सर्वधर्मसमभाव राफेल पूजन से दिया गया दुनिया को एकतामय भारत का मजबूत संदेश –
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[यदि हम सब मिलकर रहें तो चीन क्या कोई भी देश हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।]
– ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
भारत के महान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रक्षा मंत्रालय को नये उन्मेष नये उद्घोष एवं भारत की रक्षा व्यवस्थाओं को सशक्तता प्रदान करते हुए देश एवं दुनिया को एकतामय भारत का बुलंद तरह से अहसास करा रहे हैं कि कोई भी राष्ट्र भारत को किसी भी तरह से कमजोर समझने की भूल ना करे। पिछले कुछ सप्ताहों में राजनाथ सिंह की सक्रियता और दूरदर्शिता को पूरी दुनिया ने देखा है। उन्होंने मास्को में चीनी रक्षा मंत्री वे फेंगे के साथ भेंट में अपने चिर-परिचित सशक्त एवं प्रभावशाली तेवर से बिल्कुल साफ कर दिया है कि शंघाई सहयोग सम्मेलन के देशों के साथ ही पूरे एशियाई व प्रशान्त क्षेत्र में आपसी शान्ति व सौहार्द का वातावरण बनाये रखने के लिए जरूरी है कि कोई भी देश आक्रामक तेवर अपनाने के स्थान पर सहकार, शांति और सह अस्तित्व की भावना से काम करे। यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण थी। जहां एक ओर रक्षा मंत्री अपनी बातचीत में व्यस्त रहते हुए कूटनीतिक तरीके से भारत के पक्ष को मजबूती प्रदान कर रहे थे, वहीं इस बीच भारत के थलसेना प्रमुख व वायुसेना प्रमुख ने लद्दाख का दौरा करके साफ कर दिया है कि किसी भी सैनिक परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए भारत की फौजें पूरी तरह सजग व सर्तक हैं। बार-बार भारत-चीन सीमा पर चीनी सेनाओं की हरकतों एवं चीन की युद्ध मानसिकता को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का स्पष्ट भाषा में अपनी बात कहने एवं भारत के शांतिपूर्ण-उदार दृष्टिकोण की प्रस्तुति देने का अर्थ है कि सीमा पर चल रही तनातनी में वह ढिलाई आनी चाहिए जो दो पड़ोसी देशों के बीच अपेक्षित है। भारत की एक इंच भूमि पर भी चीनी अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सैन्य अतिक्रमण बंद करे चीन और और सीमा का सम्मान करे। वैसे भी भारत अपनी भौगोलिक संप्रभुता के साथ किसी प्रकार का समझौता करने वाला नहीं है। यह आज का भारत है जहां दो टूक ही बात होगी। चीन ने लगातार अपनी कुटिल चालों और भारत की सीमाओं पर अपनी चिरपरिचित विस्तारवादीकुनीति षड्यंत्रपूर्ण गतिविधियों से न केवल भारत बल्कि विश्व को तनाव और त्रास का वातावरण दिया साथ ही अनिश्चय और असमंजस की विकट स्थिति भी दी है। कोरोना महामारी के दौर में उसके द्वारा युद्ध जैसे वातावरण बनाने के प्रयत्नों को समूची दुनिया विडम्बनापूर्ण एवं दुर्भाग्यपूर्ण मान रही है। जबकि भारत ने विश्व शांति एवं दुनिया में अमन कायम करने को सुदृढ़ धरातल दिया है। मानवीय सहृदयता, शांति-सहिष्णुता और सह-अस्तित्व की भावना को सम्मान दिया है। अभय का वातावरण, शुभ की कामना और मंगल का फैलाव कर तीसरी दुनिया को विकास के समुचित अवसर और साधन की संभावना दी है। मनुष्य के भयभीत मन को युद्ध की विभीषिका से मुक्ति दी है। स्वयं अभय बनकर विश्व को निर्भय बनाया है। हम सदियों से प्रेम व भाइचारे के समर्थक रहे हैं मगर इसे कोई हमारी कमजोरी न समझे।