कुछ गुफ्तगू करें, चलिये शायरी पढ़ें। -सच की दस्तक
अच्छे दोस्त
उन सितारों की तरह होते हैं
जो भले ही रोशनी में दिखाई न देते हो
पर हमेशा साथ रहते हैं।
छू जाते हो तुम मुझे हर रोज
एक नया ख्वाब बनकर,
ये दुनिया तो खामखां कहती है
कि तुम मेरे करीब नहीं।
कुछ अजब हाल है
तबीयत का इन दिनों
खुशी खुशी नहीं लगती
और गम बुरा नहीं लगता।
छू गया जब कभी ख्याल तेरा,
दिल मेरा देर तक धड़कता रहा,
आज तेरा ज़िक्र छिड़ गया घर में,
और घर देर तक महकता रहा !
है उलझन बड़ी अब क्या करें
किससे नफरत और किस से प्यार करें
हर चेहरे के पीछे कई चेहरे हैं
किस पे शक और किस पे एतबार करें।
शीशा तो टूट कर
अपनी कशिश बता देता है
दर्द तो उस पत्थर का है
जो टूटने के काबिल भी नहीं।