दलील : रामलला नाबालिग, उनकी संपत्ति ना बेची, ना छीनी जा सकती है-
- Ayodhya Ram Mandir केस में 9वें दिन हुई सुनवाई
- हिंदू पक्ष के वकील वैद्यनाथ ने दी गज़ब दलील
- वैद्यनाथः मंदिर रहा हो या ना हो आस्था होना काफी
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। बुधवार को सुनवाई का 9वां दिन था। रामलला विराजमान के वकील सी एस वैद्यनाथ ने बुधवार को अपनी दलीलें दीं।सुनवाई के दौरान वैद्यनाथ ने दिलचस्प दलील दी। वैद्यनाथ ने रामलला को नाबालिग बताया।
इसके साथ ही रामलला के वकील ने कहा कि विवादित भूमि पर मंदिर रहा हो या न हो, लोगों की आस्था होना काफी है यह साबित करने के लिए कि वही रामजन्म स्थान है।
अयोध्या मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय बेंच ने 9वें दिन सुनवाई की जिसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने रामलला के पक्षकार सीएस वैद्यनाथन ने दलील दी।
उन्होंने कहा कि हमारे भगवान रामलला नाबालिग हैं और नाबालिग की संपत्ति को न तो बेचा जा सकता है और न ही छीना जा सकता है।
वैद्यानाथ ने कहा इस मामले में कभी भी कोई प्रतिकूल कब्जा नहीं हुआ है, हिन्दुओं ने हमेशा इस स्थान पर पूजा करने की अपनी इच्छा सामने रखी है।
ऐसे में इस जगह पर किसी ओर के स्वामित्व का कोई सवाल ही नहीं उठता, जमीन केवल भगवान की है।
वैद्यनाथ ने दलील दी कि वह भगवान राम का जन्मस्थान है। किसी मूर्ति या मंदिर को नहीं तोड़ा जा सकता, अगर मंदिर न भी हो तो भी इस स्थान की पवित्रता बनी रहेगी।
गज़ब दलील –
वैद्यनाथन ने एक और गज़ब दलील दी। उन्होंने कहा कि अगर जन्मस्थान देवता है, अगर संपत्ति खुद में एक देवता है तो भूमि के मालिकाना हक का दावा कोई नहीं कर सकता।
कोई भी बाबरी मस्जिद के आधार पर उक्त संपत्ति पर अपने कब्जे का दावा नहीं कर सकता।
आपको बता दें कि पूरा विवाद पूरा 2.77 एकड़ की जमीन को लेकर है। इसमें सीजेआई रंजन गोगोई समेत पांच जजों की बैंच सुनवाई कर रही है।