सीबीआई ने1.17 करोड़ नगद बरामद किए, विभागीय परीक्षा में रेलवे के अफसर सहित 26 गिरफ्तार

सच की दस्तक डिजिटल न्यूज डेस्क वाराणसी चन्दौली
सीबीआई ने सीनियर डीपीओ सुजीत कुमार , सीनियर डीईई ऑपरेशन सुशांत परासर सहित 26 लोगो को किया गिरप्तार
डीडीयू रेल प्रबंधक कार्यालय में उस समय अफरा तफरी मच गया जब विभागीय प्रमोशन परीक्षा के पेपर लीक मामले में हुए भ्र्ष्टाचार को लेकर सीबीआई ने छापेमारी कर दी । छापेमारी मामले में सीबीआई ने सीनियर डीपीओ सुजीत कुमार , सीनियर डीईई ऑपरेशन सुशांत परासर सहित 26 लोगो को किया गिरप्तार
कर अपने साथ ले गयी । छापेमारी के दौरान 1 करोड़ 17 लाख रुपया भी बरामद किया गया ।
मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई ने पूर्व मध्य रेलवे के तहत विभागीय परीक्षा पेपर लीक का भंडाफोड़ किया है । सीबीआई ने 3 और 4 मार्च 2025 की मध्य रात्रि को शुरू किए गए एक ऑपरेशन के दौरान मुगलसराय में पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत विभागीय परीक्षा पेपर लीक घोटाले का पता लगाया और उसका भंडाफोड़ किया। इस संबंध में एक सीनियर डीईई (ऑप्स) और 8 अन्य रेलवे अधिकारियों और अज्ञात उम्मीदवार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
गौरतलब हो कि पूर्व मध्य रेलवे ने 4 मार्च, 2025 को मुख्य लोको निरीक्षकों के पदों के लिए विभागीय परीक्षा निर्धारित की थी। मुगलसराय में उक्त मध्य रात्रि में 3 स्थानों पर सीबीआई द्वारा की गई जांच के दौरान कुल 17 अभ्यर्थियों के पास हस्तलिखित प्रश्नपत्रों की फोटोकॉपी पाई गई।
सीबीआई द्वारा जांच से पता चला है कि आरोपी सीनियर डीईई (ऑप्स) को उक्त परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में प्रश्न लिखे थे और कथित तौर पर इसे एक लोको पायलट को दिया था, जिसने इसे हिंदी में अनुवाद किया और आगे एक ओएस (ट्रेनिंग) को दिया। कथित ओएस (ट्रेनिंग) ने कथित तौर पर इसे कुछ अन्य रेलवे कर्मचारियों के माध्यम से उम्मीदवारों को दिया। सीबीआई ने पैसे इकट्ठा करने और प्रश्न पत्र वितरित करने के आरोप में आरोपी सीनियर डीईई (ऑप्स) और अन्य रेलवे कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। 17 विभागीय उम्मीदवार जो वर्तमान में लोको पायलट के रूप में काम कर रहे हैं, ने कथित तौर पर प्रश्न पत्र के लिए पैसे का भुगतान किया और 3-4 मार्च, 2025 की रात को प्रश्न पत्रों की प्रतियों के साथ रंगे हाथों पकड़े गए, उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। कुल मिलाकर, इस मामले में अब तक 26 रेलवे अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
8 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप 1.17 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए। कथित तौर पर यह रकम प्रश्नपत्र लीक करने के लिए उम्मीदवारों से वसूली गई थी। हाथ से लिखे प्रश्नपत्रों के साथ-साथ उनकी फोटोकॉपी भी जब्त कर ली गई और इन प्रश्नपत्रों का मिलान मूल/वास्तविक प्रश्नपत्र से किया गया और पाया गया कि वे मेल खाते हैं।