पूर्व बसपा प्रत्याशी उपेंद्र सिंह गुड्डू हुए जिला बदर
सच की दस्तक डिजिटल न्यूज डेस्क वाराणसी चन्दौली
जनपद चन्दौली के चहनिया ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर तख्तापलट का प्रयास करना उपेंद्र सिंह गुड्डू को अंततः महंगा ही पड़ गया। स्थानीय पुलिस की संस्तुति पर जिला प्रशासन ने बलुआ थाना क्षेत्र के संमुदपुर निवासी उपेंद्र सिंह गुड्डू तथा चकिया कोतवाली के सिकंदरपुर निवासी इम्तियाज को जिला बदर करने पर अपनी मंजूरी दे दी ।दोनों के आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ पुलिस के द्वारा रिपोर्ट बनाकर जिला बदर के लिए संस्तुति किया। जानकारी के अनुसार उपेंद्र सिंह गुड्डू वर्ष 2017 में बसपा के टिकट पर सकलडीहा से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। इसके अलावा उनकी पत्नी भी चहनिया से ब्लाक प्रमुख रह चुकी हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इधर कुछ महीने से पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे के द्वारा आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों की पुलिस टीम से लगातार मानिटरिंग कराई जा रही हैं।इसी अभियान के तहत बलुआ थाने की पुलिस टीम ने रिपोर्ट बनाकर उपेंद्र सिंह गुड्डू के खिलाफ जिला बदर की संस्तुति किया था।इसी क्रम में चकिया कोतवाली पुलिस ने सिकंदरपुर निवासी इम्तियाज के खिलाफ रिपोर्ट भेजा था।रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों लोग आदतन अपराधी हैं।इनके चलते जिले में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ रखने में काफी परेशानी होगी। रिपोर्ट को गंभीर मानते हुए इसी रिपोर्ट के आधार पर डीएम निखिल टीकाराम फुंडे ने बसपा के पूर्व प्रत्याशी व ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि उपेंद्र सिंह गुड्डू तथा इम्तियाज को छह माह के लिए जिला बदर कर दिया हैं।
साथ ही जिला बदर की कार्रवाई के बड़े चेतावनी जारी किया गया है कि दोनों को छह माह के लिए जिले की भौगोलिक सीमाओं से निष्कासित किया गया हैं।अगर इसके बाद भी कोई शहर की सीमा में भटकता या सक्रिय दिखा तो उसके ऊपर सख्त एक्शन का पूरा प्लान पुलिस के पास तैयार रखा है।जिला पुलिस अभियुक्त पर पैनी नजर बनाए हुए है।
ध्यान देने योग्य बात है कि पिछले दिनों ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी को लेकर जमकर जोर आजमाइश हुई थी बोर्ड की आयोजित मीटिंग से क्षेत्र पंचायत सदस्य गोलबंदी करते हूए न सिर्फ गायब बल्कि जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचकर शक्ति प्रदर्शन किया था और अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया था।अंत में सैयदराजा विधायक सुशील सिंह ने मोर्चा संभाला था तब जाकर बोर्ड की मीटिंग सम्पन्न हुई थी।