विश्व कैंसर दिवस पर जनजागरूकता गोष्ठी का आयोजन


सच की दस्तक न्यूज डेस्क चन्दौली
जागरूकता ही कैंसर से बचाव का बेहतर उपाय-सीएमओ
विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में शनिवार को जन जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया| गोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाईके राय ने कहा की कैंसर एक जानलेवा बीमारी है इसके प्रति जागरूकता जरुरी है| इसी उद्देश्य से हर वर्ष 04 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है|
विश्व कैंसर दिवस पर जिले में ब्लॉक स्तर पर भी जागरूकता संबंधी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। साथ ही लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने व कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एनसीडी प्रकोष्ठ, तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ, जिला मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ के संविदा कर्मियों ने भी सहयोग किया। यह जानकारी कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ हेंमत कुमार दी।
मनोचिकित्सक डॉ नितेश सिंह ने कहा कि शुरू में कैंसर की पहचान होने से इसका उपचार संभव है। इलाज में होने वाली देरी के कारण रोग असाध्य हो जाता है। लोगों को इस रोग की जानकारी देने के लिए विश्व कैंसर दिवस पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया है। ब्लॉक स्तरीय शिविर का संचालन एक सप्ताह तक किया जाएगा। इस दौरान शिविर में आने वाले लोगों की विशेषज्ञ चिकित्सकों के माध्यम से जांच की जाएगी। साथ ही उन्हें रोग के विषय में समुचित जानकारी देते हुए बचाव संबंधी उपायों के प्रति जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुरुषों में फेफड़े, प्रोस्टेट,कोलोरेक्टल, पेट और लीवर का कैंसर सबसे आम होता है| जबकि महिलाओं को ब्रेस्ट, कोलोरेक्टल, फेफड़े, सर्वाइकल और थायराइड का कैंसर ज्यादा होता है। महिलाओं में बच्चेदानी के मुंह (सर्विस) का कैंसर एवं स्तन कैंसर सबसे ज्यादा होता है। कार्यक्रम में सीएमओ डॉ वाईके राय,ब सीएमएस उर्मिला सिंह,डीटीओ राजेश कुमार,एसीएमओ डॉ आरबी शरण एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे। क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट अजय कुमार ने कहा कि जागरूकता के दम पर कैंसर के अधिकांश मामलों से आसानी से निपटा जा सकता है| आमतौर पर पुरुषों में मुंह के कैंसर से जुड़े मामले अधिक मिलते हैं| वहीं महिलाओं में स्तन कैंसर अधिक पाया जाता है|
तंबाकू , गुटखा खैनी से होता है मुख कैंसर का खतरा
मुंह के कैंसर के लिये तंबाकू युक्त पदार्थ, गुटखा, खैनी, सिगरेट, बीडी, पान मसाला का प्रयोग जिम्मेदार होता है| लोगों को इसके प्रयोग से परहेज करना चाहिये| 4 से 10 फरवरी तक आयोजित होने वाले जागरूकता कार्यक्रम के दौरान संभावित मरीजों की स्क्रीनिंग के साथ जरूरी चिकित्सकीय परामर्श दिये जायेंगे| डॉ अभिषेक ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश लोगों को जागरूक कर प्रारंभिक स्टेज में ही रोग की पहचान कर उसका निदान करना है|
इससे मरीज का जीवन पूरी तरह से सुरक्षित हो जायेगा| स्तन कैंसर चार फीसद तक वंशानुगत होता है| यदि परिवार के किसी सदस्य को स्तन कैंसर रहा है तो परिवार के अन्य महिलाओं को 40 वर्ष की उम्र के बाद समय-समय पर जांच करानी चाहिए| सरवाइकल कैंसर पर चर्चा करते हुए उन्होंने (एचपीवी) ह्यूमन पैपीलोमा वायरस के विषय में भी बताया|


केवल पैप स्मियर इक्जामिनेशन के माध्यम से सरवाइकल कैंसर का पता प्रारंभिक स्थिति में ही लगाया जा सकता है| यदि किसी महिला को असामान्य योनिस्राव, भूख न लगती हो, वजन लगातार घट रहा हो तो तुरंत जांच करानी चाहिए। ब्लड की ल्यूकोमिया, हेपेटाइटिस-बी, हेपेटाइटिस-सी वायरस के चलते होने वाले लीवर कैंसर के लिए भी सचेत रहने को कहा| जागरूक रहकर इस बीमारी से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।
कैंसर के लक्षण- शरीर के किसी भाग में अचानक ऊतक का बढ़ जाना, शरीर में थकान, मुंह से मवाद आना, पीरियड्स में तकलीफ, कमजोरी, स्तन में अचानक बदलाव आदि हैं|
कैंसर से बचाव के उपाय-धूम्रपान, तम्बााकू, सुपाडी, पान, मसाला, गुटका, शराब आदि का सेवन न करें|विटामिन युक्त और रेशे वाला ( हरी सब्जीी, फल, अनाज, दालें) पौष्टिक भोजन खायें|