तब्लीगी जमात के 441 लोगो मे पाए गए कोरोना के लक्षण

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सच की दस्तक डिजिटल डेस्क नई दिल्ली

भारत मे गजब की राजनीति होती है एक सम्प्रदाय वर्ग विशेष की ।जिसके चलते देश की पुलिस भी एक वर्ग पर कार्यवाही करने से डरती है।उसको डर रहता दंगा न फैल जाए। किसी राजनीतिक पार्टी वाले उसे वर्ग विशेष के लिए आरोपित न करने लगे। इसी की वजह से पुलिस ने शाहीनबाग दिल्ली में वर्ग विशेष को कई महीनों तक धरना करने दिया । हिम्मत नही हुई कि पुलिस उन पर हाथ भी डाल सके। पिछले दिनों दिल्ली में दंगे हुए उस दौरान 2 दिन तक दिल्ली जलती रही पुलिस ने कोई बड़ा कदम नही उठाया।इस दंगे का जिस पर लोग आरोप लगा रहे थे वो टीवी पर विभिन्न न्यूज़ चैनलों को बाईट देता दिखता रहा पुलिस मूकदर्शक बनी रही। अब तो एक और उदाहरण आ गया है।

दिल्ली के निजामुद्दीन के पास पुलिस के थाने से महज 18 मीटर दूरी पर स्थित तब्लीगी जमात में1500 से ज्यादा लोग विदेशी धर्म गुरु सहित लोग मौजूद थे जहर उगलते रहे लॉक डाउन चलता रहा लेकिन पुलिस की हिम्मत नही हुई कि उन लोगो पर हाथ भी डाल सके।

तब्लीगी जमात के दिल्ली स्थित निजामुद्दीन इलाके में हुए सम्मेलन ने जिस तरह देश के कई हिस्से में कोरोना वायरस के जानलेवा संक्रमण को फैलाने का काम किया है,उसी तरह दूसरे देशों में इस जमात के दूसरे सम्मेलनों ने इस महामारी को फैलाया है।
सच की दस्तक ने जब पड़ताल की तो पता लगा कि दिल्ली में तब्लीगी जमात का समेलन 13 से 15 मार्च के बीच हुआ।इसमे 15सौ से 2 हजार लोग शामिल हुए थे। जिसमें लगभग 800 के करीब विदेशी थे।जांच का विषय यह भी है कि विदेशी नागरिकों को किस तरह का वीजा मिला।जो हमारे सूत्र बता रहे है उनसे पता लग रहा है कि वे सभी पर्यटक को मिलने वाले वीजा पर आए थे जबकि उन्हें कॉन्फ्रेंस वाले वीजे पर अनुमति मिलनी चाहिए थी।
ऐसे ये भी पता लगा है कि गृह मंत्रालय ने 21 मार्च को लॉक डाउन से पूर्व राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को बाकायदा पत्र लिखकर आगाह किया था। इसमे दिल्ली के पुलिस आयुक्त भी शामिल थे।लेकेन पुलिस को हिम्मत नही हुई वहाँ जा कर उनपर कार्यवाही करने की क्यों वर्ग विशेष का मामला था।इस डर की वजह से अक्सर अपने देश को नुकसान हुआ है।
जानकारी के अनुसार देश की राजधानी नई दिल्ली के
निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज से निकाले गए 1548 लोगो मे से 441 में कोरोना के लक्षण मिले है जिसमे 24 लोग कोरोना पॉजिटिव है।1107 लोगो को क्वारेंटिंन सेंटर में भेजा गया है। बड़ी विडंबना है कि जहां केंद्र व राज्य सरकारें विभिन्न एजेंसियो के साथ मिलकर के समाज के हर तबके को सोशल डिस्टनसिंग के बारे में बता रही है और अनुपालन करवा रही है और देश को कोविड 19 के थर्ड स्टेज से बचा रही है। वही ये जमात इनके मंसूबो पर पानी फेरने में लगी है।पुलिस भी अपनी नौकरी जाने से नही बल्कि इनसे अर्थात वर्ग विशेष पर हाथ डालने से डर रही है।

Sach ki Dastak

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