भारत ने पहलगाम हमले का लिया बदला,100से ज्यादा आतंकी ढेर

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सच की दस्तक डिजिटल न्यूज डेस्क दिल्ली

भारत जो कहता है वो करता है इस बात में दम होता है ये बात भारत का बच्चा कहता है ये बात फिर सिद्ध किया मोदी के नेतृत्व ने।

भारत ने पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर ही दी। इंडियन एयरफोर्स ने मंगलवार आधी रात लगभग 1 बजकर 5 मिनट पर पाकिस्तान और पीओके, यानी पाक अधिकृत कश्मीर के भीतर एयर स्ट्राइक की।

इस हमले में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया है। इसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। भारत ने  ऑपरेशन सिंदूर के तहत ये जवाबी कार्रवाई पहलगाम हमले के 15 दिन बाद की गई है।

ये नाम उन महिलाओं को समर्पित है, जिनके पतियों की पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने हत्या कर दी थी।

पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए तीनों सेनाओं की तारीफ की। ऑपरेशन सिंदूर पर कहा कि ये नया भारत है। पूरा देश हमारी ओर देख रहा था। ये तो होना ही था।

पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस  के डायरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा-भारत ने 24 मिसाइलें दागी हैं। ANI न्यूज एजेंसी  ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पीएम मोदी ऑपरेशन सिंदूर को पूरी रात मॉनिटर करते रहे।

भारत सरकार द्वारा हमले की पूरी जानकारी दी गई। इस संबंध कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने संयुक्त रूप से देश को जानकारी देते हुए बताया कि 25 मिनट के आपरेशन में पी ओ के में 9 टारगेट पहचाने गए थे जिसे हमारी सेना ने तबाह कर  दिया।पीओके में मुजफ्फराबाद स्थित लश्कर के सवाई नाला ट्रेनिंग सेंटर को सबसे पहले निशान बनाया गया। सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकियों ने यहीं ट्रेनिंग ली थी।

मुजफ्फराबाद का सैयदना बिलाल कैंप। यहां हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल की ट्रेनिंग दी जाती थी।कोटली का लश्कर का गुरपुर कैंप। पूंछ में 2023 में श्रद्धालुओं पर हमला करने वाले आतंकी यहीं ट्रेंड हुए थे।भिम्बर का बरनाला कैंप। यहां हथियार चलाना सिखाया जाता है।कोटली का अब्बास कैंप। यह एलओसी से 13 किमी दूर है। यहां फिदायीन तैयार होते हैं।सियालकोट का सरजल कैंप। मार्च 2025 में पुलिस जवानों की हत्या के आतंकवादियों को यहीं ट्रेन किया गया था।सियालकोट का हिजबुल महमूना जाया कैंप। पठानकोट हमला यहीं प्लान किया गया।मुरीदके का मरकज तैयबा कैंप। अजमल कसाब और डेविड कोलमैन हेडली यहीं ट्रेन हुए थे।।मस्जिद सुभान अल्लाह बहावलपुर जैश का हेडक्वार्टर था। यहां रिक्रूटमेंट, ट्रेनिंग दी जाती थी।

Sach ki Dastak

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