सफल मुकाम तक पहुंचाने मे आलोचक,विरोधी प्रतिद्वंदी का होता है हाथ
सच की दस्तक न्यूज डेस्क राजस्थान
(डॉ निशा अग्रवाल जयपुर राजस्थान)
अभ्युदय अंतरराष्ट्रीय संस्था के मंच पर वरिष्ठ साहित्यकार चित्रा मुद्गल जी और महेश दर्पण जी के साथ वर्चुअल परिचर्चा के साथ सम्मान एवं समापन समारोह की शाम यादगार बन गई। संस्था अध्यक्ष डॉ इंदु झुनझुनवाला जी के शब्द स्वागत के साथ साहित्यिक शाम का हुआ आगाज । संस्था उपाध्यक्ष डॉ भीम प्रकाश शर्मा जी के द्वारा त्रिदिवसीय साहित्यिक आयोजन का विवरण देते हुए बताया की इस कार्यक्रम में देश विदेश के साहित्यकारों ने अपनी अपनी रुचि अभिरुचि के अनुरूप एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों से अभ्युदय मंच को सजाया है ।
कार्यक्रम का शुभारंभ संगीता जानी जी करकमलों से दीप प्रज्वलन के साथ एवं साधना निगम जी की सूरमय मधुर ईश स्तुति के साथ हुआ। डॉ अमरनाथ अमर जी द्वारा मुख्य अतिथि चित्रा मुद्गल जी का परिचय देते हुए कहा की मुद्गल जी एक ऐसी कुशल ,विराट व्यक्तित्व की धनी है जिन्होंने सामाजिक ,साहित्यिक क्षेत्र के साथ साथ प्रशासनिक क्षेत्र में भी अनूठी छाप छोड़ी है। प्रसार भारती , दूरदर्शन जैसी उच्च संस्था में भी इन्होंने ऐतिहासिक कार्य किया है।
डॉ प्रेम तन्मय जी ने साहित्यकार, जो राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान से प्राप्त है महेश दर्पण जी का अदभुत एवं प्रभावशाली अंदाज में परिचय देते हुए कहा कि दर्पण जी एक शख्स नही शख्शियत बन चुके है ,जिनका परिचय मेरे चंद शब्दों में दे पाना मुश्किल ही नही ,अपितु नामुमकिन है। इनका जीवन परिचय एक शेर के साथ दिया ….. एक आदमी में होते है दस बीस आदमी, जिसको भी देखना है कई बार देखिए। चित्रा जी के एक्टिविज्म को देखकर बड़े होते दर्पण जी ने अपने प्रभावशाली वक्तव्य से श्रोता गण का मन मोह लिया। इन्होंने कहा कि अभ्युदय मंच पर रचनाधर्मिता पर आधारित यह कार्यक्रम एक मौलिक आयोजन है जिसके लिए संस्था प्रमुख एवं सभी साहित्यकार बधाई के पात्र हैं। साथ ही उन्होंने चित्रा जी के विचित्र रूप का परिचय देते हुए बताया कि चित्रा जी को सफल मुकाम तक पहुंचाने मे आलोचक,विरोधी प्रतिद्वंदी का हाथ है।अगर ये सब ना होते तो शायद वो अपने लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम ना हो पातीं। उसी दौरान डॉ इंदु जी ने इनकी एक रचना उपन्यासों के झरोखे में चित्रा मुद्गल जी के बारे में बताया जो डॉ करुणा शर्मा जी द्वारा लिखा गया है।
