बीटीसी अभ्यर्थियों के साथ सरकार कर रही सौतेला व्यवहार- बंटी पाण्डेय

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प्रयागराज:-
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से टीजीटी एवं पीजीटी का नोटिफिकेशन जारी किया गया।जिसमें ग्रेजुएशन के साथ बीएड डिग्री को शामिल किया गया।प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में भी बीएड को मौका दिया जा रहा है।वही 28 जून 2018 को भारत का राजपत्र जारी किया गया,जिसमें बीएड को प्राथमिक विद्यालयों में ब्रिज कोर्स के साथ प्रवेश दिया गया।लेकिन बीटीसी/डीएलएड छात्र केवल प्राथमिक विद्यालयों की भर्ती तक सिमट कर रह गये हैं।अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने 1978 में संशोधन करके बीटीसी छात्रों को भी प्राथमिक विद्यालयों के साथ-साथ जूनियर एडेड स्कूल में मौका दिया गया।लेकिन टीजीटी पीजीटी की भर्ती से बाहर कर दिया गया है।अगर शिक्षा सेवा की चयन प्रक्रिया सरकार 1 से 12 तक एक करना चाहती है तो फिर बीटीसी डीएलएड को भी टीजीटी से बाहर क्यों किया गया।सरकार क्यों बीएड धारक को सभी परीक्षा में शामिल करवा रही है प्राथमिक से लेकर इन्टर कालेज तक और बीटीसी/डीएलएड को बाहर रास्ता दिखाया जा रहा है। जबकि प्रदेश में बीटीसी धारक अभ्यर्थियों कि संख्या 7 लाख के लगभग है जो इस समय बेरोजगार बैठे हैं फिर भी सरकार के द्वारा ध्यान नही दिया जा रहा है।शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का गठन ही क्यों किया जा रहा है जब बीटीसी/डीएलएड छात्र के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। वही नई शिक्षक भर्ती के लिए प्रयासरत शिक्षक नेता बंटी पाण्डेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश में शिक्षक बनना केवल राजनैतिक विषय बन कर रह गया है।किसको भर्ती में मौका देना है यह वोट बैंक पर निर्भर करता है। वही बंटी पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से गुजारिश की है कि बीएड के साथ-साथ बीटीसी/डीएलएड को भी टीजीटी शिक्षक भर्ती में फॉर्म भरने का मौका दिया जाय।

Sach ki Dastak

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