कागज में मजदूर करते काम, धरातल पर निशान नहीं

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सच की दस्तक डिजिटल न्यूज डेस्क वाराणसी चन्दौली 

इलिया (चंदौली) मनरेगा योजना के तहत शहाबगंज ब्लॉक में इन दिनों बड़े पैमाने पर कागजों में काम कर धन का बंदरबांट किया जा रहा है। कई जगहों पर ऐसे साक्ष्य हैं जहां कागज पर तो मजदूरों को काम करते हुए दिखाया गया है, लेकिन मौके पर कही उनके काम करने का साक्ष्य नहीं है। ताजा मामला ब्लॉक के हाटां ग्राम सभा से है। जहां दस्तावेजों में ग्राम सभा से तीन कार्य का मास्टर रोल चल रहा है । दो मूहवा पुल से यदुनाथ के खेत तक मेड़बंदी, भोले के खेत से मालिक के खेत तक मेड़बंदी, धनरिया प्राथमिक विद्यालय से शशि कुमार के घर तक चकरोड निर्माण में कुल 160 श्रमिकों की उपस्थिति एनएमएमएस पर की जा रही है।लेकिन मौके पर उस अवधि में काम होने का कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है। ग्रामीणों का मानना है कि मनरेगा में बड़े पैमाने पर घोटाला चल रहा है, जिसका आयाम किसी बड़े घोटाले से कम नहीं है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का मुख्य उद्देश्य इच्छुक ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को वित्तीय वर्ष में सौ दिनों का रोजगार देकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आजीविका सुरक्षा में वृद्धि लाना है। इसके तहत किसी कार्य के प्राक्कलन की तकनीकी व वित्तीय स्वीकृति के बाद मस्टर रोल जारी कर मजदूरों से काम कराते हुए उन्हें रोजगार दिया जाता है। नियम के मुताबिक तकनीकी सहायक से हस्ताक्षरित तथा प्राधिकृत मस्टर रोल को कार्य के दौरान कार्यस्थल पर रखा जाता है और रोजगार सहायक या मेठ उस पर मजदूरों की हाजिरी बनाते हैं। संबंधित पंचायत के तकनीकी सहायक द्वारा किए गए कार्य की मापी भी होती है और उसे एमबी बुक में अंकित किया जाता है। लेकिन ब्लाक में कई जगहों पर गंभीर अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं। धनरिया बनवासी बस्ती के रामप्रसाद सचिन,लालता, जगदीश, फूला, चिंता, बादामी, अनीता, राधिका, मुराही, सत्तन, ने कहा कि दो वर्षों से हम लोगों को मनरेगा में कहीं काम करने का अवसर नहीं मिला लेकिन हम लोगों के खाते में बराबर पैसा आता है । जिसको तैयारी गांव के रोजगार सेवक प्रदीप सिंह घर आकर अंगूठा लगावाकर पैसा निकाल लेते हैं ।

उसके एवज में दो से तीन सौ रूपए हम लोगों को मिलता है। लोगो का यहां कहना है कि इतना ही नहीं विकलांग लालजी बनवासी व 85 वर्षीय बुद्धा के खाते में भी मनरेगा का पैसा आता है जिसे निकलवा कर दो से तीन सौ रुपए दिए जाते हैं। खंड विकास अधिकारी दिनेश सिंह ने कहा कि कुछ कार्य ऐसे होते हैं जो पूर्व में कर दिए जाते हैं लेकिन उसका मास्टर रोल बाद में जारी होता है इसके चलते पहले से हुए कार्यों का भुगतान मजदूरों के खाते में किया जाता है।

Sach ki Dastak

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