सराहनीय पहल : भिखारियों को मुख्यधारा से जोड़ने की पहल – सर्वे शुरू
उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊमें सार्वजनिक स्थलों पर भीख मांगने वालों भिखारियों के लिए नगर निगम ने एक खाका तैयार करना शुरू कर दिया है।
निगम के अधिकारियों की मानें तो अब भिखारियों को घर-घर कूड़ा बटोरने के काम पर रोजगार से लगाया जाएगा।इसके लिए निगम उन्हें पैसा भी मुहैया कराएगा। इसको लेकर निगम के कर्मचारियों ने भिखारियों का सर्वे भी शुरू कर दिया है।
दरअसल, लखनऊ शहर के हर ट्रैफिक सिग्नल और सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने वालों की हालत देखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथनाराज हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर एक बार फिर शासन ने आदेश जारी किया है। ऐसे में नगर निगम पहली बार शहर के सभी आठों जोन में भीख मांगने वालों को चिह्नित करने के लिएअभियान चलाएगा। इसे लेकर नगर आयुक्त ने आदेश भी जारी कर दिया है।फिलहाल,अभी तक भिखारियों से संबंधित काम समाज कल्याण विभाग करता था। वही इनके लिए भिक्षुक गृह बनवाता था।
नगर आयुक्त ने बताया कि भिखारियों को शेल्टर होम में रखा जाएगा। अभी ये सड़क या फुटपाथ पर सोते हैं।
नगर निगम ने तकरोही में एक शेल्टर होम भिखारियों के लिए काम करने वाली संस्था को चलाने के लिए दिया है। यहां भिखारियों को रखा जा रहा है।भिक्षावृत्ति प्रतिषेध अधिनियम के तहत भीख मांगना कानूनन जुर्म है। इसके तहत भीख मांगने वाले व्यक्ति को पुलिस गिफ्तार करके समाज कल्याण विभाग के राजकीय भिक्षु गृह में भेजना होता है।
लेकिन, हर शहर में खुलेआम भीख मांगते यह भिखारी यह दिखाते हैं कि पुलिस भिखारियों को लेकर कितनी गंभीर है।भीख मांगकर जीवन यापन करने वालों को समाज की मूलधारा में लाने के लिए यूपी के कई जिलों में राजकीय भिक्षु गृह बनाए गए हैं। लेकिन, इनका सदुपयोग नहीं हो पाया है।
दरअसल, भिक्षावृत्ति प्रतिषेध अधिनियम के तहत पकड़े गए भिखारियों को यहां लाकर रखा जाना था। समाज कल्याण विभाग को यह जिम्मेदारी दी गई थी कि इन भिखारियों को जीवन यापन के लिए रोजगारपरक काम सिखाए जाएं। काम सीखने के बाद इन्हें यहां से मुक्त कर दिया जाएगा और उनकी समय-समय पर मॉनीटरिंग भी की जानी थी।
लेकिन, यह योजना अन्य योजनाओं की तरह कागजों पर भी ठीक से नहीं चल पाई है। यूपी के जिलों में राजकीय भिक्षु गृह बंद ही पड़े हैं।अब देेखना यह होगा कि मुख्यमंत्री योगी की भिखारियों को रोजगार देने की सराहनीय पहल कितनी सफल होती है। जो भी हो पर उनकी सोच सराहनीय हैै।