” सर्वप्रथम माता-पिता का सम्मान करना सीखो क्योंकि आप जो भी हैं उन्हीं की बदौलत हैं। देश-प्रेम को महत्व दो, अच्छा साहित्य पढ़ो, महान विभूतियों की जीवनी पढ़ो और इस दुनिया में आये हो तो श्रीमद्भागवत् गीता पढ़ो और मंथन करो। सफलता आपके कदम चूँमेगी और निराशा का भावविभोर तो आपसे कोशों दूर रहेगा।
आइये ! आज आपको रूबरू कराते हैं एक प्रतिभावान कर्मठ युवा शक्ति से कि जिन्होंने पत्रकारिता और लेखन से लेकर म्यूजिक एल्बम और फिल्म में भी अपनी श्रेष्ठ उपस्थिति दर्ज करायी और आज देश के विशाल युवा समूह के बीच एक कुशल और खास मार्गदर्शक ‘मोटीवेशनल स्पीकर’ के रूप में पहिचान पायी और आज बेहद चर्चित एक नाम बन कर उभरे
हैं | उन सम्माननीय शख्शियत युवायुगनिर्माता का नाम है ‘श्याम यादव’ जी |
श्याम सर आपका हमारे ब्लॉग ‘समाज और हम’ में ससम्मान स्वागत है |
नमस्ते श्याम सरजी
श्याम – नमस्ते |
आकांक्षा – आपका पूरा नाम क्या है?
मेरा पूरा नाम श्याम लाल यादव है पर सभी मुझे श्याम यादव के नाम से जानते हैं |
आकांक्षा- आपका जन्म स्थान कहाँ हैं ?
श्याम – नीमकाथाना सीकर राजस्थान
आकांक्षा – आपकी शैक्षिक योग्यता ?
श्याम – एम.ए अंग्रेजी ( एम.जे.एम.सी)
आकांक्षा – आपको ऐक्टिंग का सुरूर कब चढा? और आपको इंडस्ट्रीज में आये कितना समय हो गया?
श्याम – स्कूल स्तर से ही सक्रिया रहा | जब मैंने मीडिया में काम किया तो 2009-10 से एक्टिंग में रूचि तेजी से बढ़ने लगी |
आकांक्षा – आपको फैमली का कितना सपोर्ट मिला?
श्याम – फैमली का साथ तो न के बराबर रहा किन्तु मैंने अपने माता-पिता से ही मेहनत करना धैर्य रखना, इज्जत करना, ईमानदारी जैसे गुण सीखे हैं | जिनकी बदौलत आज में कामयाबी के शिखर पर बढ़ता जा रहा हूँ |
आकांक्षा – आपने अभी तक कितने टीवी शो या फिल्म,विज्ञापन और म्यूजिक एलबम किये हैं?
श्याम – मैंने बहुत सारे ऑपिन स्टेज शो किये हैं और कई बड़े कार्यक्रमों का भी हिस्सा रहा हूँ | कुछ वीडियो एल्बम जैसे – सावम तेरी याद -१, तेरी याद-२, बाबा हैं बड़े दानी, के लिये गीत भी लिखे | वो लड़की, ए र्यल लव स्टोरी, हू इज द र्यव रेपिस्ट, मेन और वूमेन जैसे बुक्स भी लिखी हैं और अभी राउडी रोशनी प्रोडक्शन की शॉर्ट फिल्म ज्योति ‘ए लाइट होप’ रिलीज होने वाली है जिसमें हमने काम किया है |
आकांक्षा – आपका इस फिल्म फील्ड में क्या जीवन संघर्ष रहा?
श्याम – संघर्ष ही जीवन का दूसरा नाम है | मैं गांव से सम्बंध रखता हूँ और एक ओर ग्रामीण पृष्ठभूमि दूसरी ओर ये क्षेत्र | सबकुछ बिल्कुल अलग था तो मुझे काफी विरोध का सामना करना पड़ा किन्तु कुछ अलग करने की ललक हो तो इंसान के सारे रास्ते स्वत: ही खुल जाते हैं | इसी विचार के साथ में आगें बढ़ता रहा |
आकांक्षा – क्या बड़े पर्दे की हसरत रखते हैं?
श्याम – हाँ! अगर अवसर मिला तो खलनायक की भूमिका अदा करना चाहूँगा |
आकांक्षा – आपको ऐक्टिंग और लेखन के बाद मोटीवेशनल स्पीकर बनने का ख्याल कब आया?
