भारत : 2000 साल पुराने मंदिर में साईकिल कलाकृति पर सवाल

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें तमिलनाडु के 2000 साल पुराने एक मंदिर में बनी कलाकृति बताई गई है।
इस आकृति में एक व्यक्ति एक साइकिल पर बैठा हुआ है और दावा किया जा रहा है कि पश्चिम में जहां 18वीं सदी में साइकिल का निर्माण हुआ था, वहीं 2000 साल पहले से ही भारत में साइकिल का निर्माण हो चुका था। इस वीडियो को यूट्यूब पर प्रवीण मोहन नाम के व्यक्ति ने पोस्ट किया है।
– दरअसल, तमिलनाडु में करीब 2000 साल पुराना प्राचीन शिवमंदिर ‘पंचवर्णा स्वामी मंदिर’ है। इसी मंदिर में साइकिल पर बैठे एक व्यक्ति की कलाकृति बनी है और इसी के आधार पर दावा किया जा रहा है कि साइकिल का निर्माण भारत में 2000 साल पहले ही हो चुका था।
– इस वीडियो को अपलोड करने वाले व्यक्ति प्रवीण मोहन का दावा है कि उन्होंने ही इस आकृति को खुद खोजा है। उनका कहना है कि ‘मंदिर के एक कोने में हमने इस कलाकृति को खोजा। इतिहासकार हमसे कहते हैं कि साइकिल की खोज 1800 में की गई थी, सिर्फ 200 साल पहले। तो फिर 2000 साल पुराने इस मंदिर में ये आकृति कैसे आई?’
– पर अब भी ऐसा कोई भी ठोस सबूत नहीं है जिससे इस बात का दावा किया जा सके कि साइकिल का निर्माण 2000 साल पहले भारत में ही हुआ था।
– लेकिन इतिहासकार और आर्कियोलॉजी एक्सपर्ट डॉक्टर आर. कालिकोवन ने 2015 में एक अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ में इस साइकिल की आकृति को लेकर एक आर्टिकल लिखा था।
– इस आर्टिकल में उन्होंने बताया था कि वे 1980 में तमिलनाडु तिरुची में स्थित पंचवर्णा स्वामी मंदिर गए थे। उस दौरान उन्होंने भी साइकिल पर बैठे हुए व्यक्ति की आकृति मंदिर में देखी थी। उन्होंने लिखा था कि ये आकृति मंदिर में कैसे आई, इसको लेकर कभी किसी इतिहासकार ने कुछ नहीं किया।
– डॉ. कालिकोवन ने आगे लिखा कि ‘जब उन्होंने इस आकृति को लेकर रिसर्च की तो पता चला कि 1920 में इस मंदिर की मरम्मत का काम किया गया था और हो सकता है कि उसी वक्त किसी मूर्तिकार ने साइकिल पर बैठे व्यक्ति की कलाकृति बनाई हो।’ उन्होंने कहा कि 1920 में साइकिल भारत के लोगों के लिए नई चीज थी और हो सकता है कि इसी वजह से मूर्तिकार ने ऐसी आकृति बनाई हो।
– ये वीडियो गलत है हम यह भी नहीं कर रहे। वीडियो सही है कि उस मंदिर में ऐसी आकृति बनी है, लेकिन इस बात के अभी कोई ठोस सबूत नहीं है कि वो कलाकृति 2000 साल पहले ही बनी है। जैसा कि डॉ. कालिकोवन ने बताया कि 1920 में इस मंदिर की मरम्मत की गई थी और उसी वक्त ऐसी आकृति बनाई गई हो।
कब हुई थी साइकिल की खोज?
– जर्मनी के बैरन फॉन ड्रेविस का साइकिल का जनक कहा जाता है, जिन्होंने 1817 में लकड़ी की साइकिल बनाई थी और इसका नाम (ड्रेसियन) Draisienne रखा गया था। इसमें पैडल नहीं थे और पैरों से ही घसीटकर इसे चलाया जाता था।