डिजिटल मीडिया गाइडलाइंस पर केंद्र सरकार की सफाई, नया नहीं पुराना है नियम
नई दिल्ली। सोशल मीडिया सहित अन्य ऑनलाइन सामग्री को ब्लॉक करने संबंधी विवाद पर भारत सरकार का कहना है कि डिजिटल माध्यमों पर साझा सामग्री को आपात स्थिति में ब्लॉक करने का नियम देश में नया नहीं है और वह 2009 से ही अस्तित्व में है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने डिजिटल मीडिया के नए दिशा-निर्देशों पर शनिवार को स्पष्टीकरण देते हुए इस आशय की जानकारी दी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दिशा-निर्देशों के भाग तीन के नियम 16 को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति है। इस नियम के तहत आपात स्थिति में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव सामग्री को अंतरिम रूप से ब्लॉक करने का निर्देश दे सकते हैं।
बयान के अनुसार, यहां स्पष्ट किया जाता है कि यह कोई नया प्रावधान नहीं है। यह पिछले 11 साल से (2009 से) अस्तित्व में है और प्रावधान के तहत अधिकार का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के सचिव द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी (जनता के लिए सूचना को ब्लॉक करने की प्रक्रिया और सुरक्षा) नियम, 2009 के तहत किया जाता है।
50 लाख यूजर्स को ही दर्जा :
सरकार ने महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मंच की परिभाषा में न्यूनतम 50 लाख यूजर (उपयोगकर्ता) संख्या की शर्त रखी है। इस परिभाषा में आने वाली कंपनियों को नए आईटी नियमों के तहत अपने सोशल मीडिया मंच का दुरुपयोग रोकने के लिए अतिरिक्त सावधानियों का अनुपालन करना होगा।