श्याम – मैं सातवीं कक्षा से ही कुशल वक्ता रहा हूँ | जब भी किसी कार्यक्रम में जाता उसके बाद अलग ही फीडबैक आने लगा और धीरे-धीरे लोगों ने मुझे मोटीवेशनल स्पीकर के तौर पर बुलाना शुरू कर दिया फिर मैंने कभी पीछे मुड़ कर नही
देखा |
आकांक्षा – आज आप मोटीवेशनल स्पीकर के रूप में युवाओं के बीच ज्यादा लोकप्रिय हैं तो इस बारे में संक्षेप में बतायें ?
श्याम – मैं देशभर में ना जाने कितने ही संस्थानों में मोटीवेशनल स्पीच दे चुका हूँ | इससे मुझे बहुत आनंद मिलता है कि जब कोई निराश व्यक्ति भी जाग्रत हो सकारात्मक ऊर्जा से भर उठता है | ऐसे तमाम उदाहरण है मेरे पास जिनकी जिंदगियाँ हमारे अनुभव और प्रयासों से बदलीं हैं कि बहुत से लोग आत्मविश्वास से भरकर आज निराशा को त्याग कर अच्छी नौकरियां और बिजनेस कर रहे हैं और निराश लोगों को जगाने का सद्कार्य भी कर रहे हैं|
आज यूथ की समस्या है कि उसे सही राह दिखाने वाला तथा जीवन का सही मतलब समझाने वाला चाहिये | उनके निराश जीवन में आशा की किरण जगाने वाला चाहिये और यही कार्य हम मोटीवेशनल स्पीकर करते हैं | यही कारण है कि युवा हमें प्यार और सम्मान देते हैं |
आकांक्षा – आपको आपकी लाइफ में आजतक सबसे ज्यादा सहयोग किसका मिला?
श्याम – माता-पिता के द्वारा अर्जित गुणों का | मेहनतकश का| भगवद् गीता से मैं बहुत प्रभावित रहा हूँ | गीता पढ़ना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी शक्ति है |
आकांक्षा – इतने सभी कार्यों के अलावा आप सोसल वर्क भी करते हैं ? क्या सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़े हैं आप ?
श्याम – हाँ आकाक्षां मैं सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़ा हूँ | मैं सर्वप्रथम सर्व समाज कल्याण संस्थान,
का मीडिया पर्सन हूँ और पैरामाउंट वेलफेयर सोसायटी का ब्राण्ड एम्बेसडर हूँ और श्याम वूमेन एण्ड चिल्ड्रन वेलफेयर सोसायटी का मैम्बर भी हूँ |
आकांक्षा -आपका जीवन में क्या सपना है?
श्याम – फेमस मोटीवेशनल स्पीकर और प्रोमीनेन्ट राईटर बनना |
आकांक्षा – खुद को एक लाईन में कैसे परिभाषित करेगें?
श्याम – मैं एक सच्चा हिन्दुस्तानी देशभक्त हूँ |
मेरी मोहब्बत मेरे वतन से है और मेरी हर श्वांस पे वतन का नाम है | आखिरी तमन्ना बस यही है कि जिस दिन मौत मेरे वदन को छुये मेरे हाथ में बस तिरंगा हो |
आकांक्षा – आप युवाओं को क्या संदेश देना चाहेगें?
श्याम – सर्वप्रथम अपने देश से प्रेम करो और नारी शक्ति सहित माता-पिता और गुरूओं का सम्मान करो | अच्छा साहित्य पढ़ो | नकारात्मता फैलाने वाले दोस्तों को बॉय कहना ही बेहतर है | हमेशा याद रखो कि अपना कोई भी कार्य कभी कल पर अधूरा मत छोड़ो, कभी बीच रास्ते मत लौटना | सोचो! जीते तो कल तुम्हारा है | आप अपने हर कार्य का परिणाम ईश्वर पर सौंपते हुये आगे बढ़ो | जैसे कि भगवान श्री कृष्ण चन्द्र बासुदेवजी ने भगवत् गीता महापुराण में कहा है कि कर्म करते रहो, फल तुम्हारे वश में नही किन्तु अच्छी नियत से किये गये कार्य का परिणाम हमेशा अच्छा ही होता है | अत: कर्मप्रधान बनो | अंत में यही कहूंगा कि कुछ समय आप अपने माता- पिता के पास बैठो- दुनिया का श्रेष्ठ ज्ञान और अनुभव तुम्हें वहीं से मिलेगा |
श्याम सर आपने अपना कीमती समय हमारे ब्लॉग को दिया | इसके लिये आपका बहुत-बहुत धन्यवाद |