कविता – सच की दस्तक
दुआ हैं असर हैं। जिन्दगी बेखबर हैं। ख्वाब हैं ख्याल हैं। जिन्दगी सवाल हैं। सुधार हैं बेकार हैं। जिन्दगी उपकार हैं। स्नेह हैं अपनत्व हैं। जिन्दगी प्रेमत्व हैं। बेनाम हैं आराम हैं। जिन्दगी ईनाम हैं। साँस हैं अहसास हैं। जिन्दगी खास हैं। झूठा हैं सच्चा हैं। जिन्दगी रूठी हैं। दुख हैं सुख हैं। जिन्दगी के कई रूप हैं। आस हैं निराश हैं। जिन्दगी के पास हैं। अरमान हैं मुस्कान हैं। जिन्दगी खुशहाल हैं। - सच की दस्तक