कौन थे अमेरिकी हमले में मारे गए जनरल कासिम सुलेमानी, जानें

अमेरिका के हवाई हमले में ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की मौत ने दोनों देशों के बीच तनाव का नया अध्याय खोल दिया है। मजबूत अमेरिका के खिलाफ ईरान की बदले की बात कहना ये बताता है कि जनरल सुलेमानी उसके लिए कितने अहम थे। साथ ही अमेरिका का रुख भी बता रहा है कि जनरल सुलेमानी को खत्म करना उसके लिए क्यों जरूरी था। आइए जानते हैं कौन थे जनरल सुलेमानी और वह ईरान के लिए कितने महत्वपूर्ण थे।
अमेरिका के कट्टर प्रतिद्वंद्वी ईरान के लिए जनरल कासिम सुलेमानी बेहद महत्वपूर्ण थे। पश्चिम एशिया के सभी अभियानों को वही अंजाम दिया करते थे। जनरल सुलेमानी को अपने देश और देश के बाहर एक महत्वपूर्ण हस्ती का दर्जा मिला हुआ था। सीरिया और इराक युद्ध में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती थी।
मिडिल ईस्ट में बढ़ाया ईरान का प्रभाव
मिडिल ईस्ट में ईरानी प्रभाव बढ़ाने में उनकी बड़ी भूमिका रही। इसके चलते अमेरिका के समर्थक देशों सऊदी अरब और इस्राइल को ईरान का मुकाबला करने में दिक्कते आने लगीं। इससे पहले भी उन्हें मारने की कई कोशिशें हुईं, लेकिन वह हर बार बच निकले। 20 सालों के दौरान पश्चिम, इस्राइल और अरब देशों की खुफिया एजेंसियां उनके पीछे पड़ी रहीं।
इराक में सुलेमानी की काफी अहम भूमिका थी। इस्लामिक स्टेट के आतंक से बगदाद को बचाने के लिए उनके नेतृत्व में ईरान समर्थित फोर्स का गठन हुआ था। जिसका नाम पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स था। जनरल सुलेमानी अमेरिका के बहुत पुराने दुश्मन थे। 1980 के दशक में ईरान और इराक के बीच हुई खूनी जंग में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
इस युद्ध में अमेरिका ने इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन का साथ दिया था। इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठन का मुकाबला करने के लिए उन्होंने कुर्द लड़ाकों और शिया मिलिशिया को एकजुट किया था। इराक में ईरान के समर्थन से तैयार पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स को जनरल सुलेमान ने ही तैयार किया था। उनका मारा जाना ईरान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। ऐसा माना जाता है कि सुलेमानी ने हथियार बंद संगठन हिज्बुल्लाह, फिलीस्तीन में सक्रिय आतंकी संगठन हमास को समर्थन दिया था। सीरिया में बशर अल-असद सरकार को उनका समर्थन मिला हुआ था।
इराक की राजधानी बगदाद में हवाई अड्डे के पास हुए अमेरिकी हवाई हमलों में ईरानी मेजर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई है। मिसाइल से किए इस हमले में कम से कम आठ लोग मारे गए हैं। वहीं पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सिज (पीएमएफ) के डिप्टी कमांडर अबु महदी अल-मुहांदिस भी मारा गया है। जनरल कासिम को अमेरिका के बड़े दुश्मनों में शामिल किया जाता था।