पीरियड में भूलकर भी ना खायें यह चीजें –

पीरियड्स में दर्द क्यों होता है ?
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दो तरह का दर्द होता है । पहले को प्राइमरी डिसमेनोरिया कहते हैं और दूसरे को सेकेंडरी डिसमेनोरिया । प्राइमरी डिसमेनोरिया में पेट के निचले भाग में दर्द होता है लेकिन यह कोई रोग नहीं है । यह दर्द पीरियड्स शुरु होने पर होता है और 2 से 3 दिन में ठीक हो जाता है ।
इस दौरान पेट के निचले भाग और जांघों में दर्द महसूस होता है और अगर गर्भाश्य में फाइब्रॉयड्स, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिज़ीज या एंडोमेट्रिओसिस जैसी कोई बीमारी हो तो पीरियड्स के दौरान तेज़ दर्द महसूस होता है और इसे ही सेकेंडरी डिसमेनोरिया कहा जाता है । पीरियड्स शुरु होने से एक हफ्ते पहले यह दर्द बढ़ जाता है और कभी-कभी इसकी वजह से कब्ज, गैस की शिकायत भी होती है ।
अगर मां को पीरियड्स में पेन हुआ है, तो संतान को भी पेन होने की संभावना बनी रहेगी । 40% महिलाओं में पीरियड के दर्द के साथ ही कुछ लक्षण होते हैं, जैसे कि सूजन आना, स्तन का कोमल हो जाना, पेट में सूजन, एकाग्रता में कमी, मूड में बदलाव, अकड़न और थकान आना ।
• प्राइमरी पेन
यह दर्द आमतौर पर किशोर लड़कियों और युवा महिलाओं को होता है क्योंकि यह पीरियड्स की शुरुआत का संकेत है । पेट में ऐंठन गर्भाशय के सिकुड़ने के कारण होती है । गर्भाशय में खून की कमी के कारण भी दर्द हो सकता है । दर्द मुख्य रूप से पेट के निचले हिस्से में होता है लेकिन जांघों के पीछे और नीचे भी जा सकता है । कुछ महिलाओं को चिड़चिड़ापन महसूस होता है । यह एक प्राकृतिक स्थिति है और कई महिलाओं के लिए बस मामूली मासिक परेशानी है । प्राइमरी पेन को गर्भनिरोधक गोली के साथ-साथ कुछ विश्राम तकनीकों से भी कम किया जा सकता है ।
• सेकेंडरी पेन
यह दर्द तब तक शुरू नहीं हो सकता, जब तक कि किसी महिला की उम्र 20 साल न हो जाए । यह दर्द सिर्फ पीरियड्स के महीने तक ही सीमित नहीं है बल्कि पूरी पीरियड साइकल में हो सकता है । पीरियड्स हैवी और अधिक लंबे हो सकते हैं और सैक्स दर्दनाक हो सकता है । मध्यम दर्द संक्रमण सहित अन्य स्थितियों का संकेत हो सकता है, जिस पर फौरन ध्यान देने की ज़रुरत है । अगर आप 18 वर्ष से अधिक उम्र की हैं और पीरियड्स दर्द का अनुभव कर रही हैं, तो आपको गायनाकॉलजिस्ट से परामर्श करने में संकोच नहीं करना चाहिए ।
पीरियड्स के से पहले लड़कियों को पेट में दर्द और ऐंठन जैसी समस्या शुरु हो जाती है । कभी-कभी यह सूजन भी जान पड़ती है । मगर कईं लड़कियों को पीरियड्स के दो दिन पहले से ही यह समस्या शुरु हो जाती है, जो अच्छा संकेत नहीं है । पीरियड्स से पहले और पीरियड्स के दौरान महसूस होने वाले इस दर्द को डिसमेनोरियल कहते हैं परंतु 90 प्रतिशत महिलाओं को यह समस्या यूट्रस में ऐंठन की वजह से होती है । जब यूट्रस संकुचन प्रक्रिया शुरु करता है तो प्रोस्टाग्लैंडीन हार्मोन रिलीज़ होते हैं । इसी दौरान यूट्रस से थक्के भी बाहर निकल आते हैं, जिसकी वजह से दर्द ज्यादा महूसस होता है । कईं बार इसके कारण फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियोसिस भी हो सकता है ।
