मुंशी प्रेमचंद साहित्य जगत का वह सूरज जो कभी अस्त होने वाला नहीं

0

सच की दस्तक न्यूज डेस्क चन्दौली

धरोहर संस्था के तत्वाधान में रविवार को पटेल नगर में  साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद जी की जयंती के एक दिन पूर्व गोष्ठी आयोजित कर उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा की गई। साथ ही समाज के विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिभावान विभूतियों को सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि महापुरुषों के पदचिन्हों पर चलना ही  सच्ची श्रद्धांजलि होती है।मुंशी प्रेमचंद जी का व्यक्तित्व व कृतित्व हिंदी साहित्य के इतिहास में वह सूरज है  जो कभी अस्त नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मुंशी प्रेमचंद  ने अपने जीवन में साहित्य के उत्थान के लिए सदैव प्रयास किया। उनकी रचनाएं भारत ही नहीं पूरे विश्व में लोकप्रिय हैं । बताया कि मुंशी प्रेमचंद की जन्मस्थली काशी की लमही नामक स्थान पर है इसलिए हम लोगों का दायित्व बनता है कि उनके विचारों को भारत ही नहीं पूरी दुनिया में संरक्षित किया जाए ।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कृष्णकांत श्रीवास्तव प्रेम  ने बताया कि मुंशी प्रेमचंद जी साहित्य जगत का वह सितारा है जो सभी का मार्गदर्शन करता है। उनकी कालजई रचनाओं को हमें अपने दिल में उतरने की जरूरत है। उनके बताए पदचिन्हों पर चल कर ही हम उन्हें सच्ची श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकते हैं। मुंशी प्रेमचंद जी  के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में जितनी भी चर्चा की जाए वह कम ही है। कहा कि धरोहर संस्था द्वारा जो यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमें  विश्व की विभिन्न  विधाओं साहित्यकार , लेखककार रचनाकार ,नाटककार को संरक्षित करने का कार्य किया जा रहा है  जिसके लिए यह संस्था बधाई के पात्र हैं। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि महेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि  प्रेमचंद जी ने जीवन प्रयत्न सादगी की मिसाल को पेश किया है ।हमें ऐसे महापुरुषों  के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करने की जरूरत है। संस्था के संस्थापक  राकेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि  महापुरुषों के बताएं रास्ते पर चलना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होती है।उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं । मुंशी प्रेमचंद की  रचनाए सभी के जीवन में एक मिसाल पेस करती है ऐसे साहित्यकारों के विचारो को संरक्षित करने  संस्था द्वारा एक प्रयास किया जा रहा है।  अध्यक्ष बी के सिंहा ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि सभी महापुरुषों के विचारों को हमें अपने जीवन में आत्मसात करने की जरूरत है । मुंशी प्रेमचंद जी के  व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा से ही हम आने वाले पीढियों को सही दिशा में ले जाने का प्रयास कर सकते हैं।

कार्यक्रम में राकेश कुमार श्रीवास्तव, अशोक सैनी,प्रशांत श्रीवास्तव ,संजय यादव, सुनील श्रीवास्तव ,अजय सिंह, श्रीमती आभा देवी आदि लोगों ने अपने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में संस्था द्वारा कृष्णकांत श्रीवास्तव प्रेम को उनकी रचना “कलम चलती रहे ” के लिए अंगवस्त्र वह स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया साथ ही अन्य विभूतियों को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
 कार्यक्रम इनकी थी उपस्थिति
इस मौके पर प्रमुख रूप से आर के श्रीवास्तव ,अमित श्रीवास्तव  दीपक आर्य , अनुराधा श्रीवास्तव , मुकेश श्रीवास्तव, विवेक कुमार वर्मा, विवेक श्रीवास्तव, पंकज सिंह, रत्नेश श्रीवास्तव केशव यादव आदि लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्ष बी के सिंहा व संचालन अखिलेश श्रीवास्तव ने किया। अतिथियों का आभार व स्वागत संस्थापक राकेश कुमार श्रीवास्तव में किया

Sach ki Dastak

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x