कमलेश तिवारी हत्याकांड : पत्नी ने कहा- इन लोगों ने साजिश कर मेरे पति को मरवा दिया

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लखनऊ

प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के नाका इलाके में हिन्दू महासभा (Hindu Mahasabh) के पूर्व अध्यक्ष रहे कमलेश तिवारी (Kamlesh Tiwari) की हत्या हो गई है. पहले उनके गोली मारे जाने की बात सामने आ रही थी लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि कमलेश तिवारी का किसी धारदार हथियार से गला रेता गया था. उधर पुलिस ने मौके से एक रिवाल्वर भी बरामद की है.

पुलिस का कहना है कि हत्याकांड को कमलेश तिवारी के ही किसी परिचित ने अंजाम दिया है. वारदात को अंजाम देकर आरोपी फरार हो गया है. इससे पहले हमले में घायल कमलेश तिवारी को गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया. लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हाे गई. उधर पुलिस मामले में आरोपियों की सरगर्मी से तलाश में जुटी है.

जानकारी के अनुसार डॉक्टरों के मुताबिक कमलेश तिवारी को गला किसी धारदार हथियार से रेता गया था. मौके से पुलिस ने रिवॉल्वर भी बरामद की है. जानकारी के अनुसार कमलेश तिवारी पर खुर्शीद बाग स्थित घर में ही हमला हुआ. मौके से रिवॉल्वर बरामद होने के बाद माना जा रहा था कि कमलेश को सटाकर गोली मारी गई है. हालांकि बाद में डॉक्टरों ने पुष्टि की किसी धारदार हथियार से कमलेश का गला रेता गया है. अभी तक पता चला है कि कि कमलेश तिवारी  से दो लोग मिलने आए थे. एक ने भगवा कपड़ा पहना था.

साजिश-

गुजरात में पकड़े गए आइएसआइएस मॉडयूल के कनेक्शन ह‍ि‍ंंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या से निकल रहे हैं। वहां 25 अक्टूबर 2017 को पकड़े गए उबैद मिर्जा और कासिम के मामले में गुजरात एटीएस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में उबैद मिर्जा के एक वीडियो का जिक्र भी किया गया है। जिसमें वह लखनऊ के कमलेश तिवारी की हत्या करने की बात कह रहा है।

वहीं एक अंग्रेजी अखबार में इस खबर के प्रकाशित होने पर 13 अक्टूबर को कमलेश तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एडीजी जोन लखनऊ और एसएसपी को ट्वीट किया था। जिसमें कमलेश तिवारी ने बड़ी साजिश के बावजूद सुरक्षा बढ़ाने के आवेदन पर कोई निर्णय न लिये जाने पर नाराजगी जताई थी।

दरअसल, ह‍िंदू महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद 2015 में धार्मिक टिप्पणी के बाद उनको एनएसए लगाकर जेल भेजा गया था। जेल से छूटने के बाद उनके परिवार की सुरक्षा के लिए दो गनर के साथ आठ पुलिसकर्मी दिए गए थे। वर्ष 2017 में पुलिसकर्मी हटा दिए गए। गनर भी एक कर दिया गया था। कमलेश ने 27 जून को भी सुरक्षा बढ़ाने के लिए डीएम आवास के सामने प्रदर्शन किया था। पिछले महीने ही कमलेश तिवारी ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए डीएम और एसएसपी को आवेदन किया था।

कमलेश तिवारी के घर पर मिठाई के जिस डिब्बे में चाकू और पिस्टल को रखकर लाया गया था। उसे 16 अक्टूबर की रात 9:30 बजे सूरत के उद्योगनगर उधना स्थित धरती फूड प्रोडक्ट प्रा. लि. से खरीदा गया था। डिब्बे में 680 रुपये प्रति किलोग्राम वाली पिस्ता घारी को 530 रुपये देकर 750 ग्राम खरीदा गया था।

विमान से आए हत्यारे-

सूूरत से 16 अक्टूबर की रात 9:30 बजे मिठाई खरीदने के बाद हत्यारे विमान से लखनऊ आए थे। ऐसा इसलिए क्योंकि सूरत से लखनऊ के लिए 17 अक्टूबर की सुबह तीन बजे केवल एक ही ट्रेन 19037 अवध एक्सप्रेस थी। जो कि टूंडला की नॉन इंटरलाकिंग के डायवर्जन के कारण बदले रूट से शुक्रवार दोपहर तीन बजे पहुंच सकी थी। ऐसे में वह अहमदाबाद जाकर सीधे विमान से लखनऊ आए होंगे। ऐसी संभावना जताई जा रही है।