पीरियड के दर्द से छुटकारा पाने के सरल उपाय
पीरियड दर्द या असुविधा को कम करने के लिए कई सरल तरीके हैं –
• एरोमाथेरेपी तेल के साथ हॉट बाथ यानि गर्म स्नान करें ।
• एक गुनगुने पानी की बोतल हमेशा अपने पास रखें ।
• पीठ और पेट की मालिश करें । यह कुछ महिलाओं के लिए बेहद प्रभावी है ।
• अपने पीरियड से पहले और पीरियड दौरान कुछ दिनों के लिए ढीले ढाले कपड़े पहनें ।
• योग जैसे कुछ कोमल व्यायाम करें । पीरियड्स से पहले नियमित विश्राम करें । यह पहले कुछ दिनों में मांसपेशियों को आराम करने में मदद करता है और गुप्त क्षेत्र में खून बढ़ाने में सुधार करता है ।
• तेज राहत के लिए विशेष रूप से पीरियड्स के लक्षणों के लिए डिज़ाइन की गई पेन कीलर लें ।
पीरियड में पेट में दर्द के लिए घरेलू उपचार
रिसर्च से पता चला है कि जीवन शैली को संतुलित करके पीरियड्स के दर्द को कम किया जा सकता है –
• सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है धूम्रपान छोड़ना ।
• गुप्त क्षेत्र में ऑक्सीजन की अधिकता को कम करके पीरियड के दर्द को बढ़ाने के लिए धूम्रपान को कारण माना जाता है ।
• शराब का सेवन कम करें ।
• उच्च फाइबर युक्त भोजन, सलाद और सब्जियां खूब खाएं ।
• रोज़ विटामिन-ई की खुराक मदद करनी है ।
• यदि आप लाल मांस खाते हैं तो देख लें कि यह दुबला है । चिकन और मछली ज्यादा खाएं ।
• मिठास वाले पदार्थ जैसे- चॉकलेट, केक और बिस्कुट खाना कम करें ।
• वाटर रिटेंशन से बचने के लिए अपने आहार में नमक की मात्रा कम करें ।मिठास युक्त पानी पीने की बजाय शुद्ध फलों के रस या मिनरल वाटर का चयन करें ।
पीरियड्स में होने वाले दर्द का इलाज
पीरियड के दर्द को दूर करने के लिए पेनकिलर का सेवन सही नहीं है। पेनकिलर के स्थान पर इस दर्द को दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपायों का इस्तेमाल करना चाहिए । इन तरीकों की मदद से आसानी से पीरियड में होने वाले दर्द में आराम पाया जा सकता है ।
गुणकारी है अजवाइन
पीरियड्स के दिनों में महिलाओं में गैस की समस्या ज़्यादा बढ़ जाती है । गैस की प्रॉब्लम की वजह से भी पेट में दर्द होता है । जिसे दूर करने के लिए अजवाइन सबसे अच्छा विकल्प है । आधा चम्मच अजवाइन में आधा चम्मच नमक मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पीने से पीरियड्स में तुरंत राहत मिलती है ।
अदरक का सेवन भी है फायदेमंद
पीरियड्स में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए अदरक का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद है । एक कप पानी में अदरक के टुकड़े को बारीक काटकर उबाल लें, टेस्ट के लिए आप इसमें शक्कर भी मिला सकते हैं ।
खाएं पपीता
पीरियड्स के दिनों में पपीता खाना पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है । पीरियड्स के दिनों में पपीता खाने से दर्द में भी आराम मिलता है । इससे ब्लड का फ्लो भी ठीक रहता है ।
