नन्हें-मुन्नों की शिक्षा में वरदान बना बाल पिटारा एप
सच की दस्तक न्यूज डेस्क चन्दौली
बरहनी ब्लॉक के खझरा गाँव में रहने वाले तीन से छह आयु वर्ग के कुछ बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र नहीं आते थे | क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रेशमी दुबे ने इन बच्चो के अभिभावकों के मोबाइल फोन में “बाल पिटारा एप” डाउन लोड किया | इस एप के जरिये बच्चो ने बौद्धिक शारीरिक भाषा एवं रचनात्मक विकास कि गतिविधियों व कहानियों का विडिओ देखा | इससे वह इस तरह प्रोत्साहित हुए कि अब वह शिक्षा के लिए आंगनबाड़ी केंद्र खझरा आने लगे हैं |
यह कहानी सिर्फ आंगनबाड़ी केंद्र खझरा की ही नही अन्य केन्द्रों की भी है | बाल पिटारा एप से हो रही आनलाइन पढाई ने नन्हें-मुन्नों का शिक्षा के प्रति रूझान को बढ़ाया है | बच्चों के सर्वांगीण विकास के साथ ही यह एप उनकी शिक्षा के लिए वरदान बन रहा है | जिला कार्यक्रम अधिकारी जया त्रिपाठी बताती हैं कि बाल पिटारा एप से बच्चों को कविता, कहानी, भावगीत आदि के माध्यम से ज्ञानवर्धक बातें सिखाई जाती हैं । इस एप को अभिभावक अपने मोबाइल में भी अपलोड कर सकते हैं। इसके माध्यम से वह घर पर भी बच्चों को पढ़ा सकते हैं। इस तरह से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूझान बढ़ रहा है । उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अभिभावकों के एंड्रायड मोबाइल फोन में इस एप को अपलोड कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जनपद के आंगनबाड़ी केंद्रों में अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन (ईसीसीई) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तीन से छह वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों के सर्वांगीण विकास में अभिभावकों के योगदान को प्रोत्साहित करने के लिए सितंबर 2022 में विभाग ने “बाल पिटारा” रेसपॉसिव पेरेंटिंग मोबाइल एप को शुरू किया| बच्चों के अभिभावकों जागरूक करने व उनकी परस्पर सहभागिता बढ़ाने के लिए बाल पिटारा एप में तीन माड्यूल विकसित किये गये है|
बाल विकास परियोजना अधिकारी बरहनी (सीडीपीओ) राम प्रकाश मौर्य ने बताया कि जिले में अबतक 1873 के सापेक्ष 1632 आंगनबाड़ी केंद्रों पर बाल पिटारा एप पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने 35217 बच्चों का डाटाबेस तैयार कर लिया है| जिले में बाल पिटारा एप पर फीड कुल 35217 बच्चे है| उन्होंने बताया कि परवरिश का पिटारा माड्यूल में 03-06 वर्ष के बच्चों में होने वाली बौद्धिक शारीरिक भाषा सामाजिक-भावनात्मक एवं रचनात्मक विकास की 384 गतिविधियों, 32 कहानियां एवं 32 कविताओं के वीडियो उपलब्ध है|अभिभावक इस माड्यूल के माध्यम से वीडियो को देखकर स्वयं घर पर बच्चों को प्री-स्कूल शिक्षा की गतिविधियां सरलता से सिखा सकते हैं | यह माड्यूल अभिभावकों में रेसपॉंसिव पैरेन्टिंग के अभ्यास को प्रोत्साहित कर रहा है|
इसके साथ ही बच्चों का डाटाबेस एवं मूल्यांकन कर इस माड्यूल के माध्यम से आंगनबाडी केंद्र में प्री-स्कूल शिक्षा के लिए पंजीकृत 03-06 वर्ष के बच्चों का डाटाबेस बनाया जा रहा है|जिससे बच्चों की ट्रेकिंग आंगनबाड़ी केंद्र से लेकर विद्यालय में कक्षा 01 में प्रवेश होने तक किया जा सकें| इस डाटाबेस के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों के त्रैमासिक मूल्यांकन पर आधारित उनके विकास एवं सीखने के स्तर की स्थिति फीड हो रही है| ईसीसीई संसाधन माड्यूल में ई-बुक्स वीडियो आडियों के रूप में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रयोग के लिए विकसित किये गये सभी संसाधन उपलब्ध है|पहल पुस्तिका वार्षिक गतिविधि कैलेंडर बाल गतिविधि पुस्तिका 07 प्रशिक्षण विडियो तथा एनबीटी से प्रकाशित 08 कहानियों के आडियों स्टोरीज भी उपलब्ध है|
सीडीपीओ रामप्रकाश मौर्या का कहना है कि जनपद के सभी 1873 आंगनबाड़ी केंद्रों पर बाल पिटारा एप को स्टाल कर लिया गया है| जिससे 03-06 आयु वर्ग के बच्चों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है|इस बार से पिटारा एप पर आंगनबाड़ी केंद्र पर आने वाले बच्चों की प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज की जा रही है| तथा बच्चों के शैक्षणिक बौद्धिक शारीरिक भाषा सामाजिक-भावनात्मक प्रगति का मूल्यांकन किया जा रहा है| बाल विकास परियोजनाओं के सभी 1873 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पीटीएम एवं गृहभ्रमण के दौरान 03-06 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के अभिभावकों को बाल पिटारा एप के परवरिश का पिटारा माड्यूल के बारे बताया जा रहा है|तथा बच्चों के त्रैमासिक मूल्यांकन से अभिभावकों को परिचित कराया जा रहा है|