राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित

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सच की दस्तक न्यूज डेस्क चन्दौली 

राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को यहाँएकनिजी होटलमें जनपदमें 10 अगस्त से शुरू हो रहे सामूहिक दवा सेवन (आईडीए) अभियान को लेकर मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित हुई। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्थाके सहयोग से कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ युगल किशोर राय ने कहा कि किसी भी संदेश को जनमानस तक पहुंचाने में मीडिया की अहम भूमिका होती है। इसी उद्देश्य से आईडीए राउंड को लेकर मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि जनपद को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए 10 अगस्त से 28 अगस्त तक आईडीए राउंड संचालित किया जाएगा। यह अभियान एक ब्लॉक बरहनी को छोड़कर जनपद के शेष आठ ब्लॉक व शहरी क्षेत्र में चलाया जाएगा। बरहनी ब्लॉक में पिछले दिनों ट्रांसमिशन असेस्मेंट सर्वे (टास) किया गया था जिसमें एक प्रतिशत से कम माइक्रो फाइलेरिया दर देखने को मिली जिसके बाद इस ब्लॉक को फाइलेरिया मुक्त घोषित कर दिया गया है। अब उसके आस-पास के ब्लॉक जैसे चंदौली, नियमताबाद को भी उन्मूलन की ओर ले जाया जाएगा। सीएमओ ने कहा कि आईडीए राउंड में जनपद के तहत जिले की करीब 19.40 लाख आबादी को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी। ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर व स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने समक्ष दवाखिलाएँगे। सभी दवाएं पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। यह दवाएं उम्र और ऊंचाई के अनुसार खिलाई जाएंगी। दवाएं खाली पेट नहीं खानी है। एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से बीमारव्यक्तियों को दवानहीं खानी है। इस दवा के साल में एक बार और पाँच साल लगातार सेवन करने से हम फाइलेरिया से सुरक्षित हो सकते हैं।सीएमओ ने मीडिया बंधुओं के माध्यम से जनमानस से अपील की कि डरेंनहीं,फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा का सेवन जरूर करें। दवा खाने के बाद किसी भी प्रकार की समस्या आने पर विभाग ने रैपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी)तैयार की है जो प्रतिकूल प्रभाव का प्रबंधन व उपचार करेगी।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ हेमंत कुमार ने बताया कि फाइलेरिया (फीलपाँव या हाथीपाँव) वाहक मच्छर क्यूलेक्स के काटने के बाद इसके लक्षण पांच से 15 साल के बाद दिखाई देते हैं। इसलिए एक साल से ऊपर के सभी लोगों को साल में एक बाद दवा जरूर खानी चाहिए। जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) पीके शुक्ला ने कहा कि आईडीए अभियान को सफल बनाने के लिए जिले में लगभग 1600 टीमें तैयार की गई हैं जो घर-घर जाकर दवा खिलाने का कार्य करेंगी। पर्यवेक्षण के लिए करीब 300 सुपरवाइज़र तैनात किए गए हैं।

सहायक मलेरिया अधिकारी (एएमओ) राजीव सिंह एवं मलेरिया निरीक्षक दीप्ति शर्मा ने फाइलेरिया बीमारी के कारण, प्रसार और रोकथाम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पीसीआई संस्था से डीएमसी नर्मदा सिंह ने फाइलेरिया के प्रचार-प्रसार व सामुदायिक स्तरीय गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य विभाग जैसे शिक्षा, खाद्य व आपूर्ति, आईसीडीएस, आजीविका मिशन आदि के साथ जन जागरूक गतिविधियां की जा रही हैं।

कार्यशाला में मीडिया बंधु नंदशंकर पाठक, गणेश प्रसाद गुप्ता व राकेश चंद ने फाइलेरिया से संबन्धित जैसे- किन लोगों को दवा नहीं खानी है, दवा खाने से कोई प्रतिकूल प्रभाव तो नहीं पड़ता है, साफ-सफाई, स्वच्छता के प्रति विभाग की क्या योजना है आदि के बारे में प्रश्नपूछे गए, जिनका अधिकारियों ने जवाब दिया। इसके अलावा मीडिया साथियों ने अभियान में पूरासहयोग करने का भी आश्वासन दिया। कार्यशाला के अंत में एएमओ राजीव सिंह ने सभी को फाइलेरिया मुक्त जनपद के लिए शपथ दिलाई। डीएमओ पीके शुक्ला ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

इनकी थी उपस्थिति

इस मौके पर एसीएमओ डॉ अमित दूबे, डब्ल्यूएचओ एसएमओ कुनाल सिंह, पीसीआई से नर्मदा सिंह, सीफार, यूनिसेफ के प्रतिनिधि एवं अन्य अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।

Sach ki Dastak

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