तुलसी का इस्तेमाल
तुलसी एक नैचुरल पेनकिलर और एंटीबॉयोटिक है । अगर आपको भी पीरियड के दौरान तेज़ दर्द होता है तो चाय बनाते वक्त उसमें तुलसी के पत्ते डालकर उबालें, उससे आराम मिलेगा ।
दूध वाली चीज़ों का सेवन
पीरियड के दिनों में उन महिलाओं को ज़्यादा दर्द होता है जिनके शरीर में कैल्शियम की कमी होती है । इसलिए ऐसे समय में दर्द से बचने के लिए दूध और दूध से बनी चीज़ों का सेवन ज़रूर करें ।
गर्म पानी का सेंक
पीरियड्स में पेट और कमर में तेज़ दर्द होता है, जिससे निजात पाने के लिए गर्म पानी का सेंक करना चाहिए ।
दर्द के चेक-अप के लिए अपने डॉक्टर के पास जाएँ । वह आपको कुछ निर्धारित सलाह दे सकती हैं :
• नॉन-हार्मोनल दवा से उपचार : ट्रैनेक्सैमिक एसिड या मेफेनैमिक एसिड ।
• गर्भनिरोधक गोली : यह न केवल दर्द और परेशानी को कम करेगा, बल्कि आपके पीरियड्स को हल्का और नियमित बना देगा ।
• हार्ड दर्द निवारक गोली जो आप किसी कैमिस्ट से नहीं खरीद सकते हैं : पीरियड्स शुरू होते ही इन्हें लेना शुरू कर देना चाहिए । दवा लेने का तब तक इंतजार न करें जब तक दर्द ज्यादा न हो जाए ।
• इंट्रा-यूटेराइन सिस्टम (IUS) कुछ महिलाओं के लिए उपयुक्त हो सकता है : यह गर्भनिरोधक का एक बहुत प्रभावी तरीका है जो खून की कमी और पीरियड्स की पीड़ा को भी कम कर सकता है ।
पीरियड से पहले पेट में दर्द क्यों होता है
पीरियड्स के से पहले लड़कियों को पेट में दर्द और ऐंठन जैसी समस्या शुरु हो जाती है । कभी-कभी यह सूजन भी जान पड़ती है । मगर कईं लड़कियों को पीरियड्स के दो दिन पहले से ही यह समस्या शुरु हो जाती है, जो अच्छा संकेत नहीं है । पीरियड्स से पहले और पीरियड्स के दौरान महसूस होने वाले इस दर्द को डिसमेनोरियल कहते हैं परंतु 90 प्रतिशत महिलाओं को यह समस्या यूट्रस में ऐंठन की वजह से होती है । जब यूट्रस संकुचन प्रक्रिया शुरु करता है तो प्रोस्टाग्लैंडीन हार्मोन रिलीज़ होते हैं । इसी दौरान यूट्रस से थक्के भी बाहर निकल आते हैं, जिसकी वजह से दर्द ज्यादा महूसस होता है । कईं बार इसके कारण फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियोसिस भी हो सकता है ।
पीरियड के दर्द से छुटकारा पाने के सरल उपाय
पीरियड दर्द या असुविधा को कम करने के लिए कई सरल तरीके हैं –
• एरोमाथेरेपी तेल के साथ हॉट बाथ यानि गर्म स्नान करें ।
• एक गुनगुने पानी की बोतल हमेशा अपने पास रखें ।
• पीठ और पेट की मालिश करें । यह कुछ महिलाओं के लिए बेहद प्रभावी है ।
• अपने पीरियड से पहले और पीरियड दौरान कुछ दिनों के लिए ढीले ढाले कपड़े पहनें ।
• योग जैसे कुछ कोमल व्यायाम करें । पीरियड्स से पहले नियमित विश्राम करें । यह पहले कुछ दिनों में मांसपेशियों को आराम करने में मदद करता है और गुप्त क्षेत्र में खून बढ़ाने में सुधार करता है ।
• तेज राहत के लिए विशेष रूप से पीरियड्स के लक्षणों के लिए डिज़ाइन की गई पेन कीलर लें ।
पीरियड में पेट में दर्द के लिए घरेलू उपचार
पीरियड में भूल न खायें न खट्टे फल और ठंडी चीजें
1. ये न खाएं: प्रोसेस्ड फ़ूड

