी वैक्सीन आयात किए हैं।
2017-18 में दोनों के बीच हुआ 2.4 अरब डॉलर का व्यापार
साल 2017-18 में भारत और पाकिस्तान के बीच महज 2.4 अरब डॉलर का व्यापार हुआ, जो भारत का दुनिया के साथ कुल व्यापार का महज 0.31 फीसदी है और पाकिस्तान के ग्लोबल ट्रेड का 3.2 फीसदी है। वहीं, कुल द्विपक्षीय व्यापार में करीब 80 फीसदी हिस्सा पाकिस्तान में भारतीय निर्यात का है।
भारत-पाक के बीच इन चीजों का होता था आयात-निर्यात
पाकिस्तान भारत को ताजे फल, खनिज और अयस्क, सीमेंट, तैयार चमड़ा, प्रसंस्कृत खाद्य, अकार्बनिक रसायन, कच्चा कपास, मसाले, ऊन, रबड़ के उत्पाद, अल्कोहल पेय, चिकित्सा उपकरण, समुद्री सामान, प्लास्टिक, डाई और खेल का सामान निर्यात करता था। वहीं, भारत की ओर से पाकिस्तान को जैविक रसायन, कपास, प्लास्टिक उत्पाद, अनाज, चीनी, कॉफी, चाय, लौह और स्टील के सामान, दवा और तांबा आदि उत्पाद निर्यात किया जाता था।