मुलायम ने लिया था औरैया जिले को समाप्त करने का निर्णय लिया

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2003 में जब मुलायम सिंह दोबारा मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने औरैया को दोबारा इटावा में सम्मिलित करने के लिए औरैया जिले को समाप्त कर दिया था। इसके चलते मुलायम सिंह यादव को औरैया जिले के लोगों का गुस्सा भी झेलना पड़ा था। गुस्साए ग्रामीणों ने औरैया में उनका हेलीकॉप्टर नहीं उतरने दिया गया था।

नेताजी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि इटावा जिले का हिस्सा औरैया जिला भी रहा। उनके दिल के करीब जितना इटावा जिला था उतना ही औरैया जिला भी। यही कारण था कि औरैया जिले के लोगों का भी उनसे दिली लगाव है। औरैया के लोग भी मुलायम सिंह यादव से उनके मुख्यमंत्रित्व काल में आसानी से मुलाकात कर लेते थे।

औरैया जिला उनके दिल के करीब होने के कारण जब मुलायम सिंह वर्ष 2003 में प्रदेश में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने औरैया जिला को दोबारा इटावा से जोड़ने की कवायद के रूप में यह जिला समाप्त कर दिया था। हालांकि इसके बाद उन्हें काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। दरअसल मायावती ने मुख्यमंत्री रहते वर्ष 1997 में इटावा जिले की दो तहसीलों औरैया और बिधूना के साथ औरैया जिले का सृजन कर दिया था।

इसके बाद वर्ष 2003 में जब मुलायम सिंह दोबारा मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने औरैया को दोबारा इटावा में सम्मिलित करने के लिए औरैया जिले को समाप्त कर दिया था। इसके चलते मुलायम सिंह यादव को औरैया जिले के लोगों का गुस्सा भी झेलना पड़ा था। गुस्साए ग्रामीणों ने औरैया में उनका हेलीकॉप्टर नहीं उतरने दिया गया था। औरैया जिला समाप्त करके दोबारा इटावा में शामिल किए जाने का उनका निर्णय भले ही राजनैतिक रहा हो।

लेकिन लोगों में यह चर्चा रही कि औरैया के लोगों से उनके दिली जुड़ाव के कारण ही उन्होंने औरैया जिला समाप्त करने जैसा जोखिम भरा निर्णय लिया। हालांकि राजनैतिक जानकारों में चर्चा थी कि इटावा से अलग हुए औरैया जिले में सपा के घटते बजूद के कारण उन्होंने औरैया जिला समाप्त किया था।

औरैया से जुड़ी एक और बात यह है कि 1 980 में मुलायम सिंह द्वारा कमलेश पाठक को युवा लोकदल का प्रदेश मंत्री बनाया गया। 1985 में कमलेश पाठक पहली बार 25 वर्ष की आयु में विधायक बन गए। जब मुलायम सिंह यादव पहली बार मुख्यमंत्री बने तो कमलेश पाठक का एक अलग ही जलवा था और उन्हें मिनी मुख्यमंत्री के रूप में जाने जाने लगा।

सबसे खास बात यह है कि मुलायम सिंह यादव औरैया में जब आते थे तो महावीर गंज में ज्ञानेंद्र उर्फ गिन्नु गुप्ता के यहां पर बैठक होती थी। वहीं से ही वह लोग सारी रणनीति बनाते थे। मुलायम सिंह को औरैया शहर की बालूशाही एवं सोहन पापड़ी बेहद पसंद थी।

औरैया शहर में यदि विकास की बात की जाए तो समाजवादी पार्टी की सरकार में ही शहर में विकास का ताना-बाना बुना गया और मुलायम सिंह यादव ने यहां पर प्रसिद्ध देवस्थान देवकली मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। यही नहीं दूरदर्शन सेंटर भी बनाया गया। इसके अतिरिक्त प्लास्टिक सिटी का निर्माण कराए जाने में भी उनका विशेष योगदान रहा।

पूर्व विधायक एल एस के साडू थे मुलायम सिंह यादव
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का औरैया जनपद से विशेष लगाव इसलिए भी था क्योंकि उनकी ससुराल जनपद के बिधूना विधानसभा में थी। प्रमोद गुप्ता पूर्व विधायक की पत्नी कल्पना की बहन साधना से सहकारिता मंत्री रहे मुलायम सिंह की मुलाकात एक नर्सिंग होम में हुई।

मुलायम सिंह की मां मूर्ति देवी की जब तबीयत खराब हो गई थी उसी नर्सिंग होम में साधना नर्सिंग का कोर्स कर रही थी। वहीं से दोनों लोग एक दूसरे के करीब हो गए। गौरतलब है कि साधना का पहले विवाह फर्रुखाबाद निवासी चंद्रप्रकाश के साथ हुआ था। उसके उपरांत मुलायम सिंह यादव ने उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। प्रमोद गुप्ता इसी के कारण मुलायम सिंह के करीबी माने जाते थे।

Sach ki Dastak

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