अचार, पापड़, फ्रोज़न फ़ूड, फ़ास्ट फ़ूड, कैन्ड सूप वगैरह के इन्ग्रीडिएंट्स भी हमें पता नहीं होते और इनमें मौजूद प्रिज़र्वेटिव्स पीरियड्स के दौरान आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं. वे हॉर्मोन्स पर असर डाल सकते हैं और पीएमएस की असहजता को बढ़ा सकते हैं.
- हमारी सलाह: पीरियड्स के दौरान घर पर बना खाना, जिसमें सलाद और सब्ज़ियां शामिल हों, खाएं. खिचड़ी और दलिया जैसा पेट के लिए हल्के व्यंजन और भी अच्छे रहेंगे.
2. ये न खाएं: ज़्यादा फ़ैट वाली चीज़ें

ज़्यादा फ़ैट वाले खाद्यपदार्थ हॉर्मोन्स पर असर डालते हैं और इससे क्रैम्प्स के साथ साथ गैस की समस्या भी हो सकती है. चूंकि पीरियड्स के दौरान आपकी त्वचा भी संवेदनशील होती है अत: ग़लत तरह की चीज़ें खाने से आपकी त्वचा डीहाइड्रेटेड और ड्राइ महसूस हो सकती है. अत: पीरियड्स के दौरान वसायुक्त बर्गर और क्रीम वाले डिज़र्ट्स न खाएं.
- हमारी सलाह: पीरियड्स के समय गेहूं से बनी यानी होल वीट ब्रेड, दाल-चावल, दलिया, सामन मछली और कम वसा वाला मीट खाया जा सकता है.
3. ये न खाएं: डेयरी प्रोडक्ट्स

हमें पता है कि आप ये पढ़कर अचरज में हैं, लेकिन डेयरी प्रोडक्ट्स, जैसे- दूध, क्रीम और चीज़ को पीरियड्स के दौरान नहीं खाना चाहिए. इनमें ऐरैकिडॉनिक ऐसिड होता है, जो मेन्स्ट्रुअल क्रैम्प्स को बढ़ा सकता है.
- हमारी सलाह: आप छाछ यानी मठा या टोन्ड मिल्क ले सकती हैं. ये दोनों ही पीरियड्स के दौरान सेवन किए जा सकने वाले पेय पदार्थ हैं.
4. ये न खाएं: तली हुई चीज़ें

ये तो ख़ुद ब ख़ुद समझ में आने वाली बात है कि तली हुई चीज़ें, जैसे- चिप्स, स्नैक्स, बिस्किट्स आदि में ट्रांस फ़ैट्स या हाइड्रोजनेटेड वेजेटेबल ऑइल होता है. पीरियड्स के दौरान इन्हें खाने से आपके शरीर में इस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ जाता है और इससे मूड स्विंग्स भी बढ़ जाते हैं.
- हमारी सलाह: तो आप सोच रही हैं कि फिर पीरियड्स के समय आपको क्या खाना चाहिए? भुने हुए स्नैक्स और कुरकुरी सब्ज़ियां, जैसे- गाजर, खीरा वगैरह.
5. ये न खाएं: रिफ़ाइन्ड अनाज