20 को लखनऊ में थी पार्टी की बैठक-

कमलेश तिवारी सोशल मीडिया पर  ह‍िंदुुओं के मामलों को लेकर मुखर भी थे। पश्चिम बंगाल में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या के विरोध में जीपीओ में उनकी पार्टी ने प्रदर्शन किया था। कमलेश तिवारी 22 अक्टूबर को कोलकाता कूच करने जा रहे थे। इससे पहले 20 अक्टूबर को अमीनाबाद के गंगा प्रसाद मेमोरियल सभागार में पार्टी के प्रदेश भर से 500 कार्यकर्ताओं की बैठक होने वाली थी।

सिर कलम करने का था 51 लाख इनाम-

कमलेश तिवारी का सिर कलम करने के लिए बिजनौर के कीरतगढ़ निवासी मोहम्मद मुफ्ती नईम ने 51 लाख रुपये और इमाम मौलाना अनुवारुल हक ने 1.5 करोड़ रुपये का इनाम रखा था। दोनो ही मौलानाओं के खिलाफ कमलेश तिवारी की पत्नी किरन तिवारी ने नाका थाना में मामला दर्ज कराया है।

 वहीं कमलेश तिवारी का परिवार में कोहराम मचा हुआ है। गमजदा परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार को सड़क पर पैदल मार्च किया। परिवार के साथ कमलेश तिवारी के सैंकड़ो समर्थकों ने भी पैदल मार्च किया और विरोध प्रदर्शन किया। मार्च के बाद सभी ने सड़क जाम कर दी। कमलेश तिवारी के परिवार ने सड़क पर बैठकर हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की व सीएम योगी को बुलाने की मांग पर भी परिवार डटा हुआ है।

पत्नी ने दी तहरीर – 

वहीं कमलेश तिवारी हत्याकांड की पत्नी ने मामले में पुलिस में तहरीर दी है। कमलेश की पत्नी रीना ने पूर्व में कमलेश के सिर पर 51 लाख रुपए का इनाम रखने वाले अनवरुल हक के साथ-साथ दो अन्य लोगों के खिलाफ तहरीर दी है। और कहा कि इन लोगों ने ही साजिश कर मेरे पति को मरवा दिया।

आपको बता दें कि 2015 में कमलेश ने पैगंबर मोहम्मद साहब पर अमर्यादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद प्रदेश भर में लोगों का आक्रोश देखने को मिला था। वहीं बिजनौर में जमीयत शाबाबुल इस्‍लाम के जनरल सेक्रेटरी मौलाना अनवरुल हक ने कमलेश तिवारी के सिर पर 51 लाख रुपए इनाम का ऐलान किया था।

मंत्री ने कहा जल्द पकड़े जाएंगे हत्यारे-

प्रदेश के विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने कमलेश तिवारी की हत्या पर दुख जताते हुए कहा है कि उनके हत्यारों को पुलिस जल्द गिरफ्तार करेगी। 

परिवार वालों को मिले सुरक्षा-

विश्व हिंदू परिषद के नेता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंदू समाज के हितों की आवाज उठाने वाले एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर सभी अपराधियों को तत्काल कड़ी सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने तिवारी के परिवार वालों की सुरक्षा और भरण-पोषण को भी निश्चित किये जाने की मांग की। 

सीसीटीवी फुटेज में दिखे दरिंदे –

बताया गया है कि कमलेश तिवारी लखनऊ के खुर्शीद बाग स्थित कार्यालय में कुछ लोग उनसे मिलने आए थे। सीसीटीवी फुटेज में कुछ लोग उनके ऑफिस में आते हुए दिखाई पड़े हैं। बदमाशों ने कार्यालय में उनके साथ चाय भी पी है। उसके बाद उनकी गला रेतकर हत्या की गई। उनके गले और पेट में 15 चाकू के वार किये गए हैं। भागने के पहले बदमाशों ने उन्हें गोली भी मारी है।

