पं दीनदयाल उपाध्याय नगर से कोई दुबारा नहीं बना चेयरमैन

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सच की दस्तक न्यूज डेस्क चन्दौली

 सभासदों की आरक्षण सूची सरकार ने पहले जारी किया और प्रदेश की सभी नगर पालिका, नगर पंचायत की सूची जारी कर दिया गया। पं दीन दयाल उपाध्याय नगर में नगर पालिका और चन्दौली जनपद में तीन नगर पंचायत है।
 पीडीडीयू नगर चेयरमैन के लिए पिछड़ा महिला आरक्षित हुआ है जैसा कि सभी पार्टी के प्रत्याशी अपनी-अपनी दावेदारी कर रहे हैं। कुछ प्रत्याशी कई वर्षों से पार्टी के प्रति तन मन धन से लगे हुए हैं और वे पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में वर्तमान समय प्रचार कार्य भी कर रहे है । उन्हे उम्मीद है की पार्टी के शीर्ष नेताओं की नजर उन पर पड़ेगी और उन्हे इस बार इस कार्य हेतु पार्तोषिक स्वरूप टिकट  मिलेगा।वही दूसरी तरफ कुछ प्रत्याशी आरक्षण सूची जारी होने के बाद  अचानक मैदान में कूद पड़े हैं और दावेदारी दमदार तरीके से पेश कर रहे है।

एक सर्वे के अनुसार लगभग सभी पार्टियां नए चेहरे की तलाश में है। पं दीन दयाल उपाध्याय नगर का एक इतिहास रहा है कि नगर पालिका से दोबारा चेयरमैन कोई नहीं बना है। जनता ने किसी को दुबारा स्वीकार नहीं किया ।
भाजपा में प्रत्याशियों की काफी काफी लंबी लाइन है।उनमें से एक ऐसे  प्रत्याशी का नाम सामने आ रहा है जो 5सालो तक नगर पालिका परिषद में काबिज रहीं हैं ।
सपा में भी दो-तीन नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है  उनमें से 2 नाम ऐसे हैं जिन्होंने नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में काम किया है लेकिन पिछड़ी महिला सीट होने के कारण अब उन्होंने अपनी पत्नियों को मैदान में उतारने का फैसला किया है। इनमें से कुछ नाम ऐसे भी हैं जिन्होंने पार्टी में रहते हुए लगातार कार्य किया है और अपने कार्य के बल पर इस बार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। सबकी नजर उन पर लगी है निश्चित तौर उनकी दावेदारी मजबूत है। बहुजन समाज पार्टी से भी कुछ नाम निकल कर आ रहे हैं, चुकी इस पार्टी में दावेदारी कम है इसलिए दूसरे दलों के लोग भी टिकट न मिलने की स्थिति में बसपा पार्टी से दावेदारी करने की सोच रहे हैं। रही  बात कांग्रेस की तो लगता है कि शीर्ष नेतृत्व ऐसे उम्मीदवार को तरजीह देगा जो 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उसका जनाधार बढ़ा सकें।अन्य पार्टियों से भी इक्का-दुक्का प्रत्याशी नजर आ रहे हैं।
यदि बसपा की तरफ से कोई दावेदार दमदार नहीं हुई तो निश्चित तौर पर पहले की  तरह इस बार भी लड़ाई सपा बनाम भाजपा का ही  रहेगी। बाकी दलों में फिलहाल मजबूती नजर नहीं आ रही है।ऐसे केजरीवाल की आम आदमी पार्टी  भीं इस बार मैदान में है।
विशेष सूत्रों से पता चला है कि सपा वैश्य समाज पर दांव खेल सकती है और यदि ऐसा हुआ तो हो सकता है की भाजपा चौहान समाज पर दांव लगाये।बाकी निर्णय पार्टियों के संगठन के ऊपर है।

Sach ki Dastak

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