ब्रेड, पिज़्ज़ा, सीरियल्स और टॉर्टिला जैसी चीज़ें न खाएं. ये चीज़ें पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लोटिंग और कब्ज़ को बढ़ाती हैं.
हमारी सलाह: इसकी बजाय होल ग्रेन्स की चीज़ें चुनें, जिनका जीआई इन्डेक्स कम हो और जो आपके पाचन तंत्र को सही रखने के साथ-साथ ज़्यादा भूख को भी नियंत्रित कर सकें.
6. ये न खाएं: ऐसी चीज़ें जिनमें नमक की मात्रा ज़्यादा हो

कैन्ड सूप, चिप्स और अन्य पैकेज्ड फ़ूड्स में नमक की मात्रा ज़्यादा होती है और पीरियड्स के दौरान ज़्यादा नमक खाना सेहत की दृष्टि से ठीक नहीं है. मेन्स्ट्रुएशन के लिए ज़िम्मेदार हॉर्मोन्स पहले ही शरीर में वॉटर रिटेन्शन करते हैं और ज़्यादा नमक वाले खाद्यपदार्थों के सेवन से गैस व पेट फूलने की समस्या भी हो जाएगी.
- हमारी सलाह: पीरियड्स के दौरान दाल-चावल खाएं. दही और सलाद भी ले सकती हैं. आप जो भी खा रही हों, उस पर ध्यान दें और इस दौरान अपनी भूख से थोड़ा कम खाएं.
7. ये न पिएं: ऐल्कहॉल

भले ही आपकी कितनी भी इच्छा क्यों न हो पीरियड्स के दौरान ड्रिंक ना लें. इससे आपको अस्थाई तौर पर भले ही राहत मिले, लेकिन बहुत सारी नकारात्मक चीज़ें भी होंगी, जो आपको ज़्यादा परेशान कर सकती हैं. इससे आपके पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं और इस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ सकता है, जिससे पीरियड्स के लक्षण और ख़राब रूप ले सकते हैं. यदि ये बातें आपको रोक नहीं पा रही हैं तो हम बता दें कि ऐल्कहॉल डाइयूरेटिक नेचर का होता है, जो शरीर में वॉटर रिटेंशन बढ़ा देता है और आप बहुत फूली हुई नज़र आ सकती हैं.
- हमारी सलाह: लस्सी या नारियल पानी पिएं. ये पेय आपको हाइड्रेटेड भी रखेंगे और पीरियड्स में कोई परेशानी भी पैदा नहीं करेंगे.
8. ये न पिएं: कैफ़ीन वाले पेय

यदि आप कॉफ़ी पीती हैं तो पीरियड्स के दौरान इसकी मात्रा कम कर दें या पीना बंद कर दें. कॉफ़ी ब्लड प्रेशर बढ़ाती है, जिससे तनाव और एंग्ज़ाइटी अटैक्स होने की संभावना होती है यानी पीएमएस बहुत ही ख़राब हो सकता है.
- हमारी सलाह: ग्रीन टी पिएं, टमाटर और गाजर का जूस या घर पर बनाया गया सूप पिएं. इससे क्रैम्प्स में राहत मिलेगी.
9. ये खाएं: हरी पत्तेदार सब्ज़ियां

हमें पता है कि पीरियड्स के क्रैम्प्स झेलने के बावजूद हरी पत्तेदार सब्ज़ियां वो सबसे आख़िरी चीज़ हैं, जिसे आप खाना चाहेंगी, लेकिन पीरियड्स के बीच पालक, मेथी जैसी हरी सब्ज़ियां खाना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि इनमें बहुत सारा आयरन होता है, जिसकी पीरियड्स के दौरान आपको बहुत ज़रूरत होती है. अत: जब भूख लगे इन सब्ज़ियों को सलाद में मिला लें, सूप बना लें या वेज लज़ान्या भी चलेगा.
10. ये खाएं: चॉकलेट