चित्रा मुद्गल जी बहुविधि सक्रियता शब्द की रचनाकार ही नही अपितु समाज की भी रचनाकार हैं,जो एक्टिविज्म के माध्यम से करती हैं। अंत में महेश दर्पण जी ने चित्रा जी को सुधारवादी रचनाकार की संज्ञा देते हुए इनके संघर्षमय जीवन का परिचय दिया। अभ्युदय की साहित्यिक शाम में भारत, आस्ट्रेलिया, कैलीफोर्निया, और लंदन के 75 लोगों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम के दौरान सभी प्रतिभागियों का सम्मान डॉ निशा अग्रवाल के उत्कृष्ट संचालन में हुआ।
जिसमें राकेश कपूर, सुधा गुप्ता, नंदलामणि त्रिपाठी, मञ्जरी पाण्डेय, प्रियंका कटारिया, डॉ निशा अग्रवाल, चंदा प्रहलादका, और प्रेरणा ज्योति पांडेय ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
रोचिका अरुण शर्मा, ममता मावंडिया, मंजू शर्मा, शशि लाहोटी, शकुंलता डूमरेवाल, सविता भुवानिया, डॉ संगीता श्रीवास्तव, और ब्रजेन्द्र मिश्रा द्वितीय स्थान पर रहे।
तृतीय स्थान प्रात किया मंजुश्री गुप्ता, भूमिका श्रीवास्तव, सुषमा कुलश्रेष्ठ, ज्योति तिवारी, सीमा गुप्ता, सुमन जैन, शोभा पाठक, रेणु शब्दमुखर, जी नागेश्वरी, रीटाचन्द्र पात्रा, ममता सिन्हा, संध्या जावली, करुणा सक्सेना, पल्लवी शर्मा और नीतू दाधीच ने । तथा चतुर्थ स्थान पर
मंजुला ठाकुर, डॉ उषा पाण्डेय, मधुबाला जग्गी, डॉ महालक्ष्मी केशरी, दुआ, नीलम जैन, देवेंद्र कुमावत, वी अरुणा और सुशील भल्ला ने अपनी जगह बनाई।
मीडिया प्रसारण में कला आयोजक डॉ गीता सिंह की महती भूमिका रही, शोभा पाठक, सीमा गुप्ता, प्रेरणा ज्योति पाण्डेय और ब्रजेन्द्र मिश्रा ने क्रमशः चतुर्थ, तृतीय, द्वितीय और प्रथम स्थान प्राप्त प्रतिभागियों के नामों की घोषणा की। संस्था महासचिव चंदा प्रहलादका जी ने संयोजकों ,संचालको और कला संयोजक के नामों की घोषणा की। साथ ही कैलिफोर्निया शाखा को विशिष्ठ शाखा उत्कृष्ट साहित्य सम्मान से नवाजा गया। कैलिफोर्निया से शकुंतला डुमरेवाला जी ने संस्था के प्रति शब्द आभार प्रकट किया। अंतरराष्ट्रीय सचिव शैल अग्रवाल (लंदन)ने सभी को बधाई दी और चित्रामुद्गल जी की लन्दन यात्रा के लम्हे सबके साथ साँझा किये। शशि लाहोटी ने चित्रामुद्गल जी पर एक बेहतरीन कविता प्रस्तुत की। तत्पश्चात चित्रामुद्गल जी ने भावुक वक्तव्य में सभी को आशीष दिया। कुछ विद्यार्थियों के उत्सुकतामय सवालों को ,उनके मनोभावों को चित्रा जी ने मार्गदर्शित किया। अंत में कमलकिशोर राजपूत जी के आशीर्वचन, विनय कुमार यादव जी के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन और डॉ मञ्जरी पाण्डेय जी के द्वारा वंदेमातरम के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
Thanks alot Sir
आशीष सुंदर लेख प्रस्तुत किया निशा जी ने
अद्भुत विस्तृत सटीक विवरण कार्यक्रम का,तुम्हारी लेखनी पर माँ शारदे का आशीष है👍
संतुलित रिपोर्ट। गरिमापूर्ण आयोजन।
सार्थक आयोजन हेतु शुभकामनाएं
भव्य आयोजन । चित्र मुद्गल की विशिष्ट भागीदारी ।बधाई ।