राजस्थान में मंदिर के पुजारी को जिंदा जलाया, मुख्यमंत्री ने कहा- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
भरतपुर। करौली में दो दिन पहले जमीन विवाद को लेकर एक मंदिर के पुजारी को पेट्रोल डालकर आग के हवाले करने के मामले में
अब मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा।
इस वारदात में गंभीर रूप से जख्मी पुजारी को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां गुरुवार रात को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस वारदात को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी को कैलाश मीणा को करौली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
यह है पूरा मामला
ज़मीन क़ब्ज़ा पर बढ़ा विवाद
पुलिस को दिए अपने आख़िरी ब्यान में मृतक बाबू लाल वैष्णव ने बताया था कि, “मेरा परिवार बूकना गांव में राधा गोपाल जी मंदिर की पूजा अर्चना करता है. मंदिर के नाम पर 15 बीघा ज़मीन पर हमारा परिवार खेती-बाड़ी करते हैं, जिस पर कैलाश मीणा और उनका परिवार क़ब्ज़ा करना चाहते थे.”
आठ अक्टूबर सुबह क़रीब 10 बजे कैलाश मीणा अपने परिजनों के साथ आए और ज़मीन पर छान (कच्ची झोंपड़ी) बना रहे थे. मना करने पर विवाद हो गया और छान में आग लगा दी, जिसमें मैं गंभीर घायल हो गया.
मृतक के परिजन सुरेश वैष्णव के अनुसार , “यह मंदिर की ज़मीन है, जिसे हमारी सात पीढ़ियां देखती आ रही हैं. हमारे भाई साहब बाबूलाल वैष्णव ने इस ज़मीन पर छप्पर बनाने के लिए ज़मीन समतल कराई हुई थी और कड़ब (चारा) रखा हुआ था. लेकिन, कैलाश मीणा ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर रहे थे.”
सुरेश कहते हैं, “कैलाश मीणा ने भाई साहब की रखी कड़ब में आग लगाई और उन पर पेट्रोल छिड़क कर उन्हें भी जला दिया. सूचना पर घर वाले पहुँचे तब तक वो बहुत ज़्यादा जल चुके थे. उन्हें पहले सपोटरा अस्पताल ले गए जहां से गंगापुर रेफ़र कर दिया और गंगापुर से जयपुर के लिए रेफ़र किय गया. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.”
छह बेटियों और मानसिक रूप से अस्थिर एक बेटे के पिता मंदिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव ही घर का पालन पोषण करते थे. पाँच बेटियों की शादी हो चुकी है जबकि एक बेटा और बेटी अविवाहित हैं और पत्नी गृहणी हैं.
बूकना गांव निवासी घनश्याम वैष्णव ने बताया कि, “पुजारी बाबूलाल वैष्णव को ग्रामीणों ने मंदिर के लिए खेती की ज़मीन दान दी थी, जो राजस्व रिकॉर्ड में मंदिर माफ़ी में दर्ज है. चार पाँच दिन पहले भी गांव के सौ घरों की बैठक में पंचों ने पुजारी का समर्थन किया था.”
सवाई मानसिंह अस्पताल में भी हुआ प्रदर्शन
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में इलाज के दौरान पुजारी बाबूलाल की मौत की सूचना मिलते ही शुक्रवार सुबह कई सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन किया.
अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के युवा प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष विपिन शर्मा का कहना है कि, पुजारी के हत्यारों को सख़्त से सख़्त सज़ा मिलनी चाहिए और 50 लाख रुपए मुआवज़ा भी दिया जाना चाहिए.
करौली ज़िले में प्रशासन को ज्ञापन दिए गए और पुजारी की हत्या में शामिल सभी दोषियों को जल्द ही सज़ा दिलाने की माँग की गई.
शुक्रवार शाम क़रीब पाँच बजे पुजारी बाबूलाल के शव को एंबुलेंस से बूकना गांव लाया गया जहां मृतक पुजारी के परिजन शोक में डूबे थे.
वहीं दूसरी ओर अभियुक्तों के परिवार के सभी सदस्य फ़रार बताए गए हैं, पुलिस उनकी गिरफ़्तारी की कोशिशों में जुटी है
माँग नहीं मानने तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे
मृतक पुजारी बाबू लाल वैष्णव का शव शाम को उनके घर पहुँच गया. लेकिन परिजन प्रशासन द्वारा माँग नहीं मानने तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
मृतक बाबूलाल वैष्णव के परिजन सुरेश वैष्णव ने कहा, “जब तक प्रशासन हमारी माँग नहीं मानेगा, हम अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. चाहे कितने ही दिन शव रखना हो.”
सुरेश का कहना है कि, 50 लाख रुपए मुआवज़ा, एक सदस्य को सरकारी नौकरी और परिवार की सुरक्षा की माँग है.
इधर, सपोटरा एसडीएम ओमप्रकाश मीणा ने कहा, “हिन्दू रीतिरिवाजों के मुताबिक़ सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार नहीं करते हैं, इसलिए परिजन सुबह अंतिम संस्कार करेंगे. जो भी माँग होगी वह सुबह रख देंगे.”
एसडीएम का कहना था, “हम दिन में परिजनों के पास गए थे, उन्होंने कोई स्पष्ट माँग नहीं रखी है. दोषियों की गिरफ़्तारी और उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई व आर्थिक सहायता की बात ज़रूर रखी है. लेकिन, अभी तक परिजनों की ओर से स्पष्ट और लिखित में कोई माँग नहीं की गई है.”
‘आखिर गहलोत जी आप कब तक अपराधियों के मसीहा बनकर रहोगे?’ – पूनियां
करौली के सपोटरा थाना इलाके की ग्राम पंचायत बुकना का है। यहां मंदिर पर 50 वर्षीय बाबूलाल वैष्णव पूजा करता था और मंदिर माफी की जमीन पर भी उसी का कब्जा था। लेकिन इस जमीन को लेकर गांव के दबंग कैलाश मीणा की नजर थी। इसी जमीन पर कब्जा हथियाने के लिए आरोपी कैलाश मीणा ने पुजारी पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
पुलिस ने एक अरोपी को गिरफ्तार किया
करौली की इस घटना को लेकर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगर जोधपुर में ही उनको घेरा है।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने ट्वीट किया, “करौली ज़िले के सपोटरा में मंदिर के पुजारी को ज़िंदा जलाकर मौत के घाट उतार देने के मामले की जितनी निंदा की जाए, जितना दुःख जताया जाए, कम है.”
इस मामले में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर कहा, “करौली में एक मंदिर के पुजारी को ज़िंदा जला देना राजस्थान की दुर्दशा का हाल बता रहा है. अशोक जी राजस्थान को बंगाल बनाना चाहते हैं या राज्य जिहादियों को सौंप दिया है या इसका भी ठीकरा अपने राजकुमार की तरह मोदी जी या योगी जी पर फोड़ोंगे?’
उन्होंने कहा है कि प्रदेश में अपराध बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने करौली में मंदिर के पुजारी को जिंदा जलाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘अपराधियों में कानून का भय समाप्त हो चुका है। प्रदेश की जनता भयभीत है, डरी हुई है, सहमी हुई है, आखिर गहलोत जी आप कब तक अपराधियों के मसीहा बनकर रहोगे?’