हमें पता है यह पढ़ते ही आप ख़ुश हो गईं और पीरियड्स का दर्द कुछ पलों के लिए तो आपके ज़हन से निकल ही गया, है ना? पीरियड्स के दौरान आप बिना किसी ग्लानि के डार्क चॉकलेट्स खा सकती हैं. डार्क चॉकलेट्स में शक्कर की मात्रा कम होती है और मैग्नीशियम काफ़ी मात्रा में पाया जाता है, जो आपके सेरोटोनिन के स्तर को नियिमत करता है, जिससे अपके मूड स्विंग्स नियंत्रण में रहेंगे.
11. ये खाएं: केला

यदि आप पीरियड्स के समय कुछ सेहतमंद खाना चाहती हैं तो आप केला तो बिंदास खा सकती हैं. केले में पोटैशियम और विटामिन B6 बहुतायात में पाया जाता है. ये न सिर्फ़ आपको मानसिक आराम देगा, अच्छी नींद लाएगा, बल्कि आपका पेट भी साफ़ रखेगा और पेट फूलने से राहत देगा. यदि आपको केला खाना अच्छा नहीं लगता हो तो इससे बनी स्मूदी ट्राइ करें.
12. ये खाएं: सामन मछली

यदि आप मछली खाती हैं तो पीरियड्स के दौरान सामन मछली खाएं. इसमें ओमेगा 3 फ़ैटी ऐसिड्स काफ़ी मात्रा में पाए जाते हैं, जो आपकी मांसपेशियों और शरीर को आराम पहुंचाते हैं और क्रैम्प्स में कमी लाते हैं. यदि आप शाकाहारी हैं तो ओमेगा 3 फ़ैटी ऐसिड्स के लिए अलसी यानी फ़्लैक्सीड्स और सोयाबीन्स खा सकती हैं.
13. ये खाएं: दही

ऊपर हमने कहा था कि पीरियड्स के दौरान डेयरी प्रोडक्ट्स न खाएं, लेकिन दही इसका एक्सेप्शन है. यह कहा जाता है कि यदि कैल्शियम का स्तर अच्छा रखा जाए तो पीएमएस के लक्षण, जैसे-ब्लोटिंग और मूड स्विंग्स को नियंत्रण में रखा जा सकता है. यदि आप फिर भी दही नहीं खाना चाहतीं तो बादाम या दाल खाई जा सकती है.
14. ये खाएं: होल ग्रेन्स

यदि आप उन लोगों में से हैं जो पीरियड्स के दौरान खाने पर टूट पड़ते हैं तो होल ग्रेन आपके लिए बढ़िया स्नैक्स हैं. इन्हें खाने पर आपका पेट लंबे समय तक भरा हुआ रहेगा. इनमें विटामिन B और E होते हैं, जो उस थकान और डिप्रेशन से निजात दिलाते हैं, जो पीरियड्स के दौरान अमूमन हर महिला को महसूस होती है. तो अब पीरियड्स के दौरान आपको जब भी भूख सताए एक बोल ओटमील या पास्ता खा लें.
- ये खाएं: तरबूज़
जैसे ही आपको भूख लगे और आपका मन ब्राउनीज़, आइसक्रीम वगैरह खाने का करे इन शक्कर से भरी चीज़ों को खाने की बजाय तरबूज़ जैसा फल खाने को तरजीह दें. हालांकि आपके लिए ऐसा करना मुश्क़िल होगा, लेकिन हम आपको बता दें कि तरबूज़ में बहुत सारे पोषक तत्व और विटामिन्स होते हैं, जो आपको पीरियड्स के दौरान महसूस हो रही थकान और कमज़ोरी को दूर करने में सक्षम हैं.
निष्कर्ष
पीरियड्स आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसे रोका या बाधित नहीं किया जा सकता लेकिन इससे उत्पन्न दर्द और दूसरी असुविधाओं को कम ज़रुर किया जा सकता है । अगर महिलाएं कुछ सावधानियां और परहेज करेंगी तो वह पीरियड्स में होने वाली परेशानियों से आराम से बाहर आ सकती हैं । दिनचर्या में बदलाव और खान-पान में संतुलन रखकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है ।