‘साहित्य गौरव सम्मान’ से सम्मानित हुए सच की दस्तक के संरक्षक और उपसंपादक
उदगार साहित्यक सामाजिक मंच,देहरादून तथा चित्रांचल कल्याण परिषद,देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में एक सारस्वत संगोष्ठी का आयोजन दिनांक १४अप्रैल२०२२ को देहरादून में किया गया है।
जिसमें विश्व हिंदी शोध- संवर्धन अकादमी, वाराणसी के संस्थापक, निदेशक डॉ हीरालाल मिश्र ‘मधुकर’ जी, प्रख्यात साहित्यकार, संपादक-‘कविताम्बरा’ के द्वारा संपादित काव्य-संग्रह *नई सदी के स्वर* भाग-2( वाराणसी से प्रकाशित) पर विद्वान मनीषियों द्वारा परिचर्चा की गयी ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ सुधा रानी पांडे जी, पूर्व कुलपति उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात गीतकार साहित्यकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र जी ने किया तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में ओस्लो, नार्वे के हिन्दी सेवी साहित्यकार, पत्रकार डॉ॰ सुरेश चंद्र शुक्ल ‘शरद आलोक’ तथा इंदु भूषण कोचगवे ने गौरवान्वित किया ।
-सच की दस्तक के संरक्षक श्री इंदुभूषण कोचगवे जी का हुआ सम्मान
_सच की दस्तक के उपसंपादक श्री शिवमोहन सिंह जी का हुआ सम्मान
_श्री ज्ञानेंद्र कुमार जी का हुआ सम्मान
_श्री पवन कुमार शर्मा जी का हुआ सम्मान
_श्री असीम शुक्ल जी का हुआ सम्मान
मंचासीन अतिथि गण द्वारा दीप प्रज्वलन के उपरांत चित्रांचल कला परिषद के महामंत्री श्री रोहित कोचगवे द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। तत्पश्चात उदगार संस्था के अध्यक्ष श्री शिव मोहन सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की, साथ ही हिंदी साहित्य में काव्य लेखन एवं ‘नई सदी के स्वर‘ जैसे ऐतिहासिक काव्य-संग्रह के महत्व पर प्रकाश डाला ।
आपने कहा की ‘नयी सदी का स्वर’ नए युग के प्रतिभा संपन्न कवियों की कविताओं का एक अभिनव संग्रह है जो साहित्य और समाज के उन्नयन के आकांक्षी पाठकों की अपेक्षाओं को पूर्ण करने में समर्थ है, साथ ही ऊर्जस्वी कवियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत भी है।
इस कार्यक्रम में दतिया ,मध्य प्रदेश से प्रकाशित हिंदी मासिक पत्रिका “आदित्य संस्कृति” का मार्च 2022 अंक जो सुप्रसिद्ध कवि साहित्यकार श्री इंदु भूषण कोचगवे जी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर आधारित विशेषांक के रूप में है , पर भी विद्वान मनीषियों द्वारा परिचर्चा की गयी ।
आदित्य संस्कृति का यह कोचगवे विशेषांक श्री शिव मोहन सिंह के अतिथि संपादन में निकाला गया है। श्री शिव मोहन सिंह, जो कि इस अंक के अतिथि संपादक भी हैं, ने विशेषांक के उद्देश्य एवं सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए परिचर्चा को प्रारम्भ किया।
आपने कोचगवे विशेषांक के लिये डॉ॰ अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय तथा आदित्य संस्कृति के मुख्य संपादक श्री भानु प्रकाश शर्मा का नाम विशेष रूप से लिया तथा सहयोग के लिये आभार व्यक्त किया ।
इस कार्यक्रम में विश्व हिंदी शोध संवर्धन अकादमी वाराणसी द्वारा दिया जाने वाला वर्ष 2022 का प्रतिष्ठित “साहित्य गौरव” सम्मान से साहित्यकार श्री असीम शुक्ल, श्री इंदु भूषण कोचगवे, श्री शिव मोहन सिंह, श्री ज्ञानेंद्र कुमार, श्री पवन शर्मा को सम्मानित किया गया । “साहित्य गौरव” सम्मान का प्रशस्ति-पत्र मुख्य अतिथि डॉ॰ सुधा रानी पांडे पूर्व कुलपति तथा प्रख्यात गीतकार डॉक्टर बुद्धिनाथ मिश्र द्वारा परंपरागत रूप से साहित्यकारों को प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में सर्वश्री असीम शुक्ल, ज्ञानेंद्र कुमार, राजेश डोभाल, जगदीश बावला, डॉली डबराल, डॉ॰ बसंती मठपाल, जसवीर सिंह हलधर, मधु मारवाह, श्रीकांत शर्मा, कृष्ण दत्त शर्मा तथा शहर के अन्य गणमान्य मनीषी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन उदगार के महामंत्री श्री पवन शर्मा ने किया । अंत में उदगार के अध्यक्ष श्री शिव मोहन सिंह द्वारा सब का आभार व्यक्त किया गया।
# रोहित कोचगवे/पवन शर्मा