लक्ष्य के अनुसार टाइम मैनेजमेंट करने से मिलती है सफलता: मुस्कान गुप्ता (302वीं रैंक, यूपीएससी

सच की दस्तक डिजिटल न्यूज डेस्क वाराणसी चन्दौली
लक्ष्य के अनुसार टाइम मैनेजमेंट करने से सफलता प्राप्त होती है। यह आवश्यक नहीं है कि प्रतिदिन कितने घंटे पढ़ाई की जाए, बल्कि यह ज़रूरी है कि हर दिन का एक निश्चित लक्ष्य तय किया जाए। सप्ताह भर में कौन-कौन से विषयों के कौन-कौन से टॉपिक पढ़ने हैं, यह पहले से तय करें और निर्धारित समय में उसे पूरा करें, तभी सफलता मिलती है। उक्त बातें चन्दौली की बेटी मुस्कान गुप्ता ने ‘सच की दस्तक’ से बातचीत के दौरान कहीं। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 302 वीं रैंक प्राप्त की है।
सफलता का श्रेय किसे देती हैं?
इस प्रश्न के उत्तर में मुस्कान ने कहा कि वे अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। साथ ही, उनके स्कूल और समाज ने भी इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यूपीएससी ही क्यों चुना?
मुस्कान बताती हैं कि उनके माता-पिता ने उन्हें पहले ही यूपीएससी को लक्ष्य बनाने के लिए प्रेरित किया था। उन्होंने खुद भी इस बारे में गहराई से अध्ययन किया और महसूस किया कि इसके माध्यम से समाज और देश के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाई जा सकती है। तभी उन्होंने इसे अपना लक्ष्य बनाया।
तैयारी कैसे की?
मुस्कान ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी में एनसीईआरटी की किताबों की मुख्य भूमिका होती है।
1.पॉलिटिकल साइंस के लिए ‘लक्ष्मीकांत’
2.इतिहास के लिए ‘सतीश चंद्र’
3.पर्यावरण के लिए ‘शंकर IAS’ की पुस्तकें प्रमुख रहीं।
कोचिंग का अनुभव
कोचिंग से जुड़े सवाल पर मुस्कान ने बताया कि उन्होंने कुछ समय के लिए दिल्ली में कोचिंग की थी, लेकिन 2021 में कोरोना महामारी के समय वे घर लौट आईं। उन्होंने यह भी कहा कि तैयारी के लिए “लक्ष्य” मायने रखता है, न कि स्थान। चाहे शहर हो या गांव, यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत ईमानदारी से की जाए, तो सफलता निश्चित है।
जिलाधिकारी बनने पर क्या करेंगी?
यदि उन्हें चन्दौली का जिलाधिकारी बनने का अवसर मिला, तो वे जेंडर समानता पर काम करेंगी और प्रतिभा की पहचान कर उसे सभी सुविधाएं देकर आगे बढ़ाने में सहायता करेंगी।
ज्ञात हो कि चन्दौली जिले के गोधना गांव के पास रुद्रा अपार्टमेंट में रहने वाली मुस्कान गुप्ता ने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी में सफलता प्राप्त की और 302वीं रैंक हासिल की है