दुनिया जानती है कि भारत ने कभी पहले हमला नहीं किया और जब सामने वाले नेे किया तो भारतीय सेना नेे उनके गंदे मंंसूबों को नेस्तनाबूद कर दिया। जगजाहिर है कि भारत तो वह देश है जिसने पंचशील समझौता करके सहअस्तित्व एवं शांति का मार्ग प्रशस्त किया था, लेकिन चीन तब भी दोगला था और आज भी है। भले ही चीन ने 1962 में आक्रमण करके पंचशील समझौते को खंड-खंड किया और भारत की 40 हजार वर्ग कि.मी. अक्साई चिन की जमीन कब्जा ली, किन्तु चीन का अब ऐसा कोई इरादा किसी कीमत पर कामयाब नहीं हो सकता, चाहे वह कितने भी मनसूबे पाले। विडम्बना यह है कि एक तरफ चीन, दूसरी तरफ पाकिस्तान और तीसरी तरफ देश की दीमक गद्दार लोग। यह जो तीन तिकाड़ा और देश का काम बिगाड़ा लोग हैं, इनका भी पर्दाफश होकर इनकी करनी का जेल मिलने का वह समय भी निकट ही है। क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी देश की सेना को सशक्त बनानेे मेंं प्रतिज्ञाबद्ध हैं और जिसकी बानगी कल फ्रांस की डिफेंस मिनिस्टर फ्लोरेंस पार्ले की मौजूदगी में सर्वधर्म यानी हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई धर्म के अनुसार राफेल पूजन से दिखी । उसके बाद एयर-शो हुआ, जिसमें फाइटर प्लेन ने आसमान में ताकत दिखाई। फिर, लैंडिंग के बाद वॉटर कैनन सैल्यूट दिया गया। इस अवसर में राफेल इंडक्शन सेरेमनी में बोलते हुए फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने कहा, “आज का दिन भारत-फ्रांस के लिए एक उपलब्धि है। हम अपने रक्षा संबंधों के इतिहास में नया चैप्टर लिख रहे हैं। हम मेक इन इंडिया अभियान के लिए भी कमिटेड हैं। फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएन सिक्योरिटी काउंसिल) में भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करता है।”राफेल फाइटर जेट की अम्बाला स्थित 17 गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन में औपचारिक एंट्री इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है। 17 साल बाद देश का कोई रक्षा मंत्री अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन पर किसी बड़े समारोह में शामिल हुआ है। इससे पहले अगस्त 2003 में एनडीए सरकार में रक्षा मंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस ने 73 की उम्र में अम्बाला से मिग-21 बाइसन में उड़ान भरी थी।
राफेल का सर्वधर्म सम्भाव से किया गया पूजन से दिखी। बता दें कि फ्रांस से 36 राफेल की डील के तहत 5 विमानों का पहला बैच 29 जुलाई को भारत पहुंचा था और सबसे बड़ी बात यह है कि राफेल चौथी जेनरेशन का सबसे फुर्तीला जेट है, इससे परमाणु हमला भी किया जा सकता है। वहीं वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा, “सुरक्षा की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राफेल को शामिल करने का इससे अच्छा समय कोई और नहीं हो सकता था।” सच है कि फ्रांस से खरीदे गए 5 आधुनिक फाइटर जेट राफेल भारत आने के 43 दिन बाद आज अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन पर वायुसेना में शामिल कर लिए गए।और इस अपार खुशी से सर्वधर्मसमभाव अद्भुत पूजन से भारत ने अपनी महान गौरवशाली संस्कृति और सर्वधर्म की सुन्दर एकता की भावना का संदेश दिया कि यही है भारत और यह है भारत की खूबसूरती जिसे पूरी दुनिया की मीडिया ने लिखा, दिखाया और सराहा गया। यही सच है कि अगर हम समस्त 130करोड़ भारतीय मिलजुल कर प्रेमपूर्वक राष्ट्रहित सर्वोपरि भावना से जुड़ कर जिये तो चीन क्या विश्व का कोई भी देश भारत की तरफ बुरी नज़र से नहीं देख सकता। वंदेमातरम्।