हिन्दू जनजागृति समिति ने किया विरोध-

इसी के साथ हिन्दू जनजागृति समिति ने भी कमलेश तिवारी की हत्या पर बड़ा बयान जारी किया है। समिति तिवारी की हत्या को हिन्दू समाज के लिए बड़ी क्षति बताया है। हिन्दू नेताओं की चुनचुन कर हो रही निरंतर हत्याये ये हिन्दू समाज को असुरक्षित करने का षड्यंत्र है। हिन्दुत्ववादी योगी शासन हत्यारों को तुरंत गिरफ्तार कर हिन्दू समाज को सुरक्षित जीवन के लिए आश्वस्त करें तथा कमलेश की सुरक्षा में लापरवाही करनेवाले पुलीस कर्मचारियों को दंडित करें। हिन्दू जनजागृति समिति मांग करती है। इसी प्रकार से केंद्र शासन द्वारा सभी हिन्दू संस्थाओं के महत्त्वपूर्ण नेताओं को सुरक्षा प्रदान की जाए, ऐसा हिन्दू जनजागृतिसमिति अनुरोध करती है।

हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या से पहले इस आरएसएस कार्यकर्ता की हुई थी संदिग्ध मौत

वाराणसी – हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या के बाद से प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है। कमलेश तिवारी की हत्या के पहले बनारस में इस आरएसएस कार्यकर्ता की संदिग्ध मौत हुई थी। रेलवे ट्रैक पर शव मिलने के बाद हड़कंप मच गया था। पहले इसे सुसाइड माना जा रहा था लेकिन मृतक के पिता ने जीआरपी को तहरीर देकर हत्या की आशंका जतायी है। जीआरपी ने जांच के बाद ही मुकदमा दर्ज करने की बात कही है। शुक्रवार को मृतक के रिश्तेतार एडवोकेट नित्यानंद राय ने एसएसपी कार्यालय में आवेदन देकर घटनास्थल के आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल कर मामले की जांच करने का प्रार्थना पत्र दिया है।

सारनाथ रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर दो के ट्रैक पर १७ सितम्बर को आरएसएस कार्यकर्ता शशिकांत राय का शव मिला था। गाजीपुर के रेवतीपुर जिला के रामपुर थाना क्षेत्र के निवासी शशिकांत राय बनारस में किराये का मकान लेकर रहते थे। कैंट थाना क्षेत्र के दौलतपुर स्थित विश्वनाथ पुरी कॉलोनी में रहने वाले शशिकांत राय एक निजी इंश्योरेंस कंपनी से जुड़़कर काम करते थे और दिन दिनों आरइएस में ठेकेदारी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। साथ ही आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के प्रेमचन्द्र नगर के व्यवस्था प्रमुख भी थे। शशिकांत राय प्रतिदिन सुबह घर से टहलने के लिए निकलते थे। 17 अक्टूबर को घर में ही मोबाइल छोड़ कर भोर में टहलने निकले थे और वापस नहीं लौटे। काफी देर तक नहीं लौटने पर परिजन परेशान हो गये थे। इसी बीच सुबह साढ़े सात बजे पुलिस का फोन आता है कि शशिकांत राय का रेलवे ट्रैक पर शव मिला है। सूचना मिलते ही परिजनों में हाहाकार मच गया था।

ट्रेन के सामने कूदे थे शशिकांत राय-

जिस ट्रेन से शशिकांत राय की मौत हुई है उसके चालक ने मेमो में दर्ज कराया है कि शशिकांत राय ट्रेन के सामने रेलवे ट्रैक पर कूद गये थे। इसी आधार पर जीआरपी इसे सुसाइड केस मान रही है और तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज नहीं किया है। मृतक के पिता मणीन्द्रनाथ राय ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराने के लिए जीआरपी में तहरीर दी है। जीआरपी की जांच के बाद पता चलेगा कि आरएसएस कार्यकर्ता की कैसे मौत हुई है लेकिन कुछ सवाल है जिनसे घटना का लेकर संदेह पैदा हो रहा है। शशिकांत राय रोज घर के पास टहलते थे तो सारनाथ रेलवे स्टेशन कैसे पहुंचे। आरएसएस कार्यकर्ता ट्रेन के आगे कूदे तो उनके पैर ही क्यों टूटे थे। पीठ पर चोट के निशान नहीं थे। जीआरपी के पास अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ चुकी है इसके बाद घटना के सही कारण का खुलासा होना आसान हो गया है।

Sach ki Dastak

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