महाराष्ट्र के पालघर में नेवी के जवान के साथ बर्बरता, अगवा कर जंगल में जिंदा जलाया
महाराष्ट्र के पालघर से एक चौंकाने वाली घटना समाने आयी है। एक भारतीय नेवी के जवान को चेन्नई से अगवा कर लिया गया और पालघर जिले में जिंदा जला दिया गया। घटना बेहद दर्दनाक है।
भारतीय जवान के साथ इतनी बर्बता क्यों की गयी ये इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है। मृतक की पहचान 27 साल के सूरज कुमार दूबे के रूप में हुई, जो मूल रूप से झारखंड के रांची का रहने वाला है।
पुलिस के अनुसार, जवान को घोलवाड़ के वेवीजा के जंगलों में रखा गया था और वहीं पर ही नेवी के जवान को कुछ अज्ञात लोगों द्वारा जिंदा जला दिया गया। 5 फरवरी की सुबह 90 प्रतिशत जल चुके सूरज को पुलिस ने खोजा और उन्हें अस्पतान पहुंचाया जहां जवान की मौत हो गयी। कथित तौर पर कहा जा रहा है कि पहले जवान को अगवा किया गया और परिवार से फिरौती की मांग की गयी। परिवार के पैसा देने से इंकार करने के बाद सूरज को अगवा करने वालों ने पालघर में जिंदा जला दिया।
महाराष्ट्र के पालघर में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा आग लगाने के बाद शनिवार को घायल हुए 27 वर्षीय नेवी के जवान के पिता ने अपने बेटे के लिए न्याय की मांग की है। सूरज कुमार दुबे के पिता मिथिलेश दुबे ने कहा कि “मुझे अपने बेटे के लिए न्याय चाहिए। अपने बयान में उन्होंने बताया कि उनका बेटा घर आ रहा था। और रास्ते में बेटे से बात हुई। बेटे से पूछा था कि खाना खाया ये कहते हुए सूरज के पिता काफी ज्यादा भावुक हो गये और मीडिया के सामने ही रोने लगे। अपने जवान बेटे को खोने वाले एक पिता ने अपने बेटे के लिए न्याय की मांग की है। पिता ने बेटे की मौत के पीछे सूरज के एक जानकार के उपर शक जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि सूरज पर काफी दिनों से नजर रखी जा रही थी।
शनिवार को पालघर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) दत्तात्रे शिंदे ने कहा कि 31 जनवरी को चेन्नई हवाई अड्डे के बाहर दुबे का अपहरण कर लिया गया था और उन्हें पालघर के वेवीजा के जंगलों में ले जाया गया और वहां पर आग लगा दी गई। अपहरणकर्ताओं ने उसे रिहा करने के लिए 10 लाख की फिरौती की मांग की थी, नेवी जवान के परिवार द्वारा मांग पूरी नहीं की गई थी।
इस बात से नाराज होकर, अपहरणकर्ताओं ने जवान को आग लगा दी और उसे जंगल में मरने के लिए छोड़ दिया। शिंदे ने आगे कहा कि दुबे को शुक्रवार को पालघर के जंगलों में जली हुई चोटों के साथ पाया गया था जिसके बाद उन्हें दहानू के एक अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत बिगड़ गई। उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्हें आईएनएस अश्विनी में ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। महाराष्ट्र पुलिस ने तीन अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और जांच शुरू की गई है।