अपना मैला खुद साफ करो गद्दारों –
(पूरे देश में केवल हिन्दू धर्म ने ही सबका मल उठाने, मैला उठाने का ठेका लिया है क्या? यह हिन्दुओं का शदियों से चला आ रहा अपमान है पर इसपर कोई नहीं बोलता? विडम्बना देखो! जिन महर्षि वाल्मीकि जी ने श्री रामायण महापुराण लिखा, जिनके आश्रम में माता सीता जी रहीं जिनके आश्रम में महापराक्रमी लव-कुश जैसे दिव्य पुत्रों को जन्म दिया और जिन्होंने मुगलों के अत्याचारों को सहा सिर पर मैला उठाया पर अपना हिन्दू धर्म नहीं बदला । आज उन्हीं महर्षि के अंश- वंशजों को उनकी महिलाओं को सभी का मल ढ़ोना पड़ रहा है वह भी धन-बल के दबाव में सभी धर्मों का, मेरा भारत सरकार से करबद्ध निवेदन है कि यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी महिला हिन्दू जन को स्वच्छता कर्मी बनने के लिए जबर्दस्ती करे तो उस पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई का कानून बनायें, यह मुझे कतई स्वीकार नहीं कि देश में आज भी बहुत सी हमारी हिन्दू माताएं और बहने दबाववश सबका मल उठाने को बाध्य की जा रही हैं…जिस देश में शक्ति की पूजा होती है गौरी, लक्ष्मी, सरस्वती, काली आदि देवियों की पूजा होती हैं और उसी देश में महिला को किसी का मल मूत्र अपने सिर पर ढोना पड़े इससे बड़ी शर्मदगीं की बात और क्या हो सकती है, अब एक तो वह पूरे देश का मल उठायें ऊपर से उन्हें अछूत कह कर उन्हें घोर अपमानित नजरों से देखा जाता है जबकि त्रेतायुग में भगवान श्री राम जी ने सबरी माता के झूठे बेर खाकर इस छुआछूत को समाप्त करके प्रेम – आदर और समानता का सुन्दर संदेश दिया था पर कुछ लोगों ने भगवान श्री राम जी को भी ठीक से नहीं समझा और वहीं वाल्मीक समुदाय के हमारे भाइयों को उनकी गरीबी और मजबूरीवश उन्हें जबरन सीवरों में उतारा जा रहा हैं बिना किसी स्पेशल सुरक्षा जैकिट, मास्क के..जब कोई अंतरिक्ष में जाता है तो आप उसे स्पेशल ड्रेस-सूट मुहैया कराते हैं, जब कोई सागर की गहराई में जाता है यानि गोताखोरों को आप स्पेशल ड्रेस-सूट मुहैया कराते हो कि उनकी प्राणों की रक्षा हो, तो माननीय ये हमारे देश के सीवर में यानि गंदगी के नर्क में उतरने वाले सफाईकर्मियों को स्पेशल ड्रेस-सूट मुहैया क्यों नहीं कराया जाता? जिससे वो भी सीवर से निकलने वाली जानलेवा गैसों से अपनी प्राणों की रक्षा कर सकें। कई बार इस सीवर की जहरीली गैसों से उनकी मौत तक हो जाया करती है…। अत:, श्री मान जी से प्रार्थना है कि अगर ये सुविधा उपलब्ध नहींं करायी जा सकती तो पूरे देश में यह अपमानित कार्य बेन करवा दीजिएगा। क्योंकि यह सब अब बर्दाश्त से बाहर है।
हर महिला सम्म्मानीय है वह किसी का मल सिर पर ढ़ोये यह पाप है क्योंकि महिला देवीरूप है। यह असहनीय है।
सुखद खबर है कि अब कश्मीर घाटी में अनुच्छेद 370,35ए हटने से लगभग तीन हजार से अधिक हमारे वाल्मीक समुदाय लोगों को सम्मान से जीने की उम्मीद जगी है। वाल्मीकि समुदाय के पूर्वजों को 1957 में जम्मू-कश्मीर सरकार पंजाब से लेकर आई थी, लेकिन यहां उन्हें कभी नागरिक नहीं माना गया और उनके अधिकारों से भी वंचित रखा गया. हालांकि उन्हें रहने के लिए जमीन जरूर दी गई।
हमारे पंजाब का हिन्दू वाल्मिकी समुदाय बहुत खुश है। यह जीत इस समुदाय की बहुत बड़ी जीत है जिसने पिछले सात दशकों से कश्मीर में सिर्फ मैला ही ढ़ोया है,या यूँ कहूँ कि जबरन मल उठवाया गया और कोई अन्य नौकरी, रोजगार उन्हें वहां करने का अधिकार ही नहीं था। इन लोगों ने 90 के दशक में भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था पर कोई सुनवाई नहीं हुई। आज उन्हें आजादी मिली है, अब वह कह सकेगें कि अलगाववादियों और देश के गद्दारों अब आप, अपना मल, मैला खुद साफ करो । अब वे भी बड़े पदों पर पहुंच सकेगें और बालविवाह जैसी कुरीति से भी वहां की बेटियों को आजादी मिली है अब वह भी भारत की तरक्की में अपना योगदान दे सकेगीं। अब उन सभी पर किसी भी अलगाववादी पाक परस्तों द्वारा जबरन पत्थर फेंक बनाने का कहर नही बरपेगा और अब वह सभी गर्व के साथ इसी 15 अगस्त – स्वतंत्रता दिवस से भारतीय राष्ट्रगान जन-गण-मन गाते हुए , तिरंगे को सैल्यूट करेगें और भारतीय सेना का सम्मान करेगें और खुद भी भारतीय होने पर गर्व कर सकेगें।
ये किया है मोदी सरकार ने… और ताज्जुब है विपक्ष विरोध कर रहा, कुछ देशद्रोही चिल्लाचौथ मचाये पड़े हैं.. अरे! गद्दारों चुल्लूभर पानी में डूब मरो, तुम जैसों के कारण ही देश कमजोर पड़ता है वरना यह देश विश्व की महाशक्ति होता पर तुम चिरकुटों की वजह से यह देश ना रूकेगा, ना ही थमेगा अब सिर्फ़ विकास के पथ पर आगें बढ़ेगा और तुम सब देखोगे, चिल्लाओगे.. और बाद में सैल्यूट भी करोगे।
-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना,न्यूज ऐडीटर सच की दस्तक राष्ट्रीय मासिक पत्रिका वाराणसी
वंदेमातरम् 🙏🇮🇳