पाकिस्तान से डिग्री लेने वाले छात्रों को भारत में न एडमिशन मिलेगा न रोजगार-UGC

नई दिल्ली, एएनआई: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने शनिवार को भारतीय छात्रों को कोविड-19 महामारी के बीच पाकिस्तान, चीन सहित विदेशों में शैक्षणिक संस्थानों को सावधानीपूर्वक चुनने के लिए आगाह किया है। उन्होंने नोटिस जारी कर उच्च शिक्षा के लिए विदेशों में शिक्षण संस्थानों का चयन करते हुए छात्रों को सावधान रहने की सलाह दी है।
कुमार ने कोविड के कारण पैदा हुई परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए कहा कि, बहुत से भारतीय छात्र कोरोना के कारण कठिनाइयों का सामना करते हुए पढ़ाई के लिए चीन वापस नहीं जा सके। उन्होंने बताया कि चीनी विश्वविद्यालयों में नामांकित करीब बीस हजार भारतीय छात्र वापस नहीं जा सके। क्योंकि ड्रैगन ने महामारी के मद्देनजर मार्च 2020 से वीजा और निवास परमिट निलंबित कर दिए थे।
पाकिस्तान में उच्च शिक्षा के कोई मायने नहीं
वहीं पाकिस्तान के संदर्भ में स्पष्टिकरण देते हुए यूजीसी के सचिव और एआईसीटीई के सदस्य सचिव ने संयुक्त सलाह में साफ किया है कि यदी कोई भी भारतीय नागरिक या विदेशी नागरिक। जो पाकिस्तान के किसी भी डिग्री कालेज या शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश लेना चाहता है, वह भारत में रोजगार या उच्च अध्ययन के लिए पात्र नहीं होगा।
नोटिस में यूक्रेन से लौटे छात्रों का जिक्र
वहीं, यूक्रेन से युद्ध के कारण वापस आए मेडिकल के करीब 18 हजार भारतीय छात्रों का जिक्र करते हुए कुमार ने कहा कि ‘हमने हाल ही में देखा कि यूक्रेन से बड़ी तादाद में छात्रों को एयरलिफ्ट कर देश वापस लाया गया। ऐसे में हमने छात्रों को विदेश में विश्वविद्यालयों को चुनने में सावधानी बरतने की सलाह देने के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है।’
प्रवासियों को गृह मंत्रालय से लेना होगी मंजूरी
यूजीसी और एआईसीटीई ने आगे छात्रों को सूचित किया कि प्रवासी और उनके बच्चे जिन्होंने पाकिस्तान में उच्च शिक्षा की डिग्री हासिल की है और उन्हें भारत द्वारा नागरिकता प्रदान की गई है। वे गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने के बाद भारत में रोजगार पाने के पात्र होंगे।